सन्ध्या-वन्दना

पास्का का दूसरा सप्ताह - बुधवार


अगुआ : हे ईश्वर, हमारी सहायता करने आ जा।

समूह : हे प्रभु, हमारी सहायता करने शीघ्र ही आ जा।


अगुआ : पिता और पुत्र और पवित्र आत्मा की महिमा हो।

समूह : जैसे वह आदि में थी, अब है और अनन्त काल तक। आमेन।


मंगलगान


अग्र. 1 : हे ईश्वर, सागर ने तुझे देखा; तू अपनी प्रजा को समुद्र से होकर ले चला; अल्लेलूया।


स्तोत्र 76 प्रभु के कार्यों का स्मरण।

मैं ऊँचे स्वर से ईश्वर को पुकारता हूँ।
मैं ईश्वर को पुकारता हूँ, वह मेरी सुनेगा।
अपने संकट के दिन मैं प्रभु को खोजता हूँ।
दिन-रात बिना थके उसके आगे हाथ पसारता हूँ।

मेरी आत्मा सान्त्वना अस्वीकार करती है।
मैं ईश्वर को याद करते हुए विलाप करता हूँ।
मनन करते-करते मेरी आत्मा शिथिल हो जाती है।
तू मेरी आँख लगने नहीं देता।

मैं व्याकुल हूँ और नहीं जानता कि क्या कहूँ।
मैं अतीत के दिनों पर, बहुत पहले बीते वर्षों पर विचार करता हूँ।
रात को मुझे अपना भजन याद आता है।
मेरा हृदय इस पर विचार करता है और मेरी आत्मा यह पूछती है:

क्या प्रभु सदा के लिए त्यागता है?
क्या वह फिर कभी हम पर दयादृष्टि नहीं करेगा?
क्या उसकी सत्यप्रतिज्ञता लुप्त हो गयी है?

क्या उसकी वाणी युगों तक मौन रहेगी?
क्या प्रभु दया करना भूल गया है?
क्या उसने क्रुद्ध हो कर अपना हृदय का द्वार बन्द कर लिया?"

मैं कहता हूँ, "मेरी यन्त्रणा का कारण यह है
कि सर्वोच्च प्रभु ने अपना दाहिना हाथ खींच लिया"।

मैं प्रभु के महान् कार्य याद करता हूँ,
प्राचीनकाल में उसके किये हुए चमत्कार।
मैं तेरे सभी कार्यों पर विचार करता हूँ,
तेरे अपूर्व कार्यों का मनन करता हूँ।

ईश्वर! तेरा मार्ग पवित्र है।
कौन देवता हमारे ईश्वर-जैसा महान है?
तू वह ईश्वर है, जो चमत्कार दिखाता है।
तूने राष्ट्रों में अपना सामर्थ्य प्रदर्शित किया।

तूने अपने बाहुबल से अपनी प्रजा का,
याकूब और युसूफ के पुत्रों का उद्धार किया।

ईश्वर! सागर ने तुझे देखा। सागर तुझे देख कर काँप उठा,
अगाध गर्त भी घबरा गया।
बादल बरसने लगे, आकाश गरजने लगा,
बिजली चारों ओर चमकने लगी।

तेरा गर्जन बवण्डर में सुनाई पड़ा,
बिजली ने संसार को आलोकित किया,
पृथ्वी काँप उठी और डोलने लगी।

तेरा मार्ग समुद्र हो कर जाता था,
गहरे सागर हो कर तेरा पथ जाता था।
तेरे पदचिन्हों का पता नहीं चला।

तूने मूसा और हारून के द्वारा झुण्ड की तरह
अपनी प्रजा का पथप्रदर्शन किया।

अग्र. : हे ईश्वर, सागर ने तुझे देखा; तू अपनी प्रजा को समुद्र से होकर ले चला; अल्लेलूया।

अग्र. 2 : प्रभु से ही मृत्यु और जीवन प्राप्त होता है; अल्लेलूया।


भजन स्तुति : 1 समुएल 2:1-10

मेरा हृदय प्रभु के कारण आनन्दित हो उठा,
मुझे अपने प्रभु से बल मिलता है।
मैं अपने शत्रुओं का सामना कर सकता हूँ,
क्योंकि तेरा सहारा मुझे उत्साहित करता है।

प्रभु-जैसा कोई पावन नहीं, तुझे छोड़ कर कोई नहीं,
हमारे ईश्वर- जैसी कोई चट्टान नहीं।
घमण्ड-भरी बातें मत करो,
तुम्हारे मुख से ढिठाई के शब्द नहीं निकलें।
प्रभु सर्वज्ञ ईश्वर है, वह कर्मों का लेखा रखता है।

शक्तिशालियों के धनुष टूट गये,
और जो दुर्बल थे, वे शक्तिसम्पन्न बन गये।
जो तृप्त थे, वे रोटी के लिए मज़दूरी करते है।
और जो भूखे थे, वे सम्पन्न बन गये।

जो बाँझ थी, वह सात बार प्रसव करती है।
और जो पुत्रवती थी, उसकी गोद ख़ाली है।
प्रभु मारता और जिलाता है,
वह अधोलोक पहुँचाता और वहाँ से निकालता है।

प्रभु निर्धन और धनी बना देता है,
वह नीचा दिखाता और ऊँचा उठाता है।

वह दीन-हीन को धूल से निकालता
और कूड़े पर बैठे कंगाल को ऊपर उठा कर
उसे रईसों की संगति में पहुँचाता
और सम्पन्न के आसन पर बैठाता है;

क्योंकि पृथ्वी के खम्भे प्रभु के हैं, उसने उन पर जगत् को रखा है।
वह अपने भक्तों के क़दमों की रक्षा करता है,
किन्तु दुष्ट जन अन्धकार में लुप्त हो जायेंगे;
क्योंकि मनुष्य अपने बाहुबल के कारण विजयी नहीं होता।

प्रभु के विरोधी नष्ट हो जायेगे,
वह उनके विरुद्ध आकाश में गरज उठेगा।
प्रभु समस्त पृथ्वी का न्याय करेगा
वह अपने राजा को सामर्थ्य प्रदान करेगा।
वह अपने अभिषिक्त का सिर ऊँचा उठायेगा।

अग्र. : प्रभु से ही मृत्यु और जीवन प्राप्त होता है; अल्लेलूया।

अग्र. 3 :धर्मियों के लिए ज्योति का उदय होता है; निष्कपट लोग आनन्त मनातेर हैं; अल्लेलूया।


स्तोत्र 96 प्रभु के शासन की महिमा

प्रभु राज्य करता है। पृथ्वी पर उल्लास हो!
असंख्य द्वीप आनन्द मनायें।
अन्धकारमय बादल उसके चारों ओर मँडराते हैं।
उसका सिंहासन धर्म और न्याय पर आधारित है।

अग्नि उसके आगे-आगे चलती है
और उसके शत्रुओं को चारों ओर जलाती है।
उसकी बिजली संसार पर चमकती है,
पृथ्वी यह देख कर काँपने लगती है।

पृथ्वी के अधिपति के आगमन पर
पर्वत मोम की तरह पिघलने लगते हैं।
आकाश प्रभु का न्याय घोषित करता है।
सभी राष्ट्र उसकी महिमा के दर्शन करते हैं।

जो लोग देवमूर्तियों की पूजा करते हैं,
जो उन मूर्तियों पर गौरव करते हैं,
उन्हें निराश होना पड़ेगा।
सभी देवताओं! प्रभु को दण्डवत् करो।

प्रभु! तेरा निर्णय सुन कर सियोन आनन्दित हो उठता है,
याकूब के गाँव उल्लास के गीत गाते हैं;
क्योंकि तू समस्त पृथ्वी पर सर्वोच्च प्रभु है।
तू ही सभी देवताओं से महान् है।

प्रभु-भक्तो! बुराई से घृणा करो!
प्रभु अपने भक्तों की रक्षा करता
और उन्हें दुष्टों के पंजे से छुड़ाता है।

धर्मी के लिए ज्योति का उदय होता है,
निष्कपट लोग आनन्द मनाते हैं।
धर्मियों! प्रभु में आनन्द मनाओ!
उसके पवित्र नाम को धन्य कहो।

अग्र. :धर्मियों के लिए ज्योति का उदय होता है; निष्कपट लोग आनन्त मनातेर हैं; अल्लेलूया।

धर्मग्रन्थ-पाठ : इब्रानियों 7:24-27

प्रभु येसु सदा बने रहते हैं, इसलिए उनकी पुरोहिताई चिरस्थायी हैं। यही कारण है कि जो लोग उनके द्वारा ईश्वर की शरण लेते हैं, वह उन्हें परिपूर्ण मुक्ति दिलाने में समर्थ हैं; क्योंकि वह उनकी ओर से निवेदन करने के लिए सदा जीवित रहते हैं। यह उचित ही था कि हमें इस प्रकार का प्रधानयाजक मिले- पवित्र, निर्दोष, निष्कलंक, पापियों से सर्वथा भिन्न और स्वर्ग से भी ऊँचा। अन्य प्रधानयाजक पहले अपने पापों और बाद में प्रजा के पापों के लिए प्रतिदिन बलिदान चढ़ाया करते हैं। येसु को इसकी आवश्यकता नहीं होती, क्योंकि उन्होंने यह कार्य एक ही बार उस समय पूरा कर लिया, जब उन्होंने अपने को बलि चढ़ाया।

लघु अनुवाक्य
अगुआ : सब शिष्य आनन्दित हो उठे; अल्लेलूया, अल्लेलूया।
समूह : सब शिष्य आनन्दित हो उठे; अल्लेलूया, अल्लेलूया।
• उन्होंने प्रभु को देखा।
• पिता और पुत्र और पवित्र आत्मा की महिमा हो।

मरियम गान


अग्र. : जो सत्य पर चलता है, वह ज्योति के पास आता है, जिससे यह प्रकट हो कि उसके कर्म ईश्वर की प्रेरणा से हुए हैं; अल्लेलूया।

"मेरी आत्मा प्रभु का गुणगान करती है,
मेरा मन अपने मुक्तिदाता ईश्वर में आनन्द मनाता है;

क्योंकि उसने अपनी दीन दासी पर कृपादृष्टि की है।
अब से सब पीढ़ियाँ मुझे धन्य कहेंगी;
क्योंकि सर्वशक्तिमान् ने मेरे लिए महान् कार्य किये हैं।
पवित्र है उसका नाम!

उसकी कृपा उसके श्रद्धालु भक्तों पर
पीढ़ी-दर-पीढ़ी बनी रहती है।
उसने अपना बाहुबल प्रदर्शित किया है,
उसने घमण्डियों को तितर-बितर कर दिया है।

उसने शक्तिशालियों को उनके आसनों से गिरा दिया
और दीनों को महान् बना दिया है।
उसने दरिंद्रों को सम्पन्न किया
और धनियों को ख़ाली हाथ लौटा दिया है।

इब्राहीम और उनके वंश के प्रति
अपनी चिरस्थायी दया को स्मरण कर,
उसने हमारे पूर्वजों के प्रति अपनी प्रतिज्ञा के अनुसार
अपने दास इस्राएल की सुध ली है।"

पिता और पुत्र और पवित्र आत्मा की महिमा हो।
जैसे वह आदि में थी, अब है और अनन्त काल तक। आमेन।

अग्र. : जो सत्य पर चलता है, वह ज्योति के पास आता है, जिससे यह प्रकट हो कि उसके कर्म ईश्वर की प्रेरणा से हुए हैं; अल्लेलूया।


सामूहिक निवेदन

अगुआ :ख्रीस्त येसु को पिता ने मृतकों में से जिला कर इन्हीं में हमारे लिए अमर जीवन का मार्ग खोल दिया है। हम उससे निवेदन करें।
समूह : हे पिता, ख्रीस्त की विजय द्वारा अपनी प्रजा की रक्षा कर।
• हमारे पुरखों के ईश्वर, पुनरुत्थान द्वारा तूने अपने पुत्र को महिमान्वित किया – हमें सच्चा पश्चात्ताप दे कि हम जीवन की नवीनता में चल सकें।
• तूने हमें ख्रीस्त येसु के पास लाया है जो हमारी आत्माओं का चरवाहा और संरक्षक है – आध्यात्मिक परिचर्या करने वाले अपने चरवाहोम के संचालन में हमें उसके प्रति विश्चस्त रख।
• हे पिता, तूने यहूदी समुदाय से अपने पुत्र के लिए प्रथम शिष्यों को चुन लिया था। इस्राएल के संतानों को दिखा कि तेरी प्रतिज्ञाएं पूर्ण हो चुकी हैं।
• हे पिता, अनाथों, विधवाओं तथा बे-घरबार लोगोम की सुधि ले – तेरे पुत्र ने मनुष्यों का मेल-मिलाप तेरे साथ कराया है, अब तू उन्हें न छोड़ दे।
• येसु की साक्ष्य देते हुए प्राणाहुति देने वाले स्तेफनुस को तूने अपने पास बुलाया – सभी मृत-विश्वासियों को तू अपने पास बुला ले, जिन्होंने तुझे प्यार किया और चाहा है।

हे हमारे पिता ....


समापन प्रार्थना

अगुआ :हे प्रभु, हम प्रतिवर्ष पास्का-रहस्य की स्मृति मनाते हैं। इसी रहस्य द्वारा मनुष्यों की खोयी हुई प्रतिष्ठा पुन: प्राप्त कराकर उन्हें पुनरुत्थान की आशा दिलायी गयी है। जिसकी उपासना हम अभी विश्वास-भाव से करते हैं, उसी को अनन्त काल तक प्रेम-पात्र के रूप मेम अपना सकें। हम यह प्रार्थना करते हैं, उन्हीं हमारे प्रभु येसु ख्रीस्त तेरे पुत्र के द्वारा जो परमेश्वर होकर तेरे तथा पवित्र आत्मा के साथ युगानुयुग जीते और राज्य करते हैं।

समूह : आमेन।

अगुआ : प्रभु हमको आशीर्वाद दे, हर बुराई से हमारी रक्षा करे और हमें अनन्त जीवन तक ले चले।

समूह : आमेन।

अगुआ : ख्रीस्त की शांति में जाइये, अल्लेलूया, अल्लेलूया।

समूह : ईश्वर को धन्यवाद, अल्लेलूया, अल्लेलूया।


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Praise the Lord!