यूखरिस्तीय प्रार्थना – 7

विविध आवश्यकताओं के लिए यूखरिस्तीय प्रार्थना - 1

पु. - प्रभु आप लोगों के साथ हो।

सब - और आपकी आत्मा के साथ।


पु. - प्रभु में मन लगाइए।

सब - हम प्रभु में मन लगाए हुए हैं।


पु. - हम अपने प्रभु ईश्वर को धन्यवाद दें।

सब - यह उचित और न्यायसंगत है।


पु. - हे प्रभु, अति भले पिता,यह वास्तव में उचित और न्यायसंगत है कि हम तुझे धन्यवाद दें और तेरी स्तुति तथा महिमा करें। अपने पुत्र के सुसमाचार द्वारा तू प्रत्येक भाषा और संस्कृति के लोगों को अपनी कलीसिया में एकत्रित करता और उन्हें पवित्र आत्मा के सामर्थ्य से अनुप्राणित करता रहता है, ताकि हर युग में तेरी संतति एक बनी रहे। तेरी कलीसिया तेरे प्रेम का सुदृढ़ साक्ष्य देती है, वह तेरे राज्य के आगमन की आशा की पोषक है, वह अनंत काल तक बनी रहने वाली तेरी दयालुता की पोषक है, जिसकी प्रतिज्ञा तूने हमारे प्रभु येसु खीस्त के द्वारा की है। इसलिए, स्वर्गिक शक्तियों के साथ मिलकर हम भी पृथ्वी पर निरंतर तेरी आराधना करते और सारी कलीसिया से संयुक्त होकर एक स्वर से घोषित करते हैं

सब: पवित्र, पवित्र, पवित्र प्रभु विश्वमण्डल के ईश्वर ! स्वर्ग और पृथ्वी तेरी महिमा से परिपूर्ण हैं। सर्वोच्च स्वर्ग में होसन्ना ! धन्य हैं वे, जो प्रभु के नाम पर आते हैं। सर्वोच्च स्वर्ग में होसन्ना !


(पुरोहित अपने हाथों को फैलाए हुए बोलते हैं : )


पु. - हे ईश्वर, तू वास्तव में पवित्र और प्रशंसा के योग्य है, तू मानवजाति से प्रेम करता और हमारी जीवन-दयात्रा में सदा हमारे साथ चलता है। सचमुच धन्य हैं तेरे पुत्र, जो हमारे बीच उपस्थित हैं, और अपने प्रेम में हम सबको एकत्रित करते हैं। जैसे एक बार उन्होंने अपने शिष्यों के लिए धर्मग्रंथ के रहस्यों को खोला और रोटी तोड़ी थी, वैसे ही अब वे हमारे लिए भी करते हैं।


(वे करबद्ध होते हैं और भेंट के ऊपर अपने हाथों को फैलाए हुए बोलते हैं : )


पु. - इसलिए, हे परम दयालु पिता, हम निवेदन करते हैं : तू अपने पवित्र आत्मा को भेज दे कि वह रोटी और दाखरस के इन उपहारों को पवित्र कर दे


(वे करबद्ध होते हैं और रोटी तथा कटोरे पर एक साथ एक बार क्रूस का चिह्न बनाते हुए बोलते हैं : )


पु. - कि ये हमारे प्रभु येसु खीस्त के शरीर तथा + रक्त बन जाएँ।


(वे करबद्ध होते हैं। निम्नलिखित प्रार्थनाओं में प्रभु के शब्दों का स्पष्ट और अक्षरश: उच्चारण किया जाना चाहिए, क्योंकि यह इन शब्दों की प्रकृति द्वारा अपेक्षित है।)


पु. - अपने दुःखभोग के एक दिन पहले अंतिम ब्यालू की रात को


(वे रोटी लेते हैं और उसे वेदी के थोड़ा-सा ऊपर उठाकर जारी रखते हैं : )


पु. - उन्होंने रोटी ली, उसे आशिष दी और रोटी तोड़कर उसे अपने शिष्यों को देते हुए कहा :


(वे थोड़ा नतमस्तक होते हैं : )


पु. - तुम सब इसे लो और इसमें से खाओ, क्योंकि यह मेरा शरीर है, जो तुम्हारे लिए बलि चढ़ाया जाएगा।


(वे लोगों को प्रतिष्ठित होस्तिया दिखाते हैं; और उसे पुन: थालिका पर रखकर आराधना में नतजानु होते हैं। इसके बाद वे जारी रखते हैं : )


पु. - इसी भाँति, भोजन के बाद


(वे कटोरा लेते हैं और उसे वेदी के थोड़ा-सा ऊपर उठाकर जारी रखते हैं : )


पु. - उन्होंने कटोरा लिया, तुझे धन्यवाद दिया और उसे अपने शिष्यों को देते हुए कहा :


(वे थोड़ा नतमस्तक होते हैं : )


पु. - तुम सब इसे लो और इसमें से पिओ, क्योंकि यह मेरे रक्त का कटोरा है, नवीन और अनंत व्यवस्थान का रक्त, जो तुम्हारे और बहुतों के पापों की क्षमा के लिए बहाया जाएगा। तुम मेरी स्मृति में यह करो।


(वे लोगों को कटोरा दिखाते हैं; और उसे पुन: दिव्यान्नपट पर रखकर आराधना में नतजानु होते हैं। तब वे बोलते हैं : )


पु. - विश्वास का रहस्य।

सब:हे प्रभु, हम तेरी मृत्यु और पुनरुत्थान की घोषणा तेरे पुनगगमन तक करते रहेंगे।

अथवा

हे प्रभु, जब हम यह रोटी खाते और यह कटोरा पीते हैं, तेरे पुनरागमन तक तेरी मृत्यु की घोषणा करते हैं।

अथवा

हे विश्व के उद्धारकर्त्ता, हमारा उद्धार कर। तूने अपने क्रूस तथा पुनरुत्थान द्वारा हमें मुक्त किया है।


(तब पुरोहित अपने हाथों को फैलाए हुए बोलते हैं : )


पु. - इसलिए, हे पवित्र पिता, हम तेरे पुत्र अपने मुक्तिदाता खीस्त की स्मृति मना रहे हैं, जिन्हें तूने दुःखभोग तथा क्रूसमरण द्वारा पुनरुत्थान की महिमा तक पहुँचाया और अपने दाहिने बैठाया। जीवन की यह रोटी और आशिष का यह प्याला चढ़ाते हुए हम उनके पुनरागमन तक तेरे प्रेमकार्यों की घोषणा करते हैं। अपनी कलीसिया की इस भेंट पर दयादृष्टि डाल। हम पास्का के मेमने खीस्त का बलिदान सम्पन्न करते हैं। यह वर दे कि तेरे प्रेममय आत्मा के सामर्थ्य से हम तेरे पुत्र के शरीर तथा रक्त के सहभागी होकर अब और अनंत काल तक उनके अंग बने रहें।


पु.1 - अपने सुसमाचार की शिक्षा के अनुरूप अपनी कलीसिया (नाम) का नवनिर्माण कर, अपनी प्रजा तथा परिपालकों के बीच एकता का सूत्र सुदृढ़ कर दे, ताकि संघर्ष और असंतोष द्वारा विभाजित इस संसार में तेरे विश्वासीगण अपने संत पिता (नाम), अपने धर्माध्यक्ष (नाम) और धर्माध्यक्षों की मण्डली के साथ एकता तथा शांति के प्रतीक बने। हमारी आँखें खोल दे कि हम अपने भाई-बहनों की आवश्यकताओं को पहचान सकें। हमें वचन तथा कर्म की ऐसी प्रेरणा दे कि हम थके-माँदे और बोझ से दबे लोगों को सांत्वना दें। खीस्त के उदाहरण और उनकी आज्ञा के अनुसार हम भी दूसरों की सेवा में विश्वस्त पाए जाएँ; तेरी कलीसिया सत्य तथा स्वतंत्रता, शांति तथा न्याय का जीवंत साक्ष्य दे और सारी मानवजाति के लिए आशा की नयी किरण बने।


पु. 2 - हमारे उन भाई-बहनों (नाम) की सुधि ले, जो ख्रीस्त की शांति में विश्राम कर रहे हैं, सब मृत विश्वासियों की सुधि ले, जिनका विश्वास केवल तू जानता है। पुनरुत्थान में उन्हें जीवन की पूर्णता प्रदान कर और अपने दर्शन के आलोक से उन्हें आनंदित कर दे। हमें कृपा दे कि इस जीवन-यात्रा के बाद हम तेरे स्वर्गधाम में प्रवेश करें और अनंत काल तक तेरे साथ निवास कर सकें। वहाँ हम ईश्वर की माता धन्य कुँवारी मरियम, उनके वर धन्य योसेफ, प्रेरितों तथा शहीदों, (संत ... दिन-विशेष के संत या संरक्षक संत का नाम) तथा सब संतों के साथ तेरी स्तुति और प्रशंसा करते रहेंगे।


(वे करबद्ध होते हैं। )


पु. - तेरे पुत्र येसु खीस्त के द्वारा।


(वे कटोरा, तथा थालिका में होस्तिया लेते हैं और दोनों को ऊपर उठाते हुए बोलते हैं : )


पु. - इन्हीं प्रभु खीस्त के द्वारा, इन्हीं के साथ और इन्हीं में, हे सर्वशक्तिमान् पिता ईश्वर, पवित्र आत्मा के साथ, सारा गौरव तथा सम्मान युगानुयुग तेरा ही है।


सब - आमेन।


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