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आगमन का पहला इतवार

इसायाह 63:16ब-17,19ब, 64:2ब-7, ; 1 कुरिन्थियों 1:3-9; मारकुस 13:33-37

फादर शैल्मोन अंथोनी


हमारा सांसारिक जीवन अनिश्चिताओं से भरा हुआ है। इसलिए हम इसका सामना करने के लिए सदा तैयार रहते हैं। उदाहरण के लिए – आग कब लगेगी इसकी हमारे पास कोई जानकारी नहीं है। इसलिए अग्निशामक हमेशा तैयार रहता है। दुर्घटना कब होगी ये भी हमें पता नहीं इसलिए एम्बुलेंस सदा तैयार रहती है है। ठीक इसी प्रकार समाज में हम सांसारिक जीवन की अनिश्चिताओं का सामना करने के लिए सदा तैयार रहते हैं।

आज प्रभु येसु हम से कहते हैं कि हमारे आध्यात्मिक जीवन में भी हमारे लिये इसी प्रकार सदा जागरूक रहना बहुत जरूरी है, क्योंकि यह हमारी आत्मा का विषय है। जीवन में मृत्यु सुनिश्चित है लेकिन यह कब आएगी हम में से किसी को भी नहीं पता। हम ऎसा जीवन बिता रहे हैं जिसके बारे मे संत याकूब कहते हैं कि हम नहीं जानते कि कल हमारा क्या हाल होगा। जीवन एक कुहरा मात्र है - वह एक क्षण दिखाई दे कर लुप्त हो जाता है। (याकूब 4:14) इसलिए रोमियों के नाम संत पौलुस के पत्र में वचन कहते हैं – आप लोग समय पहचानते हैं। आप लोग जानते हैं कि नींद से जागने की घडी आ गयी है। जिस समय हम ने विश्वास किया था, उस समय की अपेक्षा अब हमारी मुक्ति अधिक निकट हैं। (रोमियो 13:11)

प्रभु येसु ने ईश्वर के सुसमाचार प्रचार को यह कहते हुए आरंभ किया, समय पूरा हो चुका है। ईश्वर का राज्य निकट आ गया है। पश्चाताप करो और सुसमाचार में विश्वास करो। (मारकुस 1:14-15) और अपने पूरे जीवन में बार-बार लोगों से यह आग्रह करते रहे कि आध्यात्मिक जीवन में सावधान रहो, जागते रहो, तैयार रहो क्योंकि तुम नहीं जानते कि मानव-पुत्र कब आयेगा। (मारकुस 13:33, मत्ती 24:42-44, 25:10, लूकस 21:36)

याद रखना चाहिए कि जो हमेशा तैयार रहता है उस के लिए प्रभु का दिन दुल्हे का आगमन के समान होगा – जैसे कि समझदार कुँवारियों ने दुल्हे के साथ विवाह-भवन में प्रवेश किया (मत्ती 25:10), और जो तैयार नहीं रहता है उस के लिए प्रभु का दिन फन्दे की तरह हो – सावधान रहो। कहीं ऐसा न हो कि भोग-विलास, नशे और इस संसार की चिन्ताओं से तुम्हारा मन कुण्ठित हो जाये और वह दिन फन्दे की तरह अचानक तुम पर आ गिरे। (लूकस 21:34) या चोर की तरह हो - भाइयों! आप तो अन्धकार में नहीं हैं, जो वह दिन आप पर चोर की तरह अचानक आ पडे। (1थेसलनी 5:4) तुम ने जो शिक्षा स्वीकार की और सुनी, उसे याद रखो, उस का पालन करो और पश्चात्ताप करो। यदि तुम नहीं जागोगे, तो मैं चोर की तरह आऊॅगा और तुम्हें मालूम नहीं हैं कि मैं किस घडी तुम्हारे पास आ जाऊॅगा। (प्रकाशना 3:3)

मानवपुत्र की अगवानी करने के लिए हमें किस प्रकार की तैयारी करनी हैं? मानव पुत्र को स्वीकार करने के लिए एवं उनके द्वारा प्रदत्त मुक्ति का अधिकारी होने के लिए हमें अन्धकार के कर्मों को त्याग कर, ज्योति के शस्त्र धारण करना हैं। दिन के योग्य सदाचरण करना हैं। रंगरलियों और नशेबाजी, व्यभिचार और भोगविलास, झगडे और ईष्या से दूर रहें। आप लोग प्रभु ईसा मसीह को धारण करें और शरीर की वासनाएँ तृप्त करने का विचार छोड दें। (रोमियो 13:12-14)

आदिम ईसाई समुदाय में प्रेरितगण को पत्रों द्वारा प्रभु के दिन की अगवानी के लिए अपने आपको पवित्र और निर्दोष बनाये रखने के लिए ईसाइयों से बार-बार आहृान करते हुए हम पाते हैं। - शान्ति का ईश्वर आप लोगों को पूर्ण रूप से पवित्र करे। आप लोगों का मन आत्मा तथा शरीर हमारे प्रभु ईसा मसीह के दिन निर्दोष पाये जायें। (1थेसलनीकि 5:23) आप लोग प्रभु के दिन तक आपने ह्रदयों को हमारे पिता ईश्वर के सामने पवित्र और निर्दोष बनाये रखें, जब हमारे प्रभु ईसा अपने सब सन्तों के साथ आयेंगे। (1थेसलनीकि 3:13) ईश्वर अन्त तक आपलोगों को विश्वास में सुदृढ बनाये रखेगा, जिससे आप हमारे प्रभु ईसा मसीह के दिन निर्दोष पाये जायें। (1कुरिन्थि 1:8) प्रेरितों का उपदेश गंभीरता से लेते हुए कुरिन्थि के ईसाई समुदाय ने प्रभु के दिन के लिए अपने आप को तैयार किया है जिसके बारे मे हम आज के दूसरे पाठ में पढते है। संत पौलूस कहते हैं- आप लोगों मे किसी कृपादान की कमी नहीं है और अब आप हमारे प्रभु ईसा मसीह के आगमन की प्रतीक्षा कर रहे हैं। (1कुरिन्थि 1:7)

हम अपने आप से पूछें कि बालक येसु को स्वीकार करने के लिए इस आगमन काल में मुझे क्या करना होगा। जब योहन ने लोगों से कहा पश्चाताप करो तब जनता ने, नाकेदार ने और सैनिक ने भी योहन से पूछा कि उन्हें क्या करना चाहिए। जवाब में योहन उन सब को एक ही प्रकार के जवाब नहीं देते है बल्कि उनके व्यक्तिगत जीवन में जो पाप वे करते आ रहे थे उन पापों के प्रति पश्चाताप करते हुए ईश्वर के राज्य को स्वीकार करने के लिए आग्रह करते है। तो हमे भी इस बात का पता करना चाहिए कि हमें इस आगमन काल में क्या करना चाहिए है ।

आईए हम ईश्वर को धन्यवाद दें कि हमें प्रभु की आगवानी करने के लिए पुनः एक और मौका मिला है । इस आगमन काल में हम अपने आप को सब से सुन्दर तरीके से तैयार करें ताकि हम प्रभु येसु मसीह को योग्य रीति से स्वीकार कर सकें। येसु हमारे बीच हमें ईश्वर का अनुग्रह प्रदान करने आ रहे हैं।


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