📖 - इसायाह का ग्रन्थ (Isaiah)

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अध्याय 39

1) उस समय बलअदान के पुत्र बाबुल के राजा मरोदक-बलअदान ने दूतों द्वारा हिज़कीया के पास उपहार और साथ में एक पत्र भेजा; क्योंकि उसने सुना था कि वह अपनी बीमारी से अच्छा हो गया है।

2) हिज़कीया दूतों के अगमन से प्रसन्न हुआ और उसने उन्हें अपने भण्डारों की समस्त चाँदी, सोना, मसाले, सुगन्धित तेल, अपना सारा शस्त्रागार और अपनी सारी धन-सम्पत्ति दिखायी। उसके महल और उसके सारे राज्य में ऐसा कुछ न रहा, जिसे हिज़कीया ने उन्हें न दिखाया हो।

3) तब नबी इसायाह ने राजा हिज़कीया के पास आ कर उस से पूछा, “उन दूतों ने क्या कहा और वे आपके पास कहाँ से आये थे?“ हिज़कीया ने कहा, “वे दूर देश से, बाबुल से मेरे पास आये थे“।

4) फिर उसने पूछा, “उन्होंने आपके महल में क्या दखा?“ हिज़कीया ने कहा, “उन्होंने वह सब कुछ देखा, जो मेरे महल में है। मेरे भण्डारों में ऐसा कुछ न रहा, जिसे मैंने उन्हें न दिखाया हो।“

5) इस पर इसायाह ने हिज़कीया से कहा, “विश्वमण्डल के ्रप्रभु का कहना सुनिएः

6) श्वह दिन आ रहा है, जब वह सब कुछ, जो तुम्हारे महल में है और वह सब कुछ, जो तुम्हारे पूर्वजों ने आज तक एकत्रित किया है, बाबुल ले जाया जायेगा। कुछ भी शेष्ष नहीं रहेगा। यह प्रभु का कथन है।

7) आपके अपने पुत्रों में से भी कइयों को ले जाया जायेगा और वे बाबुल के राजा के महल में कंचुकियों का काम करेंगे।“

8) इस पर हिज़कीया ने इसायाह से कहा, “प्रभु का यह कथन, जिसे आपने सुनाया, अच्छा ही है“। उसने सोचा कि इसका अर्थ यह है कि मेरे जीवनकाल में शान्ति और सुरक्षा रहेगी।



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