झण्ड़े की आशिष

पुरोहित: पिता और पुत्र और पवित्र आत्मा के नाम पर। 

सब: आमेन। 

पुरोहित:हमारे प्रभु येसु ख्रीस्त की कृपा, जिन्होंने हमारी मुक्ति के लिए अपना शरीर और रक्त अर्पित किया, ईश्वर का प्रेम तथा पवित्र आत्मा का साहचर्य आप सबों को प्राप्त हो।

सब: और आपको भी।

पुरोहित:प्रिय भाइयों और बहनों, हम बड़ी खुशी से सन्त ............. (पवित्र कुॅवारी माता मरियम) के आदर में यह त्योहार मनाने वाले हैं। हम ईश्वर से निवेदन करें कि जिन धर्मविधियों में हम भाग लेने जा रहे हैं वे हमारे आध्यात्मिक जीवन के लिए फलप्रद सिद्ध हो और हमें ईश्वरीय प्रेम तथा पड़ोसी की सेवा में अग्रसर होने में सहायक बनें।

(सब मौनपूर्वक प्रार्थना करते हैं)

पुरोहित:हे सर्वशक्तिमान श्वाश्वत ईश्वर, तू ने अपने पुत्र की मृत्यु तथा पुनरुत्थान द्वारा मनुश्यों का उद्धार किया है; हम में अपनी करुणा का कार्य सुरक्षित रख । इस झण्ड़े पर अपनी आशिश बरसा जो तेरी महिमा का प्रतीक है। यह हमें तेरे मुक्ति-विधान का स्मरण दिलाते रहे। तेरी कलीसिया के सदस्य तेरे पवित्रतम नाम द्वारा तुझ से शरीर का सास्थ्य और आत्मा की रक्षा प्राप्त कर सकें । यह निवेदन स्वीकार कर हमारे प्रभु ख्रीस्त के द्वारा ।

सब:आमेन ।

(पुरोहित झण्ड़े पर तथा उपस्थित लोगों पर पवित्र जल छिड़कते हैं) 


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