📖 - रूत का ग्रन्थ

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अध्याय 04

1) बोअज़ नगर के फाटक के पास जा कर वहाँ बैठ गया। उद्धार करने का वह अधिकारी सम्बन्धी भी वहाँ पहॅुँचा, जिसके विषय में बोअज़ ने कहा था। बोअज़ ने कहा, "भाई! आओ, यहाँ बैठो।" वह आ कर वहीं बैठ गया।

2) फिर उसने नगर के नेताओं में दस को बुला कर उनसे कहा, "आप भी यहाँ बैठिए।"

3) बोअज़ ने उन लोगों के बैठने पर उस उद्धार करने के अधिकारी सम्बन्धी से कहा, "नोमी, जो मोआब देश से लौट आयी है, हमारे सम्बन्धी एलीमेलेक की जमीन बेचना चाहती है।

4) इसलिए मैंने यह विचार किया है कि तुम्हें उसके बारे में बता कर तुम से कह दूँ कि यहाँ बैठे हुए लोगों और प्रजा के नेताओं के सामने तुम उसे मोल ले लो। यदि तुम उसका उद्धार करना चाहते हो, तो करो और यदि तुम उद्धार नहीं करना चाहते हो, तो मुझे बताओ, जिससे तुम्हारी इच्छा मालूम हो जाये; क्योंकि तुम्हारे सिवा किसी और को उद्धार करने का अधिकार नहीं है। तुम्हारे बाद मेरा अधिकार है। उसने उत्तर दिया, "हाँ, मैं उसका उद्धार कारूँगा।"

5) इस पर बोअज़ ने कहा, "जिस दिन तुम नोमी से यह भूमि लोगे, उसी दिन तुम्हें उस मृतक की विधवा पत्नी मोआबिन रूत को भी अपनाना होगा, जिससे उस ज़मीन पर उस मृतक का नाम भी बना रहे।"

6) यह सुन उस सम्बन्धी ने कहा, "यदि ऐसा है, तो मैं उसका उद्धार नहीं करूँगा। नहीं तो मेरी अपनी विरासत को हानि पहुँचेगी। तुम उद्धार करने का अधिकार ले लो, क्योंकि मैं उद्धार करने में असमर्थ हूँ।"

7) प्राचीन काल में इस्राएल में उद्धार और विनिमय को सुदृढ़ करने की यह प्रथा थी कि मनुष्य अपना जूता उतार कर दूसरे को दे देता था। इस्राएल में किसी भी बात को सुदृढ़ करने की यही प्रथा थी।

8) इसलिए जब उस सम्बन्धी ने बोअज़ से कहा कि उसे तुम्हीं ख़रीद लो, तो उसने अपना जूता उतार दिया।

9) इस पर बोअज़ ने नेताओं और अन्य सब लोगों से कहा, "आज आप इस बात के साक्षी हैं कि मैंने नोमी के हाथों से एलीमेलेक, किल्योन और महलोन का सारा भूभाग ख़रीद लिया है।

10) इसके साथ ही मैंने महलोन की विधवा, मोआबिन रूत को भी अपना लिया है, जिससे मैं उस मृतक के दायभाग पर उसका नाम इसलिए बनाये रखूँ कि मृतक का नाम उसके सम्बन्धियों और उसके नगर के न्यायालय में नहीं मिटे। आज आप इस बात के साक्षी हैं।"

11) इस पर फाटक पर एकत्रित सब लोगों और नेताओं ने कहा, "हाँ, हम इस बात के साक्षी हैं। प्रभु ऐसा करे कि वह स्त्री, जो तुम्हारे घर आ रही है, राहेल और लेआ के समान हो, जिन दोनों ने इस्राएल का वंश चलाया था। तुम एफ्ऱाता में फलो-फूलो और बेथलेहेम में तुम्हारी कीर्ति बढ़े।

12) प्रभु की कृपा से इस युवती से उत्पन्न होने वाली सन्तान द्वारा तुम्हारा घर उस पेरेस के घर-जैसा बन जाये, जो यूदा के यहाँ तोमार से उत्पन्न हुआ था।"

13) बोअज़ ने रूत को अपनी पत्नी के रूप में अपनाया। बोअज़ का उस से संसर्ग हुआ। प्रभु की कृपा से रूत गर्भवती हो गयी और उसने पुत्र प्रसव किया।

14) स्त्रियों ने नोमी से कहा, "धन्य हैं प्रभु! उसने अब आप को एक उत्तराधिकारी दिया है और उसका नाम इस्राएल में बना रहेगा।

15) वह आप को नया जीवन प्रदान करेगा और बुढ़ापे में आपका सहारा होगा, क्योंकि आपकी बहू ने उसे जन्म दिया है। वह आप को प्यार करती है और आपके लिए सात पुत्रों से भी बढ़ कर है।"

16) नोमी ने शिशु को अपनी छाती से लगा लिया और उसका पालन-पोषण किया।

17) पड़ोस की स्त्रियों ने यह कहते हुए शिशु का नाम रखा, "नोमी को पुत्र उत्पन्न हुआ है।" उन्होंने उसका नाम ओबेद रखा वही दाऊद के पिता यिषय का पिता है।

18) पेरेस की वंशावली इस प्रकार है: पेरेस हेस्त्रोन का पिता था,

19) हेस्त्रोन राम का, राम अम्मीनादाब का,

20) अम्मीनादाब नहशोन का और नहशोन सलमोन का।

21) सलमोन बोअज़ का पिता था, बोअज़ ओबेद का,

22) ओबेद यिशय का और यिशय दाऊद का।



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