📖 - स्तोत्र ग्रन्थ

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अध्याय 136

1) प्रभु की स्तुति करो; क्योंकि वह भला है। उसका प्रेम अनन्त काल तक बना रहता है।

2) सर्वोच्च ईश्वर की स्तुति करो। उसका प्रेम अनन्त काल तक बना रहता है।

3) सर्वोच्च प्रभु की स्तुति करो। उसका प्रेम अनन्त काल तक बना रहता है।

4) उसी ने अपूर्व कार्य किये हैं। उसका प्रेम अनन्त काल तक बना रहता है।

5) उसने अपनी प्रज्ञा से आकाश बनाया है। उसका प्रेम अनन्त काल तक बना रहता है।

6) उसने पृथ्वी पर समुद्र स्थापित किया है। उसका प्रेम अनन्त काल तक बना रहता है।

7) उसने महान् नक्षत्रों की रचना की है। उसका प्रेम अनन्त काल तक बना रहता है।

8) उसने दिन का नियंत्रण करने के लिए सूर्य की सृष्टि की। उसका प्रेम अनन्तकाल तक बना रहता है।

9) रात्रि का नियन्त्रण करने के लिए चन्द्रमा और तारों की। उसका प्रेम अनन्त काल तक बना रहता है।

10) उसने मिस्रियों के पहलौठों को मारा। उसका प्रेम अनन्त काल तक बना रहता है।

11) वह उनके बीच में से इस्राएलियों को निकाल लाया। उसका प्रेम अनन्तकाल तक बना रहता है।

12) उसने हाथ बढ़ा कर अपने सामर्थ्य का प्रदर्शन किया। उसका प्रेम अनन्त काल तक बना रहता है।

13) उसने लाल सागर को दो भागों में विभाजित किया। उसका प्रेम अनन्त काल तक बना रहता है।

14) वह बीच में से इस्राएलियों को ले चला। उसका प्रेम अनन्त काल तक बना रहता है।

15) उसने फिराउन और उसकी सेना को समुद्र में बहा दिया। उसका प्रेम अनन्त काल तक बना रहता है।

16) वह अपनी प्रजा को मरूभूमि से हो कर ले चला। उसका प्रेम अनन्त काल तक बना रहता है।

17) उसने शक्तिशाली राजाओं को हराया। उसका प्रेम अनन्त काल तक बना रहता है।

18) उसने महान् राजाओं को मारा। उसका प्रेम अनन्त काल तक बना रहता है।

19) अमोरियों के राजा सीहोन को। उसका प्रेम अनन्त काल तक बना रहता है।

20) बाशान के राजा ओग को भी। उसका प्रेम अनन्त काल तक बना रहता है।

21) उसने उनकी भूमि को विरासत के रूप में दे दिया। उसका प्रेम अनन्त काल तक बना रहता है।

22) उसे विरासत के रूप में अपनी प्रजा इस्राएल को दे दिया। उसका प्रेम अनन्त काल तक बना रहता है।

23) उसने हमारी विपत्ति में हमें याद किया। उसका प्रेम अनन्त काल तक बना रहता है।

24) उसने हमें हमारे शत्रुओं के पंजे से छुड़ाया। उसका प्रेम अनन्त काल तक बना रहता है।

25) वह सब प्राणियों को आहार देता है। उसका प्रेम अनन्त काल तक बना रहता है।

26) स्वर्ग के ईश्वर की स्तुति करो। उसका प्रेम अनन्त काल तक बना रहता है।



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