📖 - पहला इतिहास ग्रन्थ

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अध्याय 05

1) इस्राएल के पहलौठे रूबेन के पुत्र रूबेन पहलौठा तो था, किन्तु अपने पिता की शय्या को अपवित्र करने के कारण उसका पहलौठे का अधिकार इस्राएल के बेटे यूसुफ़ के पुत्रों को मिला। इसलिए वंशावली में रूबेन का नाम सब से पहले नहीं लिखा गया है।

2) यूदा अपने भाइयों से अधिक शक्तिशाली निकला और उसके वंश में एक शासक का उदय हुआ, किन्तु पहलौठे का अधिकारी यूसुफ़ को मिला।

3) इस्राएल के पहलौठे रूबेन के पुत्रः हनोक, पल्लू, हेस्रोन और करमी।

4) योएल के वंशजः उसका पुत्र शमाया, शमाया का पुत्र गोग, गोग का पुत्र शिमई,

5) शिमई का पुत्र मीका, मीका का पुत्र रआया, रआया का पुत्र बाल

6) और बाल का पुत्र बएरा, जिसे अस्सूर का राजा तिलगत-पिलनएसेर ने निर्वासित किया। वह रूबेनवंशियों का मुखिया था।

7) उसके भाई-बन्धु अपने-अपने कुलों के अनुसार वंशावली में नामांकित हैः मुखिया यईएल, फिर ज़कर्या

8) और आज़ाज का पुत्र बेला, जो शेमा का पौत्र और योएल का प्रपौत्र था। यह वंश अरोएर से ले कर नेबो और बाल-मओन तक बस गया।

9) वह पूर्व की ओर उस उजाड़खण्ड की सीमा तक रहता था, जो फ़रात नदी के इस पार है; क्योंकि गिलआद में उनके पशुओं की संख्या बहुत अधिक हो गयी थी।

10) उन्होंने साऊल के दिनों में हग्रियों से लड़ कर उन्हें पराजित किया। बाद में उन्होंने गिलआद के पूर्व के समस्त क्षेत्र में हग्रियों के निवासस्थान अपने अधिकार में कर लिये।

11) गाद के वंशज उनके पास बाशान देश में सलका तक बस गये।

12) योएल मुखिया था, शाफ़ाम दूसरा, फिर बाशान में यानय और शाफ़ाट।

13) उनके घरानों के अनुसार उनके भाई-बन्धु ये थेः मीकाएल, मशुल्लाम, शेबा, योरय, याकान, ज़ीआ और एबेर-सात।

14) ये अबीहैल के पुत्र थे। वह स्वंय हूरी का पुत्र था, हूरी यारोअह का पुत्र था, यारोअह गिलआद का, गिलआद मीकाएल का, मीकाएल यशीशय का, यशीशय यहदो का और यहदो बूज़ का पुत्र था।

15) अबदीएल का पुत्र और गूनी का पौत्र अही उनके घराने का मुखिया था।

16) वे गिलआद, बाशान और उसके नगरों में तथा शारोन के सब चरागाहों के सीमान्तों तक रहते थे।

17) वे यूदा के राजा योताम और इस्राएल के राजा यरोबआम के शासनकाल की वंशावलियों में नामांकित हैं।

18) रूबेन, गाद और आधे मनस्से के वंशों में कुल मिला कर चवालीस हज़ार सात सौ साठ वीर, युद्धकुशल, ढाल, तलवार और धनुष धारण करने वाले सैनिक थे।

19) वे हग्रियों और यटूर, नाफ़ीज़ तथा नोदाब के लोगों से लड़ते थे।

20) युद्ध में उन्हें सहायता मिली। प्रभु ने हग्रियों और उनके सहायकों को उनके हाथ दिया; क्योंकि वे युद्ध के समय प्रभु को दुहाई देते थे। प्रभु ने उनकी प्रार्थना सुनी, क्योंकि वे उस पर भरोसा रखते थे।

21) वे उनके पशुओं को ले गये, अर्थात् पचास हज़ार ऊँट, ढाई लाख भेडे़ं, दो हजार गधे। इनके अतिरिक्त उन्होंने एक लाख लोगों को बन्दी बनाया।

22) बहुत-से लोग मारे गये; क्योंकि वह लड़ाई ईश्वर की थी। इस युद्ध के बाद वे निर्वासनकाल तक यहाँ रहे।

23) मनस्से के आधे वंश के लोग बाशान से बाल-हेरमोन, सनीर और हेरमोन पर्वत तक बसते थे। उनकी जनसंख्या बहुत बड़ी थी।

24) उनके घरानों के मुखिया ये थेः यिशई, एलीएल, अज्रीएल, यिरमया, होदव्या और यहदीएल। ये वीर योद्धा, प्रसिद्ध पुरुष और अपने-अपने घरानों के मुखिया थे।

25) परन्तु अपने पूर्वजों के ईश्वर के साथ विश्वासघात कर वे उन देशवासियों के देवताओं के अनुगामी हो गये, जिन्हें ईश्वर ने उनके आ जाने पर भगा दिया था।

26) इसलिए इस्राएल के ईश्वर ने अस्सूर के राजा पूल (अर्थात् राजा तिलगत-पिलनएसेर) को प्रेरित किया और उसने रूबेन, गाद और आधे मनस्से के लोगों को निर्वासित किया। वह उन्हें हलह, हाबोर, हारा और गोज़ान नदी के तट के पास ले गया। वे आज तक वहीं हैं।

27) लेवी के पुत्रः गेरशोन, कहात और मरारी

28) कहात के पुत्रः अम्राम, यिसहार, हेब्रोन और उज़्ज़ीएल।

29) अम्राम के वंशजः हारून, मूसा और मिरयम। हारून के पुत्रः नादाब और अबीहू, एलआज़ार और ईतामार।

30) एलआज़ार पीनहास का पिता था; पीनहास अबीशूआ का,

31) अबीशूआ बुक्की का, बुक्की उज़्ज़ी का,

32) उज़्ज़ी जरह्या का, जरह्या मरायोत का,

33) मरायोत अमर्या का, अमर्या अहीटूब का,

34) अहीटूब सादोक का, सादोक अहीमअस का,

35) अहीमअस, अज़र्या का, अज़र्या योहानान का,

36) योहानान अज़र्या का पिता था। उसने उस मन्दिर में याजकीय सेवा की, जिसे सुलेमान ने येरूसालेम में बनवाया था।

37) अज़र्या अमर्या का पिता था, अमर्या अहीटूब का,

38) अहीटूब सादोक का, सादोक शल्लूम का,

39) शल्लूम हिलकीया का, हिलकीया अज़र्या का,

40) अज़र्या सराया का और सराया यहोसादाक का पिता था।

41) जब प्रभु ने नबूकदनेज़र द्वारा यूदा और येरूसालेम के लोगों को निर्वासित किया था, तब यहोसादाक भी निर्वासित किया गया था।



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