📖 - लेवी ग्रन्थ

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अध्याय 12

1) प्रभु ने मूसा से कहा,

2) ''इस्राएलियों से कहो यदि कोई स्त्री पुत्र प्रसव करेगी, तो वह सात दिन तक अशुद्ध रहेगी, जैसे वह ऋतुकाल में अशुद्ध रहती है।

3) आठवें दिन पुत्र का ख़तना किया जायेगा।

4) इसके बाद वह प्रसव के रक्तत्राव से तैंतीस दिन तक अशुद्ध रहेगी। जब तक उसके शुद्ध होने के दिन पूरे नहीं हो जायेंगे, तब तक वह न तो किसी पवित्र वस्तु का स्पर्श करेगी और न पवित्रस्थान में प्रवेश करेगी।

5) यदि वह कन्या प्रसव करेगी, तो वह दो सप्ताह तक अशुद्ध रहेगी, जैसे वह ऋतुकाल में अशुद्ध रहती है। वह प्रसव के रक्तस्त्राव से छियासठ दिन तक अशुद्ध रहेगी।

6) जब उसके शुद्धीकरण के दिन पूरे हो जायेंगे, तब उसने चाहे पुत्र प्रसव किया हो या कन्या, वह दशर्नकक्ष के द्वार के सामने याजक के पास होमबलि के लिए एक वर्ष का मेमना और प्रायश्चितबलि के लिए एक कबूतर या एक पण्डुक लाये।

7) याजक उन को प्रभु के सामने चढ़ा कर उसके लिए प्रायश्चितविधि सम्पन्न करेगा। इस प्रकार वह प्रसव के रक्तस्त्राव से शुद्ध हो जायेगी। यही पुत्र या कन्या प्रसव करने वाली स्त्री के नियम है।

8) यदि वह एक मेमना न चढ़ा सके, तो वह दो पण्डुक या दो कबूतर चढ़ाये एक होमबलि के लिए और एक प्रायश्चितबलि के लिए। इस प्रकार याजक उसके लिए प्रायश्चितविधि सम्पन्न करेगा और वह शुद्ध हो जायेगी।



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