सन्ध्या-वन्दना

पास्का का सातवाँ सप्ताह – शुक्रवार


अगुआ : हे ईश्वर, हमारी सहायता करने आ जा।

समूह : हे प्रभु, हमारी सहायता करने शीघ्र ही आ जा।


अगुआ : पिता और पुत्र और पवित्र आत्मा की महिमा हो।

समूह : जैसे वह आदि में थी, अब है और अनन्त काल तक। आमेन।


मंगलगान

अग्र. 1 :मैं प्रभु तुम्हारा मुक्तिदाता हूँ। मैं प्रभु तुम्हारा उध्दारक हूँ; अल्लेलूया।


स्तोत्र 134:1-12 चमत्कारक प्रभु का स्तुतिगान। (1)

प्रभु के नाम की स्तुति करो!
प्रभु के सेवकों! जो प्रभु के मन्दिर में,
हमारे ईश्वर के प्रांगण में रहते हो, उसकी स्तुति करो।

प्रभु की स्तुति करो! वह भला है।
उसके नाम की स्तुति करो! वह प्रेममय है।
प्रभु ने याकूब को चुना है;
उसने इस्राएल को अपनी प्रजा बनाया है।

मैं जानता हूँ कि प्रभु महान है,
हमारा प्रभु सब अन्य देवताओं से महान् है।
आकाश में, पृथ्वी पर, समुद्रों और उनकी गहराइयों में
प्रभु जो चाहता है, वही करता है।

वह पृथ्वी की सीमान्तों से बादल ले आता
और वर्षा के लिए बिजली चमकाता है।
वह अपने भण्डारों से पवन निकालता है।

उसने मिस्र में मनुष्यों और पशुओं,
दोनों के पहलौठों को मारा।
ओ मिस्र! उसने तुझ में फिराउन और
उसके सब सेवकों के विरुद्ध चिन्ह और चमत्कार दिखाये।

उसने बहुत से राष्ट्रों को हराया और
शक्तिशाली राजाओं को मारा,
अमोरियों के राजा सीहोन को, बाशान के राजा ओग को
और कनान के सब राजाओं को।

उसने उनका देश अपनी प्रजा इस्राएल को
विरासत के रूप में दे दिया।

अग्र. : मैं प्रभु तुम्हारा मुक्तिदाता हूँ। मैं प्रभु तुम्हारा उध्दारक हूँ; अल्लेलूया।

अग्र. 2 : धन्य है हमारे पिता दाऊद का राज्य, जो हमारे बीच में आया है; अल्लेलूया।


स्तोत्र 134:13-21 चमत्कारक प्रभु का स्तुतिगान। (2)

प्रभु तेरा नाम चिरस्थायी है।
प्रभु तेरी स्मृति पीढ़ी-दर-पीढ़ी बनी रहती है।
प्रभु अपनी प्रजा को न्याय दिलाता
और अपने भक्तों पर दया करता है।

राष्ट्रों की देवमूर्तियाँ चाँदी और सोने की हैं,
वे मनुष्यों द्वारा बनायी गयी हैं।
उनके मुख हैं, किन्तु वे नहीं बोलती;
आँखें हैं, किन्तु वे नहीं देखती;

उनके कान हैं, किन्तु वे नहीं सुनतीं
और वे साँस भी नहीं लेतीं।
जो उन्हें बनाते हैं, वे उनके सदृश बनेंगे
और वे सब भी, जो उन पर भरोसा रखते हैं।

इस्राएल के घराने! प्रभु को धन्य कहें;
हारून के घराने! प्रभु को धन्य कहें;
लेवी के घराने! प्रभु को धन्य कहें;
जो प्रभु पर श्रद्धा रखते हैं, वे प्रभु को धन्य कहें!

धन्य है सियोन का प्रभु,
जो येरूसालेम में निवास करता है!

अग्र. : धन्य है हमारे पिता दाऊद का राज्य, जो हमारे बीच में आया है; अल्लेलूया।

अग्र. 3 : हम प्रभु के गीत गायें; महान हैं उसकी विजय; अल्लेलूया।


भजन स्तुति : प्रकाशना 15:3-4

सर्वशक्तिमान् प्रभु-ईश्वर! तेरे कार्य महान् और अपूर्व हैं।
राष्ष्ट्रों के राजा! तेरे मार्ग न्यायसंगत और सच्चे हैं।

प्रभु! कौन तुझ पर श्रद्धा और तेरे नाम की स्तुति नहीं करेगा?
क्योंकि तू ही पवित्र है।

सभी राष्ष्ट्र आ कर तेरी आराधना करेंगे,
क्योंकि तेरे न्यायसंगत निर्णय प्रकट हो गये हैं।

अग्र. : हम प्रभु के गीत गायें; महान हैं उसकी विजय; अल्लेलूया।

धर्मग्रन्थ-पाठ : गलातियों 5:16,22,25

आप लोग आत्मा की प्रेरणा के अनुसार चलेंगे, तो शरीर की वासनाओं को तृप्त नहीं करेंगे। आत्मा का फल है - प्रेम, आनन्द, शान्ति, सहनशीलता, मिलनसारी, दयालुता ईमानदारी, सौम्यता और संयम। इनके विरुद्ध कोई विधि नहीं है। यदि हमें आत्मा द्वारा जीवन प्राप्त हो गया है, तो हम आत्मा के अनुरूप जीवन बितायें।
लघु अनुवाक्य
अगुआ : पवित्र आत्मा हमारा सहायक है; अल्लेलूया, अल्लेलूया।
समूह : पवित्र आत्मा हमारा सहायक है; अल्लेलूया, अल्लेलूया।
• वहीं तुम्हें सारी बातें सिखायेगा।
• पिता और पुत्र और पवित्र आत्मा की महिमा हो।

मरियम गान


अग्र. : वे सब एक हृदय होकर येसु की माता मरियम के साथ प्रार्थना में लगे रहते थे; अल्लेलूया।

"मेरी आत्मा प्रभु का गुणगान करती है,
मेरा मन अपने मुक्तिदाता ईश्वर में आनन्द मनाता है;

क्योंकि उसने अपनी दीन दासी पर कृपादृष्टि की है।
अब से सब पीढ़ियाँ मुझे धन्य कहेंगी;
क्योंकि सर्वशक्तिमान् ने मेरे लिए महान् कार्य किये हैं।
पवित्र है उसका नाम!

उसकी कृपा उसके श्रद्धालु भक्तों पर
पीढ़ी-दर-पीढ़ी बनी रहती है।
उसने अपना बाहुबल प्रदर्शित किया है,
उसने घमण्डियों को तितर-बितर कर दिया है।

उसने शक्तिशालियों को उनके आसनों से गिरा दिया
और दीनों को महान् बना दिया है।
उसने दरिंद्रों को सम्पन्न किया
और धनियों को ख़ाली हाथ लौटा दिया है।

इब्राहीम और उनके वंश के प्रति
अपनी चिरस्थायी दया को स्मरण कर,
उसने हमारे पूर्वजों के प्रति अपनी प्रतिज्ञा के अनुसार
अपने दास इस्राएल की सुध ली है।"

पिता और पुत्र और पवित्र आत्मा की महिमा हो।
जैसे वह आदि में थी, अब है और अनन्त काल तक। आमेन।

अग्र. : वे सब एक हृदय होकर येसु की माता मरियम के साथ प्रार्थना में लगे रहते थे; अल्लेलूया।


सामूहिक निवेदन

अगुआ :आइये, हम उस पिता का गुणगान करें जिसने अपने पवित्र आत्मा के वरदान राष्ट्रों पर बरसाया है।
समूह : पवित्र आत्मा के वरदान संसार में फैल जायें।
• हे पिता, तूने सब राष्ट्रों के लिए ज्योति-स्वरूप अपने पुत्र को दे दिया; अंधी दुनिया की आँखें तू खोल दे जिससे वे यह देख सकें कि येसु मसीह ही मानवता की आशा हैं।
• तूने पवित्र आत्मा की शक्ति से मानव-मुक्ति की परिचर्या के लिए अपने पुत्र को अभ्यंजित किया – हमारे बीच उस पुत्र की उपस्थिति से रोगी रोग-मुक्त हों और सब कोई सब तरह के चैन-शान्ति अनुभव करें।
• हे पिता, तू अपने पवित्र आत्मा को भेज, वह दीन-दुखियों को सान्त्वना प्रदान करे और हमारे विश्वास को सुदृढ़ बनाये – शोक संतप्त दिलों को जीवन और आनन्द दे।
• मृत विश्वासियों की प्रत्याशा पूर्ण कर – उन्हें पुनर्जीवित मसीह की महिमा के भागी बना दे।

हे हमारे पिता ....


समापन प्रार्थना

अगुआ :हे प्रभु ईश्वर, जब तेरा पुत्र महिमान्वित होकर स्वर्ग में उठा लिया गया, तूने हमारे लिए अनन्त जीवन का मार्ग खोल दिया और पवित्र आत्मा तेरी कलीसिया को आलोकित करने आया। इस महान वरदान में भाग लेने से हमारा विश्वास उत्तरोत्तर सबल और हमारा सेवा-भाव आधिकाधिक निष्ठा-पूर्ण होता जाये। हम यह प्रार्थना करते हैं, उन्हीं हमारे प्रभु येसु ख्रीस्त तेरे पुत्र के द्वारा जो परमेश्वर होकर तेरे तथा पवित्र आत्मा के साथ युगानुयुग जीते और राज्य करते हैं।

समूह : आमेन।

अगुआ : प्रभु हमको आशीर्वाद दे, हर बुराई से हमारी रक्षा करे और हमें अनन्त जीवन तक ले चले।

समूह : आमेन।

अगुआ : ख्रीस्त की शांति में जाइये, अल्लेलूया, अल्लेलूया।

समूह : ईश्वर को धन्यवाद, अल्लेलूया, अल्लेलूया।


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Praise the Lord!