📖 - आमोस का ग्रन्थ (Amos)

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अध्याय 07

1) प्रभु-ईश्वर ने मुझे यह दृश्य दिखाया: राजा के चारे की फसल कट गयी थी और रबी के अंकूर फूटने लगे थे कि टिड्डियों का दल पैदा हो गया।

2) जब वे देश की पूरी हरियाली चाट चुकी, तब मैंने कहा, "प्रभु-ईश्वर! मैं गिडगिडाता हूँ, क्षमा कर; याकूब इतना छोटा है, वह कैसे बचेगा?"

3) यह सुन कर प्रभु-ईश्वर मान गया और बोला, "अब ऐसा नहीं होगा’।

4) प्रभु-ईश्वर ने मुझे यह दृश्य दिखाया: प्रभु-ईश्वर ने दण्ड देने के लिए आग को आज्ञा दी थी।

5) वह अतल समुद्र को सुखा चुकी थी और भूमि की ओर आगे बढ रही थी कि मैंने कहा, "प्रभु-ईश्वर! मैं गिडगिडाता हूँ इसे रोक दे; याकूब इतना छोटा है, वह कैसे बचेगा?

6) यह सुन कर प्रभु-ईश्वर मान गया और बोला, "अब यह भी नहीं होगा"।

7) प्रभु-ईश्वर ने मुझे यह दृश्य दिखायाः दीवार के पास, हाथ में साहूल लिए एक आदमी खड़ा था।

8) प्रभु-ईश्वर ने मुझ से पूछा, "आमोस! तुम क्या देखते हो?" मैंने कहा, "साहुल"। तब प्रभु ने मुझ से कहा, "मैं अपनी प्रजा इस्राएल पर साहुल लगाता हूँ; अब मैं उनके अपराधों का दण्ड दिये बिना नहीं छोडूँगा।

9) इसहाक के पूजा-टीले उजाड दिये जायेंगे! इस्राएल के पूजास्थान नष्ट कर दिये जायेंगे और अब यरोबआम के घराने के विरुद्ध मैं तलवार उठाऊँगा।"

10) बेतेल के याजक अमस्या ने इस्राएल के राजा यरोबआम के पास यह सन्देश भेजा, "इस्राएल में ही आमोस आपके विरुद्ध षडयन्त्र रच रहा है। देश उसके भाषण सह नहीं सकता,

11) "क्योंकि आमोस ने यह कहा है- यरोबआम तलवार के घाट उतारा जायगा और इस्राएल अपने स्वदेश से निर्वासित किया जायेगा।"

12) बेतेल के याजक अमस्या ने आमोस से कहा, "नबी! यहाँ से चले जाओ। यूदा के देश भाग जाओ। वहाँ भवियवाणी करते हुए अपनी जीविका चलाओ।

13) बेतेल में भवियवाणी करना बन्द करो; क्योंकि यह तो राजकीय पुण्य-स्थान है, यह राज मन्दिर है।"

14) आमेास ने अमस्या को यह उत्तर दिया, "मैं न तो नबी था और न नबी की सन्तान। मैं चरवाहा था और गूलर के पेड़ छाँटने वाला।

15) मैं झुण्ड चरा ही रहा था कि प्रभु ने मुझे बुलाया मुझ से यह कहा, ‘जाओ! मेरी प्रजा इस्राएल के लिए भवियवाणी करो’।

16) अब तुम प्रभु की वाणी सुनो। तुम तो कहते हो- इस्राएल के विरुद्ध भविष्यवाणी मत करो, इसहाक के वंश के विरुद्ध बकवाद मत करो।

17) किन्तु प्रभु यह कहता है। तुम्हारी पत्नी यहाँ नगरवधू बन जायेगी, तुम्हारे पुत्र-पुत्रियाँ तलवार के घाट उतार दिये जायेंगे और तुम्हारी भूमि जरीब द्वारा बाँट दी जायेगी। तुम स्वयं एक अपवित्र देश में मरोगे और इस्राएल अपने स्वदेश से निर्वासित किया जायेगा।"



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