📖 - समूएल का पहला ग्रन्थ

अध्याय ➤ 01- 02- 03- 04- 05- 06- 07- 08- 09- 10- 11- 12- 13- 14- 15- 16- 17- 18- 19- 20- 21- 22- 23- 24- 25- 26- 27- 28- 29- 30- 31- मुख्य पृष्ठ

अध्याय 24

1) दाऊल वहाँ से ऊपर चढ़ कर एनगेदी के बीहड़ों में रहने लगा।

2) साऊल समस्त इस्राएल के तीन हज़ार चुने हुए योद्धाओं को लेकर, ‘जंगली बकरों की चट्टानों’ के पूर्व में दाऊद और उसके साथियों का पता लगाने निकला।

3) वह रास्ते के किनारे भेड़-बाड़ों के पास पहुँचा। वहाँ एक गुफा थी और साऊल शौच करने के लिए उस में घुस गया।

4) दाऊद और उसके साथी उस गुफा के भीतरी भाग में बैठे हुए थे।

5) दाऊद के साथियों ने उस से कहा, "वह दिन आ गया है, जिसके विषय में प्रभु ने आप से कहा था - मैं तुम्हारे शत्रु को तुम्हारे हवाले कर देता हूँ; उसके साथ वही करो, जो तुम्हें उचित लगे।" दाऊद ने उठ कर चुपके से साऊल के वस्त्र का टुकड़ा काट दिया।

6) दाऊद का हृदय धड़कने लगा, क्योंकि उसने साऊल के वस्त्र का टुकड़ा काट दिया

7) और उसने अपने साथियों से कहा, "प्रभु यह न होने दे कि मैं अपने स्वामी, प्रभु के अभिषिक्त पर हाथ डालूँ; क्योंकि प्रभु ने उनका अभिषेक किया है।"

8) दाऊद ने यह कहते हुए अपने साथियों को रोका और उन्हें साऊल पर आक्रमण करने नहीं दिया। साऊल उठ कर गुफा से बाहर निकला और अपने रास्ते चला गया।

9) दाऊद भी गुफा से निकला और उसने साऊल से पुकार कर कहा, "मेरे स्वामी, "मेरे स्वामी, मेरे राजा!" साऊल ने मुड़ कर देखा और दाऊल ने मुँह के बल गिर कर उसे दण्डवत् किया।

10) तब दाऊद ने साऊल से कहा, "आप क्यों उन लोगों की बात सुनते हैं, जो कहते हैं कि दाऊद आपकी हानि करना चाहता है?

11) आपने आज अपनी आँखों से देखा कि प्रभु ने आज गुफा में आप को मेरे हवाले कर दिया था और मेरे साथी चाहते थे कि मैं आपको मारूँ। किन्तु मैंने यह कहते हुए आप को बचाया, ‘मैं अपने स्वामी पर हाथ नहीं डालूँगा, क्योंकि वह प्रभु के अभिषिक्त हैं।’

12) देखिए, पिताजी! अपने वस्त्र का टुकड़ा मेरे हाथ में देखिए। मैंने आपके वस्त्र का टुकड़ा तो काट दिया, किन्तु आप को नहीं मारा- इस से यह जान लीजिए कि मुझ में न तो आपकी बुराई करने का विचार है और न विश्वासघात। मैंने आपके साथ कोई अन्याय नहीं किया, फिर भी आप मेरे प्राण लेने पर उतारू हैं।

13) प्रभु हम दोनों का न्याय करे। प्रभु आप को मेरा बदला चुकाये। मैं आप पर हाथ नहीं डालूँगा।

14) यह पुरानी कहावत है- बुरे लोगों से ही बुराई पैदा होती है। इसलिए मैं आप पर हाथ नहीं डालूँगा।

15) इस्राएल के राजा जिस से लड़ने निकले? आप किसका पीछा कर रहे हैं? मरे हुए कुत्ते का या किसी पिस्सू का?

16) प्रभु निर्णय देगा और हम दोनों का न्याय करेगा। वह विचार करे, मेरा पक्ष ले और मुझे आपके हाथों से छुड़ा कर न्याय दिलाये।"

17) जब दाऊद साऊल से यह सब बातें कह चुका था, तो साऊल ने कहा, "दाऊद बेटा! क्या यह तुम्हारी आवाज़ है?" इसके बाद साऊल फूट-फूट कर रोने लगा

18) और दाऊद से बोला, "न्याय तुमहारे पक्ष में है। तुमने मेरे साथ भलाई और मैंने तुम्हारे साथ बुराई की है।

19) तुमने आज इसका प्रमाण दिया कि तुम मेरी भलाई चाहते हो। प्रभु ने मुझे तुम्हारे हवाले कर दिया था और तुमने मुझे नहीं मारा।

20) जब शत्रु वश में आ गया हो, तो कौन उसे यों ही जाने देता है? तुमने आज मेरे साथ जो भलाई की है, प्रभु तुम को उसका बदला चुकाये।

21) अब मैं जान गया हूँ कि तुम अवश्य राजा बन जाओगे और तुम्हारे राज्यकाल में इस्राएल फलेगा -फूलेगा।

22) इसलिए प्रभु का नाम ले कर यह शपथ खाओ कि तुम मेरे बाद मेरे वंशजों का वध नहीं करोगे या मेरे पिता के घराने से मेरा नाम नहीं मिटाओगे।"

23) दाऊद ने साऊल के सामने इसकी शपथ खायी। तब साऊल अपने घर लौट गया। ऊधर दाऊद अपने आदमियों के साथ अपने पहाड़ी शरण-स्थान पर चढ़ गया।



Copyright © www.jayesu.com