सन्ध्या-वन्दना

पास्का का पाँचवाँ सप्ताह - बृहस्पतिवार


अगुआ : हे ईश्वर, हमारी सहायता करने आ जा।

समूह : हे प्रभु, हमारी सहायता करने शीघ्र ही आ जा।


अगुआ : पिता और पुत्र और पवित्र आत्मा की महिमा हो।

समूह : जैसे वह आदि में थी, अब है और अनन्त काल तक। आमेन।


मंगलगान


अग्र. 1 : तूने मेरा शोक आनन्द में बदल लिया; अल्लेलूया।

स्तोत्र 29 मृत्यु से रक्षा के लिए प्रार्थना।

प्रभु! मैं तेरी स्तुति करता हूँ, क्योंकि तूने मेरा उद्धार किया;
तूने मेरे शत्रुओं को मुझ पर हंसने नहीं दिया।

प्रभु! मेरे ईश्वर! मैंने तुझे पुकारा
और तूने मुझे स्वास्थ्य प्रदान किया।
प्रभु! तूने मुझे अधोलोक से निकाला!
मैं मरने को था और तूने मुझे नवजीवन प्रदान किया।

प्रभु-भक्तों! उसके आदर में गीत गाओ,
उसके पवित्र नाम का जयकार करो।
उसका क्रोध क्षण भर रहता है, उसकी कृपा जीवन भर बनी रहती है।
सांझ को भले ही रोना पड़े, भोर में आनन्द-ही-आनन्द है।

मैंने सुख-शान्ति के समय कहा था:
मैं कभी विचलित नहीं होऊँगा।
प्रभु! तूने अपनी कृपा से मुझे सुदृढ़ किया था,
किन्तु जब तूने मुझ से अपना मुख छिपाया, तो मैं घबरा गया।

प्रभु! मैंने तुझे पुकारा, मैंने तुझ से यह प्रार्थना की,
मेरी मृत्यु से, अधोलोक में मेरे उतरने से तुझे क्या लाभ होगा?
क्या धूल तुझे धन्यवाद देती है
या तेरी सत्यप्रतिज्ञता की घोषणा करती है?

प्रभु! मेरी सुन, मुझ पर दया कर।
प्रभु! मेरी सहायता कर।"
तूने मेरा शोक आनन्द में बदल दिया,
तूने मेरा टाट उतार कर मुझे आनन्द के वस्त्र पहनाये;

इसलिए मेरी आत्मा निरन्तर तेरा गुणगान करती है।
प्रभु! मेरे ईश्वर! मैं अनन्त काल तक तुझे धन्यवाद देता रहूँगा।

अग्र. :तूने मेरा शोक आनन्द में बदल लिया; अल्लेलूया।

अग्र. 2 :ईश्वर के साथ हमारा मेल उसके पुत्र की मृत्यु के द्वारा हो गया है; अल्लेलूया।


स्तोत्र 31 धन्य है वह, जिसका अपराध क्षमा हुआ है।

धन्य है वह, जिसका अपराध क्षमा हुआ है,
जिसका पाप मिट गया है!
धन्य है वह जिसे ईश्वर दोषी नहीं मानता,
जिसका मन निष्कपट है!

जब तक मैं मौन रहा,
तब तक मेरे निरन्तर कराहने से मेरी हड्डियाँ छीजती रहीं;
क्योंकि दिन-रात मुझ पर तेरे हाथ का भार था।
मेरा शक्ति-रस मानो ग्रीष्म के ताप से सूखता रहा।

मैंने तेरे सामने अपना पाप स्वीकार किया,
मैंने अपना दोष नहीं छिपाया।
मैंने कहा, "मैं प्रभु के सामने अपना अपराध स्वीकार करूँगा"।
तब तूने मेरे पाप का दोष मिटा दिया।

इसलिए संकट के समय प्रत्येक भक्त तुझ से प्रार्थना करता है।
बाढ़ कितनी ऊँची क्यों न उठे,
किन्तु जलधारा उसे नहीं छू पायेगी।

प्रभु! तू मेरा आश्रय है। तू संकट से मेरा उद्धार करता
और मुझे शान्ति के गीत गाने देता है।

मैं तुम्हें शिक्षा दूँगा, तुम को मार्ग दिखाऊँगा;
तुम्हें परामर्श दूँगा और तुम्हारी रक्षा करूँगा।

नासमझ घोड़े या खच्चर-जैसे न बनो,
जिन्हें लगाम और रास से बाध्य करना पड़ता है;
नहीं तो वे तुम्हारे वश में नहीं आते।

दुष्ट को बहुत से दुःख झेलने पड़ते हैं,
किन्तु जो प्रभु पर भरोसा रखता है,
उसे प्रभु की कृपा घेरे रहती है।

धर्मियों! उल्लसित हो कर प्रभु में आनन्द मनाओ।
तुम सब, जिनका हृदय निष्कपट है, आनन्द के गीत गाओ।

अग्र. : ईश्वर के साथ हमारा मेल उसके पुत्र की मृत्यु के द्वारा हो गया है; अल्लेलूया।

अग्र. 3 : हे प्रभु सामर्थ्य एवं पवित्रता में कौन तेरे समान प्रतापी है?


भजन स्तुति : प्रकाशना 11:17-18; 12:10-12

सर्वशक्तिमान् प्रभु-ईश्वर, जो है और जो था!
हम तुझे धन्यवावद देते हैं,

क्योंकि तूने अपने सामर्थ्य का प्रदर्शन किया
और राज्याधिकार ग्रहण कर लिया है।

’राष्ट्र क्रुद्ध हो गये थे, किन्तु तेरा क्रोध आ गया है
और वह समय भी, जब मृतकों का न्याय किया जायेगा;

जब तेरे सेवकों, तेरे नबियों और तेरे सन्तों को पुरस्कार दिया जायेगा
और उन सबों को भी, चाहे वे छोटे या बड़े हों,
जो तेरे नाम पर श्रद्धा रखते हैं।

अब हमारे ईश्वर की विजय, सामर्थ्य तथा राजत्व
और उसके मसीह का अधिकार प्रकट हुआ है;

क्योंकि हमारे भाइयों का वह अभियोक्ता नीचे गिरा दिया गया है,
जो दिन-रात ईश्वर के सामने उस पर अभियोग लगाया करता था।

वे मेमने के रक्त और अपने साक्ष्य के द्वारा उस पर विजयी हुए,
क्योंकि उन्होंने अपने जीवन का मोह छोड़ कर मृत्यु का स्वागत किया;
इसलिए स्वर्ग और उसके निवासी आनन्द मनायें।

अग्र. : हे प्रभु सामर्थ्य एवं पवित्रता में कौन तेरे समान प्रतापी है?

धर्मग्रन्थ-पाठ : 1 पेत्रुस 3:18,22

मसीह भी एक बार पापों के प्रायश्चित के लिए मर गये, धर्मी अधर्मियों के लिए मर गये, जिससे वह हम लोगों को ईश्वर के पास ले जाये। वह शरीर की दृष्टि से तो मारे गये, किन्तु आत्मा द्वारा जिलाये गये। येसु स्वर्ग के सभी दूतों को अपने अधीन कर ईश्वर के दाहिने विराजमान हैं।

लघु अनुवाक्य
अगुआ : सब शिष्य आनन्दित हो उठे; अल्लेलूया, अल्लेलूया।
समूह : सब शिष्य आनन्दित हो उठे; अल्लेलूया, अल्लेलूया।
• उन्होंने प्रभु को देखा।
• पिता और पुत्र और पवित्र आत्मा की महिमा हो।

मरियम गान


अग्र. : मैंने तुम लोगों से यह इसलिए कहा कि तू मेरे आनन्द के भागी बनो और तुम्हारा आनन्द परिपूर्ण हो, अल्लेलूया।

"मेरी आत्मा प्रभु का गुणगान करती है,
मेरा मन अपने मुक्तिदाता ईश्वर में आनन्द मनाता है;

क्योंकि उसने अपनी दीन दासी पर कृपादृष्टि की है।
अब से सब पीढ़ियाँ मुझे धन्य कहेंगी;
क्योंकि सर्वशक्तिमान् ने मेरे लिए महान् कार्य किये हैं।
पवित्र है उसका नाम!

उसकी कृपा उसके श्रद्धालु भक्तों पर
पीढ़ी-दर-पीढ़ी बनी रहती है।
उसने अपना बाहुबल प्रदर्शित किया है,
उसने घमण्डियों को तितर-बितर कर दिया है।

उसने शक्तिशालियों को उनके आसनों से गिरा दिया
और दीनों को महान् बना दिया है।
उसने दरिंद्रों को सम्पन्न किया
और धनियों को ख़ाली हाथ लौटा दिया है।

इब्राहीम और उनके वंश के प्रति
अपनी चिरस्थायी दया को स्मरण कर,
उसने हमारे पूर्वजों के प्रति अपनी प्रतिज्ञा के अनुसार
अपने दास इस्राएल की सुध ली है।"

पिता और पुत्र और पवित्र आत्मा की महिमा हो।
जैसे वह आदि में थी, अब है और अनन्त काल तक। आमेन।

अग्र. : मैंने तुम लोगों से यह इसलिए कहा कि तू मेरे आनन्द के भागी बनो और तुम्हारा आनन्द परिपूर्ण हो, अल्लेलूया।


सामूहिक निवेदन

अगुआ :जो मृत्यु में सो गये हैं, उनमें से सबसे पहले येसु मसीह जी उठे हैं। हम अपनी प्रार्थना में उनकी प्रशंसा करें।

समूह : हे पुनर्जीवित प्रभु, हमारी सुन।
• हे प्रभु, जिस कलीसिया का निर्माण तूने प्रेरितों की नींव पर किया है, उस की सुधि ले – तुझ पर विश्वास करने वाले सब पर तू अपनी आशिष बरसा।
• हे प्रभु, तू आत्मा और शरीर का चंगाईदाता है – तू अपनी मुक्ति के साथ हमारे पास आ जा।
• हे प्रभु, तू रोगियों को सान्त्वना और नव-स्फूर्ति प्रदान कर – उनके हर दुख-दर्द से उन्हें छुटकारा दिला दे।
• तू व्यथा से पीड़ित और शोषित लोगों की सहायता कर – तू दीन-दलितों का पक्ष लेकर उनकी रक्षा कर।
• तूने अपने दुख भोग एवं पुनरुत्थान द्वारा अमर जीवन प्राप्त किया है – हमारे मृत भाई-बहनों को तू अपने राज्य का परमानन्द प्रदान कर।

हे हमारे पिता ....


समापन प्रार्थना

अगुआ :हे प्रभु ईश्वर, हम अधर्मी थे किन्तु तेरी कृपा से धर्मी बन गये। हमारे मुक्ति-संपादन में आनन्द के वरदान से तू हमारा साथ देता रह। विश्वास से उत्पन्न धार्मिकता में स्थिर बने रहने से हम कभी न चूकें। हम यह प्रार्थना करते हैं, उन्हीं हमारे प्रभु येसु ख्रीस्त तेरे पुत्र के द्वारा जो परमेश्वर होकर तेरे तथा पवित्र आत्मा के साथ युगानुयुग जीते और राज्य करते हैं।

समूह : आमेन।

अगुआ : प्रभु हमको आशीर्वाद दे, हर बुराई से हमारी रक्षा करे और हमें अनन्त जीवन तक ले चले।

समूह : आमेन।

अगुआ : ख्रीस्त की शांति में जाइये, अल्लेलूया, अल्लेलूया।

समूह : ईश्वर को धन्यवाद, अल्लेलूया, अल्लेलूया।


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Praise the Lord!