📖 - यिरमियाह का ग्रन्थ (Jeremiah)

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अध्याय 35

1) योशिया के पुत्र यूदा के राजा यहोयाकीम के दिनों में यिरमियाह को प्रभु की यह वाणी सुनाई पड़ी:

2) ’रेकाबी घराने के लोगों के यहाँ जा कर उन से बात करो, उन्हें प्रभु के मन्दिर के किसी कक्ष में ले जाओ और उन्हें पीने के लिए अंगूरी दो।“

3) इसलिए मैंने हबस्सिन्या के पुत्र यिरमियाह के बेटे याजन्या को और उसके भाइयों तथा सब पुत्रों और रेकाबी घराने के सब लोगों को बुलाया।

4) मैं उन्हें प्रभु के मंदिर के ईश्वरभक्त यिगदल्या के बेटे हानान के पुत्रों के कक्ष में ले गया। वह शल्लूम के पुत्र द्वारपाल मासेया के कमरे के ऊपर, राज्याधिकारियों के कमरे के पास था।

5) तब मैंने रेकाबियों के सामने अंगूरी से भरी हुई सुराहियाँ और प्याले रख दिये और उन से कहा, “अंगूरी पीजिए“।

6) लेकिन वे यह बोले, “हम अंगूरी नहीं पियेंगे, क्योंकि रेकाब के पुत्र हमारे पूर्वज योनादाब ने हमें यह आदेश दिया थाः ’तुम या तुम्हारे पुत्र कभी अंगूरी नहीं पियेंगे।

7) तुम घर नहीं बनाओगे; बीज नहीं बोओगे। तुम न तो अंगूर के बाग़ लगाओगे और न रखोगे, बल्कि तुम सब दिन तम्बुओं में रहोगे, जिससे तुम इस देश में, जहाँ तुम प्रवासी हो, बहुत दिन रह सको।’

8) हमने रेकाब के पुत्र और अपने पूर्वज योनादाब के सभी आदेशों का पालन किया है और अपने पूरे जीवन में न तो हमने, हमारी पत्नियों, हमारे पुत्रों या पुत्रियों ने कभी अंगूरी पी है

9) और न रहने के लिए घर बनाया है। हमारे पास दाखबारी, खेत या बीज नहीं है,

10) बल्कि हम तम्बुओं में रहते आये हैं और हमारे पूर्वज योनादाब ने हमें जो-जो आदेश दिये हैं, हमने उनका पालन किया है।

11) किन्तु जब बाबुल के राजा नबूकदनेज़र ने इस देश पर आक्रमण किया, तो हम यह बाले, ’आइए, हम खल्दैयियों और अरामियों की सेना से बच निकलने के लिए येरूसालेम चलें। इस प्रकार हम येरूसालेम में रह रहे हैं।“

12) यिरमियाह को प्रभु की यह वाणी सुनाई पड़ी:

13) “विश्वमण्डल का प्रभु, इस्राएल का ईश्वर यह कहता है: तुम यूदा के लोगों और येरूसालेम के निवासियों से जा कर यह कहो- प्रभु कहता है, ’क्या तुम मेरी शिक्षा ग्रहण नहीं करोगे और मेरी बातों पर ध्यान नहीं दोगे?

14) रेकाब के पुत्र योनादाब ने अपने वंशजों को अंगूरी न पीने का जो आदेश दिया था, उसका पालन किया गया है और वे आज तक अंगूरी नहीं पीते; क्योंकि उन्होंने अपने पूर्वज के आदेश का पालन किया है। मैंने तुम्हें बार-बार समझाया है, लेकिन तुमने मेरी बातों पर ध्यान नहीं दिया है।

15) मैंने तुम्हारे पास अपने सेवक, नबियों को यह कहने के लिए निरन्तर भेजा है, “अब तुम में से प्रत्येक व्यक्ति अपना दुराचरण त्याग दे, अपना आचरण सुधारे और अन्य देवताओं का अनुगमन और पूजा करना छोड़ दे। तभी तुम इस देश में रह सकोगे, जिसे मैंने तुम्हें और तुम्हारे पूर्वजों को प्रदान किया है।'' लेकिन तुमने मेरी आज्ञा नही मानी और मेरी एक न सुनी।

16) रेकाब के पुत्र योनादाब के वंशजों ने अपने पूर्वज के आदेश का पालन किया है, लेकिन इन लोगों ने मेरी अवज्ञा की है।’

17) “इसलिए प्रभु, विश्वमण्डल का ईश्वर, इस्राएल का ईश्वर यह कहता: ’देखों मैं यूदा और येरूसालेम के निवासियों पर वे सभी विपत्तियाँ ढाहने वाला हूँ, जिनकी चेतावनी मैं उन्हें दे चुका हूँ; क्योंकि मैंने उन से कहा है और उन्होंने नहीं सुना है, मैंने उन्हें पुकारा है और उन्होंने उत्तर नहीं दिया है'।''

18) तब रेकाबी घराने के लोगों से यिरमियाह यह बोलाः ’विश्वमण्डल का प्रभु, इस्राएल का ईश्वर यह कहता है, ’तुमने अपने पूर्वज योनादाब के आदेश का पालन किया है, उसके सभी उपदेश माने हैं और उसकी सभी आज्ञाओं के अनुसार आचरण किया है;

19) इसलिए विश्वमण्डल का प्रभु, इस्राएल का ईश्वर यह कहता है- ’रेकाब के पुत्र योनादाब को मेरी सेवा करने वाले वंशज का कभी अभाव नहीं होगा’।“



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