दफन-विधि

IN THE HOUSE (or Chapel)

1. The celebrant makes the sign of the cross and greets the faithful:

अनुष्ठाता: पिता और पुत्र और पवित्र आत्मा के नाम पर।

सब: आमेन।

अनुष्ठाता: प्रभु आप लोगों के साथ हो।

सब: और आप के साथ भी।
2. He briefly introduces the celebration in these or similar words.

अनुष्ठाता:- प्रिय भाइयो और बहनो, हम अपने भाई .... (अपनी बहन .....) की दफन-विधि में भाग लेने के लिए यहाँ जमा हुए हैं। हम अपनी प्रार्थना द्वारा ख्रीस्त के मुक्तिप्रद मरण और पुनरुत्त्थान की शक्ति पर अपना विश्वास प्रकट करते हैं। हम इस दुखित परिवार को अपनी सहानुभूति दिखाएँ जिस से वे सच्चे भातृप्रेम का अनुभव कर पिता ईश्वर की दयालुता पर पूरा भरोसा रख सकें। हम प्रभु येसु की ये बातें याद करें: ”थके माँदे और वोझ से दबे हुए लोगो! तुम सब के सब मेरे पास आओ, मैं तुम्हें विश्राम दूँगा।“ - हम संत पौलुस के साथ बोल सकते हैं: ”धन्य हो हमारे प्रभु येसु ख्रीस्त का ईश्वर तथा पिता, परम दयालु पिता और शांति का ईश्वर, जो हमारे सब संकटों में हमें दिलासा देता है।“
3. A psalm of hope is said. The celebrant invites the people (this psalm or an appropriate hymn may be sung):

अनुष्ठाता:- हम सब मिल कर भजन 22 बोलें। भजनकार इस में प्रभु पर अपना पक्का विश्वास व्यक्त करता है। आप लोगों का उत्तर है: - हे प्रभु ! आप अपने राज्य में मुझे याद कीजिएगा।
1. प्रभु मेरा चरवाहा है। मुझे किसी बात की कमी नहीं। वह मुझे हरे मैदानों में चराता है। वह मुझे विश्राम के लिए जल के निकट ले जा कर मुझ में नव-जीवन का संचार करता है।

सब: हे प्रभु ! आप अपने राज्य में मुझे याद कीजिएगा।
2. वह अपने नाम का सच्चा है, वह मुझे धर्म-मार्ग पर ले चलता है। चाहे अंधेरी घाटी हो कर जाना क्यों न पडें, मुझे किसी अनिष्ट की आशंका नहीं, क्योंकि तू मेरे साथ रहता है। तेरी लाठी, तेरे सोंटे पर मुझे भरोसा है।
3. तू मेरे शत्रुओं के देखते-देखते मेरे लिए खाने की मेज सजाता है। तू मेरे सिर पर तेल का विलेपन करता है। तू मेरा प्याला लबालब भर देता है।
4. इस प्रकार तेरी भलाई और तेरी कृपा से मैं जीवन भर घिरा रहता हूँ। प्रभु का मंदिर ही मेरा घर है, मैं उसमें अनन्त काल तक निवास करूँगा।
Oration
4. The celebrant says the oration.

अनुष्ठाता:- हम प्रार्थना करें। हे प्रभु, स्वर्ग-राज्य में अपने पुत्र (अपनी पुत्री) ..... को प्रवेश पाने दे। तू इस लोक से इनको अपने पास बुला लिया है। सारे पाप-बंधन से इन्हें मुक्त कर अनंत शांति और प्रकाश से आलोकित कर। तेरी दया से ये भी तेरे सब संतो और भक्तों के साथ पुनरुत्थान की महिमा प्राप्त करें। हम यह प्रार्थना करते हैं अपने प्रभु ख्रीस्त के द्वारा।

सब:- आमेन।
5. For the Liturgy of the Word either or both readings with the psalm are read. The celebrant says:

अनुष्ठाता:- स्वयं ईश्वर अपने एकलौते पुत्र येसु ख्रीस्त के द्वारा, हमें दिलासा का संदेश सुनाना चाहता है। हम भक्तिपूर्वक उसकी वाणी सुनें।
पहला पाठ पाठक :- तिमथी के नाम संत पौलुस का दूसरा पत्र (2:8-13)
”यदि हम उनके साथ मर गए, तो हम उनके साथ जीवन भी प्राप्त करेंगे।“
दाऊद के वंशज येसु मसीह को बराबर याद रखिए, जो मेरे सुसमाचार के अनुसार मृतकों में से जी उठे हैं। इस सुसमाचार की सेवा में मैं कष्ट पाता हूँ और अपराधी की तरह बन्दी हूँ। परन्तु ईश्वर का वचन बन्दी नहीं होता। मैं चुने हुए लोगों के लिए सब कुछ सह लेता हूँ जिससे वे भी येसु के द्वारा मुक्ति तथा सदा बनी रहने वाली महिमा प्राप्त करें। यह कथन सुनिश्चित है - यदि हम उनके साथ मर गए, तो हम उनके साथ जीवन भी प्राप्त करेंगे, यदि हम दृढ़ रहें, तो उनके साथ राज्य करेंगे; यदि हम उन्हें अस्वीकार करेंगे, तो वह भी हमें अस्वीकार करेंगे; यदि हम मुकर जाएँगे, तो भी वह सत्यप्रतिज्ञ बने रहते हैं, क्योंकि वह अपने स्वभाव के विरुध्द नहीं जा सकते।
यह प्रभु की वाणी है।

सब:- ईश्वर को धन्यवाद।


भजन

अनुवाक्यः मेरी आत्मा जीवन्त ईश्वर की प्यासी है।
1. हे मेरे ईश्वर! हरिणी जैसे जलधारा के लिए तरसती है, मेरी आत्मा वैसे ही तेरे लिए तरसती है।
2. मेरी आत्मा ईश्वर की, जीवन्त ईश्वर की प्यासी है। मैं कब तक जा कर ईश्वर के दर्शन करूँगा?
3. मैं तीर्थयात्रियों के साथ-साथ आनन्द और स्तुति के गीत गाते हुए, अपने ईश्वर के भव्य निवास, उसके पवित्र मंदिर जाया करता था।
4. अपनी ज्योति और अपना सत्य भेज दे। वे मुझे मार्ग दिखाएँ और मुझे तेरे पर्वत तक, तेरे निवासस्थान तक पहुँचा दें।
5. मैं ईश्वर की वेदी के पास जाऊँगा, ईश्वर के पास, जो मेरा आनन्द है। मैं वीणा बजा कर अपने प्रभु ईश्वर की स्तुति करूँगा।

जयघोष
(अल्लेलूया, अल्लेलूया), प्रभु कहते हैं, ”मेरे पिता की इच्छा यह है कि जो कोई पुत्र में विश्वास करे, उसे अनन्त जीवन प्राप्त हो। मैं उसे अंतिम दिन पुनर्जीवित कर दूँगा। (अल्लेलूया)
सुसमाचार
संत योहन के अनुसार पवित्र सुसमाचार (14:1-6)
येसु ने अपने शिष्यों से कहा - ”तुम्हारा जी न घबरा जाए। ईश्वर में विश्वास रखो और मुझ में भी विश्वास रखो! मेरे पिता के यहाँ बहुत से निवास-स्थान हैं। यदि ऐसा नहीं होता, तो मैं तुम्हें बता देताय क्योंकि मैं तुम्हारे लिये स्थान का प्रबंध करने जाता हूँ। मैं वहाँ जाकर तुम्हारे लिये स्थान का प्रबन्ध करने के बाद फिर आऊँगा और तुम्हें अपने यहाँ ले जाउँगा, जिससे जहाँ मैं हूँ, वहाँ तुम भी रहो। मैं जहाँ जा रहा हूँ, तुम वहाँ का मार्ग जानते हो। थोमस ने उन से कहा, ”प्रभु! हम यह भी नहीं जानते कि आप कहाँ जा रहे हैं, तो वहाँ का मार्ग कैसे जान सकते हैं?“ ईसा ने उस से कहा, ”मार्ग सत्य और जीवन मैं हूँ। मुझ से हो कर गये बिना कोई पिता के पास नहीं आ सकता।“
यह प्रभु का सुसमाचार है।
6. The celebrant preaches a short homily. He may use the following text:

प्रवचन
प्रिय भाइयो और बहनो, इस शोक की घड़ी में प्रभु हमारा आश्रय है। वही ख्रीस्त, जिन्होंने लाजरुस के देहान्त पर आँसू बहाए, हम से कहते हैं, ”तुम्हारा जी न घबरा जाए। ईश्वर में विश्वास रखो।“ प्रभु समझते हैं कि अब हमारी आँखों में दुख के आँसू भर आते हैं, तो भी वह चाहते हैं कि हमारा हृदय व्याकुल नहीं, पर शांतिमय हो। इस शांति से हम अपना यह विश्वास प्रकट करते हैं कि हम सब के लिए मृत्यु अनन्त जीवन का प्रवेश है, और हम इस शारीरिक व्यवस्था से निकल कर नवीन और ईश्वरीय जीवन प्राप्त करते हैं।
फिर भी येसु हमें इतना प्यार करते हैं कि दुख और मृत्यु का संकट पार कर वह स्वर्ग पर चढ़े और वहाँ हमारा अनन्त निवास तैयार करने लगे। हमारे भाई (हमारी बहन) ...... अपनी जीवन-यात्रा समाप्त कर पिता के यहाँ पहुँच रहे (रही) हैं। जहाँ दूत और संतगण इनका स्वागत करते हैं। हमारा शोक विश्वास, भरोसे और आनन्द से परिपूर्ण होना चाहिए। ईश्वर करे कि हम ख्रीस्तीय मनोभावना से यह दफन-विधि सम्पन्न कर सकें।
7. If the celebrant does not accompany the coffin to the grave, he may say here the Prayer of the Faithful as found below under n.16.

VALEDICTORY RITE

(In the house or the chapel)

8. Standing close to the coffin, the celebrant addresses the congregation in these or similar words:

अनुष्ठाता:- मृत विश्वासियों को दफनाना आपना कर्तव्य समझ कर हम अपने भाई (अपनी बहन) का मृत शरीर लाए हैं। हम भरोसे के साथ पिता ईश्वर से प्रार्थना करें, जो सभी प्राणीयों में जीवन का संचार करता है। जो शरीर आज क्षीण दशा में दफनाया जा रहा है, उसे ईश्वर पुनरुत्थान के दिन बल देकर पुनर्जीवित करे, और इन भाई (बहन) को सन्तों की संगति में रखे। न्याय के समय वह इनके प्रति दया-भाव रखे। ये मृत्यु से मुक्त होकर और सभी ऋणों से छुटकारा पाकर पिता से मेल-मिलाप कर लें, भले गड़ेरिये की संगति में पधारें, और सब संतों के साथ अनन्त जीवन प्राप्त करें।
All pray for some time in silence
9. The celebrant sprinkles holy water on the coffin. Meanwhile the Valedictory Chant (or another appropriate song) may be sung.

देर न हो अब देर न हो,
प्रभुवर के दूतो संतो,
स्वागत कर इस आत्मा को
अर्पित आप करें प्रभु को।
(हे ईश्वर के संतों, उसकी सहायता करने आइए। हे प्रभु के दूतगण, उसकी अगवानी करने आइए और उसकी आत्मा ग्रहण कर ईश्वर के सम्मुख पहुँचा दीजिए।)

दूत उठाकर इब्राहीम की
गोद में इसको सज्जित कर दें
प्रेम भरे निज कर-कमलों से
प्रभुवर इसका आर्पण ले लें।
(ख्रीस्त ने तुम्हें बुलाया है। वही तुम्हारा स्वागत करें और स्वर्ग-दूत तुम्हें इब्राहीम की गोद में ले जाएँ। उसकी आत्मा ग्रहण कर ईश्वर के सम्मुख पहुँचा दीजिए।)

दे पभु, इसको शांति अपार,
चमके इस पर परम प्रकाश।
स्वागतम् करें दूत संत सब
पहुँचे अब यह स्वर्ग-निवास।
हे प्रभु, उसे अनन्त शांति प्रदान कर। उसे अनन्त ज्योति से आलोकित कर। उसकी आत्मा ग्रहण कर ईश्वर के सम्मुख पहुँच दीजिए।

10. The celebrant concludes with the following prayer:

अनुष्ठाता:- हे दयालु पिता, तेरे हाथों में हम अपने भाई (अपनी बहन) ... की आत्मा सौंप देते हैं। हमारा दृढ़ विश्वास है कि अंतिम दिन ये उन सब के साथ, जो ख्रीस्त में मर गए हैं, जी उठेंगे (उठेंगी), और ख्रीस्त के साथ, अनन्त काल तक जीते (जीती) रहेंगे (रहेंगी)। (इस जीवन में इनके प्रति किए गए तेरे सभी उपकारों के लिए हम तुझे धन्यवाद देते हैं। इन वरदानों ने हम सब के प्रति तेरा स्नेह और संतों के साथ हमारा भाईचारा प्रकट किया है।)
हे प्रभु, दयापूर्वक हमारी प्रार्थना सुन। स्वर्ग का द्वार हमारे भाई (हमारी बहन) ... के लिए खोल दे। हम सब से ये भाई (बहन) विदा हो गए हैं: विश्वास-भावना से हम एक दूसरे को उस समय तक दिलासा देते रहें, जब तक कि ख्रीस्त से हमारा पुनर्मिलन न हो। इस भाँति हम तुझ से और इन भाई (बहन) से सदा संयुक्त रहेंगे।
11. While the coffin is carried out of the house, people sing this or another song.
जय-जय तेरा स्वागत गाकर
दूत स्वर्ग का द्वार खोल दें।
आकर अमर शहीद तुझे भी
नव येरूसालेम ले चलें।

दूत-संत प्रभुवर के सारे
गावें तेरा जय-जय गान,
बसे सदा तू अमर शांति में
जहाँ लाजरुस धनी महान।

PROCESSION TO THE GRAVE

12. On the way to the grave, people say the rosary and sing some appropriate chants.

AT THE GRAVE

13. The celebrant blesses the grave, saying:

अनुष्ठाता:- हे प्रभु येसु ख्रीस्त, तीन दिनों तक कब्र में रहकर तूने अपने भक्तों की कब्र पवित्र कीं। इसलिए हम विश्वास करते हैं कि यद्यपि हमारा शरीर पृथ्वी के गर्भ में रखा जाता है, हम तेरे समान ही जी उठेंगे। हमारे भाई (हमारी बहन) .... का शरीर इस कब्र में उस घडी तक विश्रामपूर्वक पड़ा रहे जब तू, जो पुनरुत्थान और जीवन है, इस भाई (बहन) को पुनर्जीवित और आलोकित न कर दे। हे प्रभु, स्वर्ग-राज्य में ये तेरे मुखमंडल की ज्योति से सुशोभित रहें, जहाँ तू युगानुयुग जीता रहता है।

सब:- आमेन।
14. The celebrant sprinkles holy water on the grave and the coffin and then incenses both.
15. The coffin is lowered into the grave. Meanwhile the celebrant says:

अनुष्ठाता:- सर्वशक्तिमान ईश्वर ने हमारे भाई (हमारी बहन) को इस संसार से बुला लिया है। इसलिए हम इनका शरीर उस मिट्टी में रख रहे हैं, जिससे यह बनाया गया था। मृतकों में से सर्वप्रथम ख्रीस्त जी उठे। हमारा विश्वास है कि ख्रीस्त हमारे नश्वर शरीर को पुनर्जीवित कर अपने महिमामय शरीर के समान बना देंगे। हम लोग अपने भाई (अपनी बहन) ... के लिए प्रभु से निवेदन करें कि वह इनको अपनी परम शांति के निवास में ले जाएँ और इनकी देह को अंतिम दिन पुनर्जीवित करें।
Prayer of Petition
16. The celebrant may lead the Prayer of Petition adapting it to the present celebration.

अनुष्ठाता:- हे सर्वशक्तिमान पिता, तूने अपने पुत्र येसु को मृतकों में से जिलाया: हम पूरे भरोसे के साथ तुझसे प्रार्थना करते हैं: अपने विश्वासियों को मुक्ति प्रदान कर।
1. हमारे भाई (हमारी बहन) ... को बपतिस्मा में अनंत जीवन की जमानत मिली थी, अब अपने संतों की संगति में इनका स्वागत कर।

सब:- हे पिता हमारी प्रार्थना सुन।
2. इन्होंने ख्रीस्त का शरीर, अनंत जीवन का भोजन, ग्रहण किया था, इनका शरीर अंतिम दिन पुनर्जीवित हो जाए। (मृत पुरोहित के लिए - हमारे भाई .... इस पृथ्वी पर पुरोहित का कार्य करते थे, अब तू स्वर्ग के पूजन-समारोह में इनका स्वागत कर)
3. हम अपने मृत भाई-बहनों, संबंधियों और उपकारकों के लिये प्रार्थना करते हैं, तू उन्हें पुण्य-कर्मों का इनाम दे।
4. जितने लोग पुनरुत्थान की आशा में शांति की नींद सो रहे हैं, वे सब तेरे प्रत्यक्ष दर्शन करें।
5. जो अपने प्रिय जनों की मृत्यु पर शोक मनाते हैं, उन्हें तू कृपा करके सहायता और दिलासा दे।
6. हम सब को, जो तेरी उपासना करने यहाँ एकत्र हुए हैं, तू अपने प्रतापमय राज्य में बुला ले।
Instead of the usual oration, the celebrant invites all present to say the Lord’s Prayer:

अनुष्ठाता:- हम सब मिलकर पिता ईश्वर से यह उत्तम प्रार्थना करें जिसे हमारे प्रभु येसु ख्रीस्त ने हमें सिखाया और हमारे मृत भाई (हमारी मृत बहन) .... बारंबार बोले (बोली) हैं।

सब:- हे पिता हमारे .....
The ‘Hail Mary’ may be added. The celebrant says:

अनुष्ठाता:- माता मरियम अपने सेवक (अपनी सेविका) ..... की आड़-रक्षा करें:

सब:- प्रणाम मरिया, ....
17. The ceremony closes with the Sign of the Cross. Before they disperse, people may sing a hymn.


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Praise the Lord!