यूखरिस्तीय प्रार्थना - 2

पु० : प्रभु आप लोगों के साथ हो।

सब: और आपकी आत्मा के साथ।


पु० : प्रभु में मन लगाइए।

सब: हम प्रभु में मन लगाए हुए हैं।


पु० : हम अपने प्रभु ईश्वर को धन्यवाद दें।

सब: यह उचित और न्यायसंगत है।


पु० : हे परम पवित्र पिता, यह वास्तव में उचित और न्यायसंगत है, हमारा कर्त्तव्य तथा कल्याण है कि हम सदा और सर्वत्र तेरे प्रिय पुत्र येसु खीस्त के द्वारा तुझे धन्यवाद दें। ये ही हैं तेरे आदि-शब्द, जिनके द्वारा तूने सृष्टि की रचना की, जिन्हें तूने हमारे मुक्तिदाता तथा उद्धारकर्त्ता के रूप में भेजा, इन्होंने पवित्र आत्मा की शक्ति से देह धारणकर कुँवारी से जन्म लिया। इन्होंने क्रूस पर अपनी भुजाएँ पसारी और दुःख भोगा, ताकि मृत्यु के बंधनों को तोड़कर ये पुनरुत्थान प्रकट करें। इस भाँति इन्होंने तेरी इच्छा पूरी करके तेरे लिए एक पवित्र प्रजा प्राप्त की है। इसलिए, स्वर्गदूतों और सब संतों के स्वर में स्वर मिलाकर हम भी तेरी महिमा का बखान करते हैं :

सब: पवित्र, पवित्र, पवित्र प्रभु विश्वमण्डल के ईश्वर ! स्वर्ग और पृथ्वी तेरी महिमा से परिपूर्ण हैं। सर्वोच्च स्वर्ग में होसन्ना ! धन्य हैं वे, जो प्रभु के नाम पर आते हैं। सर्वोच्च स्वर्ग में होसन्ना !

(पुरोहित अपने हाथों को फैलाए हुए बोलते हैं :)

पु० : हे प्रभु, तू वास्तव में पवित्र है, सारी पवित्रता का स्रोत है।

(वे करबद्ध होते हैं; पुन: अपने हाथों को भेंट के ऊपर फैलाते हुए बोलते हैं : )

पु.पु० : हम तुझसे प्रार्थना करते हैं : तू इन उपहारों को अपने आत्मा के संस्पर्श से पवित्र कर दे

(वे रोटी तथा कटोरे पर एक साथ एक बार क्रूस का चिह्न बनाते हुए बोलते हैं ; )

कि ये हमारे प्रभु येसु खीस्त के शरीर तथा + रक्त बन जाएँ।

(वे करबद्ध होते हैं। निम्नलिखित प्रार्थनाओं में प्रभु के शब्दों का स्पष्ट और अक्षरश: उच्चारण किया जाना चाहिए, क्योंकि यह इन शब्दों की प्रकृति द्वारा अपेक्षित है।)

जब वे स्वेच्छा से मृत्यु के लिए सौंपे गए,

(वे रोटी लेते हैं और उसे वेदी के थोड़ा-सा ऊपर उठाकर जारी रखते हैं : )

उन्होंने रोटी ली, तुझे धन्यवाद दिया और रोटी तोड़कर उसे अपने शिष्यों को देते हुए कहा :

(वे थोड़ा नतमस्तक होते हैं।)

तुम सब इसे लो और इसमें से खाओ, क्योंकि यह मेरा शरीर है, जो तुम्हारे लिए बलि चढ़ाया जाएगा।

(वे लोगों को प्रतिष्ठित होस्तिया दिखाते हैं; और उसे पुनः थालिका में रखकर आराधना में नतजानु होते हैं। तब वे जारी रखते हैं :)

इसी भाँति, भोजन के बाद

((वे कटोरा लेते हैं और उसे वेदी के थोड़ा-सा ऊपर उठाकर जारी रखते हैं :

उन्होंने कटोरा लिया, तुझे धन्यवाद दिया और उसे अपने शिष्यों को देते हुए कहा :

(वे थोड़ा नतमस्तक होते हैं।)

तुम सब इसे लो और इसमें से पिओ, क्योंकि यह मेरे रक्त का कटोरा है, नवीन और अनंत व्यवस्थान का रक्त, जो तुम्हारे और बहुतों के पापों की क्षमा के लिए बहाया जाएगा। तुम मेरी स्मृति में यह करो।

(वे लोगों को कटोरा दिखाते हैं; और उसे पुनः दिव्यान्नपट पर रखकर आराधना में नतजानु होते हैं। तब वे बोलते हैं :)

पु० : विश्वास का रहस्य।

सब:हे प्रभु, हम तेरी मृत्यु और पुनरुत्थान की घोषणा तेरे पुनगगमन तक करते रहेंगे।

अथवा

हे प्रभु, जब हम यह रोटी खाते और यह कटोरा पीते हैं, तेरे पुनरागमन तक तेरी मृत्यु की घोषणा करते हैं।

अथवा

हे विश्व के उद्धारकर्त्ता, हमारा उद्धार कर। तूने अपने क्रूस तथा पुनरुत्थान द्वारा हमें मुक्त किया है।

(तब पुरोहित अपने हाथों को फैलाए हुए बोलते हैं :)

पु.पु० : इसलिए, हे प्रभु, हम ख्रीस्त की मृत्यु और पुनरुत्थान की स्मृति में तुझे जीवन की रोटी और मुक्ति का कटोरा चढ़ाते हैं; हम तुझे धन्यवाद देते हैं कि तूने हमें अपने सम्मुख उपस्थित होने और अपनी सेवा करने का सौभाग्य प्रदान किया है। हमारा नम्न निवेदन है कि हम सब खीस्त का शरीर और रक्त ग्रहण करके पवित्र आत्मा के द्वारा एकता के सूत्र में बँधे रहें।

पु०1 : हे प्रभु, हमारे संत पिता (नाम) हमारे धर्माध्यक्ष (नाम) और सभी याजकों के साथ विश्व भर में फैली अपनी कलीसिया की सुधि ले, तथा झसे प्रेम में सिद्ध बना दे।


(मृतकों के लिए मिस्सा में निम्नलिखित अंश जोड़ा जा सकता है :)

पु० : हे प्रभु, अपने सेवक (अपनी सेविका) (नाम) की सुधि ले जिनको तूने (आज) इस लोक से अपने यहाँ बुला लिया है, इन्हें यह वर दे कि जैसे ये बपतिस्मा में तेरे पुत्र की मृत्यु के (की) सहभागी हुए थे (हुई थीं), वैसे ही उनके पुनरुत्थान का भी सौभाग्य प्राप्त करें।


पु०2 : हमारे उन भाई-बहनों की भी सुधि ले, जो पुनरुत्थान की आशा में परलोक सिधार चुके हैं, उन्हें और सभी मृतकों को अपने दर्शन का सौभाग्य प्रदान कर । हम सब पर दयादृष्टि डाल कि हम भी अनंत जीवन के सहभागी बनें और ईश्वर की माता धन्य कुँवारी मरियम, उनके वर धन्य योसेफ, धन्य प्रेरितों तथा सब संतों के साथ, जो युग-युग में तेरे प्रति विश्वस्त बने रहे, तेरी स्तुति और महिमा कर सकें

(वे करबद्ध होते हैं।)

तेरे पुत्र येसु खीस्त के द्वारा।

(वे कटोरा, और थालिका में होस्तिया लेते हैं और दोनों को ऊपर उठाते हुए बोलते हैं :)

पु.पु० : इन्हीं प्रभु खीस्त के द्वारा, इन्हीं के साथ और इन्हीं में, हे सर्वशक्तिमान् पिता ईश्वर, पवित्र आत्मा के साथ, सारा गौरव तथा सम्मान युगानुयुग तेरा ही है।

सब: आमेन।

Go to Communion Rite (परम प्रसाद की विधि)