📖 - समूएल का दुसरा ग्रन्थ

अध्याय ➤ 01- 02- 03- 04- 05- 06- 07- 08- 09- 10- 11- 12- 13- 14- 15- 16- 17- 18- 19- 20- 21- 22- 23- 24- मुख्य पृष्ठ

अध्याय 21

1) दाऊद के राज्यकाल में लगातार तीन साल तक अकाल पड़ा। दाऊद ने प्रभु से परामर्श किया। प्रभु ने कहा, "साऊल और उसके रक्तपिपासी कुटुम्ब के कारण यह अकाल पड़ा, क्योंकि उसने गिबओनवासियों का वध किया है।"

2) राजा ने गिबओनवासियों को बुलवा कर इसके विषय में बात की। (गिबओनवासी इस्राएलियों में नहीं गिने जाते। वे अमोरियों के अवशिष्ट वंशज है। इस्राएलियों ने शपथ खा कर उन्हें बचाने की प्रतिज्ञा की थी, किन्तु साऊल ने इस्राएल और यूदा की प्रजा के प्रति अपने धार्मिक उत्साह के कारण उनका सर्वनाश करने का यत्न किया था।)

3) दाऊद ने गिबओनवासियों से पूछा, "मैं तुम लोगों के लिए क्या कर सकता हूँ और किस तरह प्रायश्चित्त करा सकता हूँ, जिससे तुम प्रभु की विरासत को आशीर्वाद दो?"

4) गिबओनवासियों ने उससे कहा, "हम साऊल और उसके कुटुम्ब से सोने-चाँदी की माँग नहीं करते और न हमें इस्राएलियों में किसी के वध का अधिकार है"। तब उसने पूछा, "तो तुम मुझसे क्या चाहते हो? मैं वही तुम्हारे लिए करूँगा।"

5) उन्होंने राजा को उत्तर दिया, "जो आदमी हमारा सर्वनाश करना चाहता था और जो हमारा इस प्रकार संहार कर देना चाहता था कि इस्राएल की भूमि पर हमारे लिए कहीं कोई स्थान न रह जाये,

6) हमें उस आदमी के वंशजों में सात व्यक्ति दिये जायें, जिससे हम उन्हें साऊल के गिबआ में, प्रभु की पहाड़ी पर, प्रभु के सामने बल्ला गाड़ कर लटका सकें"। राजा ने उत्तर दिया, "मैं उन्हें तुमको दूँगा।"

7) लेकिन प्रभु के सामने की गयी उस शपथ के कारण, जो उनके बीच, दाऊद और साऊल के पुत्र योनातान के बीच हुई थी, राजा ने योनातान के पुत्र, साऊल के पौत्र मफ़ीबोशेत की रक्षा की।

8) इसलिए राजा ने उन दो पुत्रों को, जो अय्या की पुत्री रिस्पा से साऊल के यहाँ उत्पन्न हुए थे, अर्थात् अरमोनी और मफ़ीबोशेत को तथा उन पाँच पुत्रों को, जो साऊल की पुत्री मेरब से महोलावासी बरज़िल्लय के पुत्र अद्रीएल के यहाँ उत्पन्न हुए थे,

9) गिबओनवासियों को दे दिया और उन्होंने प्रभु के सामने पहाड़ी पर उन्हें बल्ले पर लटका दिया। इस प्रकार वे सातों एक साथ मर गये। फ़सल के प्रारम्भिक दिनों में, जब जौ की फ़सल प्रारंभ हुई थी, वे मार डाले गये।

10) अय्या की पुत्री रिस्पा ने चट्टान पर टाट फैलाया और वह वहाँ फ़सल के प्रारम्भ से उस दिन तक रही, जब तक आकाश से लाशों पर वर्षा नहीं हुई। वह दिन में आकाश के पक्षियों और रात को जंगली जानवरों को उनके पास आने से रोकती थी।

11) जब दाऊद को सूचना मिली कि अय्या की पुत्री और साऊल की उपपत्नी रिस्पा क्या कर रही है,

12) तब दाऊद ने साऊल की और उसके पुत्र योनातान की हड्डियाँ गिलआद के आबेशवासियों से मँगवायीं। वे उन्हें बेत-शान के चैक से चोरी-छिपे उठा ले गये थे, जहाँ फ़िलिस्तियों ने गिलबोआ पर्वत पर साऊल पर विजय प्राप्त करने के बाद उन्हें लटकाया था।

13) उसने साऊल और उसके पुत्र योनातान की हड्डियाँ वहाँ से मंगवायी। इसके बाद लटकाये हुए लोगों की हड्डियाँ एकत्रित कर

14) उन्हें साऊल और उसके पुत्र योनातान की हड्डियों की हड्डियों साथ, बेनयामीन के सेला में, उसके पिता कीश के समाधि स्थान में दफ़ना दिया। जब राजा की आज्ञा के अनुसार यह सब हो चुका, तब ईश्वर ने फिर देश पर दयादृष्टि की।

15) फ़िलिस्तियों और इस्राएलियों में युद्ध फिर छिड़ा और दाऊद अपने आदमियों को साथ लेकर फ़िलिस्तियों से लड़ने गया। इससे दाऊद थक गया।

16) यिशबी-बनोब, जो रफ़ाईम का वंशज था, दाऊद को मार डालना चाहता था। उसका भाला तीन सौ शेकेल काँसे का था और वह एक नयी तलवार बाँधे हुए था।

17) लेकिन सरूया के पुत्र अबीशेय ने दाऊद की सहायता की और उस फ़िलिस्ती पर आक्रमण कर उसे मार डाला। उस समय दाऊद के सैनिकों ने दाऊद को यह शपथ दिलवायी कि वह फिर कभी उनके साथ युद्ध करने नहीं निकलेगा। कहीं ऐसा न हो कि वह इस्राएल का दीप बुझा दे।

18) कुछ समय बाद गोब के निकट फ़िलिस्तियों से लड़ाई छिड़ गयी, हुशाती सिब्बकय ने सफ़ को मार डाला, जो रफ़ाईम का वंशज था।

19) जब गोब के पास फ़िलिस्तियों से फिर से लड़ाई छिड़ गयी, तब बेथलेहेमवासी यारे-ओरगीम के पुत्र एल्हानान ने गतवासी गोलयत को मार दिया। उसके भाले का दण्ड करघे के डण्डे-जैसा था।

20) जब गत के पास फिर से लड़ाई छिड़ी, तब एक दैत्याकार आदमी सामने आया। उसके हाथों में छः-छः अँगुलियाँ थीं और पाँवों में भी छः-छः अँगुलियाँ, इस तरह कुल चैबीस अँगुलियाँ थीं। वह भी रफ़ाईम का वंशज था।

21) जब उसने इस्राएलियों को ललकारा, तब दाऊद के भाई शिमआ के पुत्र योनातान ने उसका वध कर दिया।

22) ये चार गत के रफ़ाईम के वंशज थे और वे दाऊद तथा उसके सेवकों के हाथों मारे गये।



Copyright © www.jayesu.com