सन्ध्या-वन्दना

वर्ष का सामान्य सप्ताह - 1 बुधवार


अगुआ : हे ईश्वर, हमारी सहायता करने आ जा।

समूह : हे प्रभु, हमारी सहायता करने शीघ्र ही आ जा।


अगुआ : पिता और पुत्र और पवित्र आत्मा की महिमा हो।

समूह : जैसे वह आदि में थी, अब है और अनन्त काल तक। आमेन।


मंगलगान


साथ रहना प्रभु जी, साँझ हो रही है,
राहों में अंधेरा फैल रहा है।

ज़िन्दगी के हर पहर में, साथ रहना प्रभुजी,
आँसू की घाटी से जब हम चलें – साथ रहना प्रभुजी।

जीवन की ज्योति बन कर, साथ रहना प्रभुजी,
जीवन की रोटी बन कर, साथ रहना प्रभुजी॥

अग्र. 1 : प्रभु, मेरी ज्योति है, वही मेरा सहारा है, तो मैं किससे भयभीत हो जाऊँ?


स्तोत्र 26: 1-6 संकट में प्रभु का भरोसा।


प्रभु मेरी ज्योति और मुक्ति है, तो मैं किस से डरूँ?
प्रभु मेरे जीवन की रक्षा करता है, तो मैं किस से भयभीत होऊँ?
जब कुकर्मी मुझ पर टूट पड़ते और मुझे निगलना चाहते हैं,
तो वे- मेरे शत्रु और विरोधी-लड़खड़ा कर गिर जाते हैं।

कोई सेना भले ही मेरे सामने पड़ाव डाले,
मेरा हृदय भयभीत नहीं होता।
मेरे विरुद्ध भले ही युद्ध छिड़े,
मेरा भरोसा दृढ़ बना रहता है।

मैंने प्रभु से यही वरदान माँगा है, यही मेरी अभिलाषा रही
कि प्रभु की सौम्यता के दर्शन करने के लिए
और उसके मन्दिर की देखरेख के लिए,
मैं जीवन भर प्रभु के घर में निवास करूँ;

क्योंकि वह संकट के समय
मुझे अपने तम्बू में सुरक्षित रखता है।
वह मुझे अपने तम्बू के भीतर छिपाता है।
वह मुझ ऊँची चट्टान पर खड़ा करता है।

अब भी मैं अपने चारों ओेर के शत्रुओं के बीच
अपना मस्तक ऊँचा रखता हूँ।
मुझे प्रभु के मन्दिर में जयकार के साथ बलिदान चढ़ाने
और प्रभु के आदर में भजन गाने की सुविधा है।

अग्र. : प्रभु, मेरी ज्योति है, वही मेरा सहारा है, तो मैं किससे भयभीत हो जाऊँ?

अग्र. 2 : प्रभु मैं तो तेरे मुखमण्डल के दर्शनों के लिए तरसता हूँ; अपना मुख मुझसे मत छिपा।


स्तोत्र 26: 7-14 संकट में प्रभु का भरोसा।


प्रभु! मेरी पुकार पर ध्यान दे।
मुझ पर दया कर मेरी सुन।
यही मेरे हृदय की अभिलाषा रही कि मैं तेरे दर्शन करूँ।

प्रभु! मैं तेरे दर्शनों के लिए तरसता हूँ।
अपना मुख मुझ से न छिपा,

अप्रसन्न हो कर अपने सेवक को न त्याग।
मुझे न छोड़, तू ही मेरा सहारा रहा है।

मेरे मुक्तिदाता ईश्वर! मेरा परित्याग न कर।
मेरे माता-पिता भले ही मुझे छोड़ दें- प्रभु मुझे अपनायेगा।

प्रभु! मुझे अपना मार्ग दिखा, मुझे सन्मार्ग पर ले चल,
क्योंकि मेरे शत्रु मेरी घात में बैठे हैं।

मुझे मेरे विरोधियों की इच्छा पर न छोड़;
क्योंकि झूठे गवाह मेरे विरुद्ध खड़े हो गये हैं
और उनके रोम-रोम में हिंसा भरी है।

मुझे विश्वास है कि मैं जीवितों के देश में
प्रभु की भलाई के दर्शन करूँगा।

प्रभु की प्रतीक्षा करो, दृढ़ रहो, साहस रखो।
प्रभु की प्रतीक्षा करो।

अग्र. : प्रभु मैं तो तेरे मुखमण्डल के दर्शनों के लिए तरसता हूँ; अपना मुख मुझसे मत छिपा।

अग्र. 3 : सारी सृष्टि में वह पहलौठा है; समस्त सृष्टि में वह सर्वश्रेष्ठ है।


भजन स्तुति: कलोसियों 1:12-20


हम पिता को धन्यवाद दें, जिसने हमें इस योग्य बनाया है
कि हम ज्योति के राज्य में रहने वाले सन्तों के सहभागी बनें।

ईश्वर हमें अन्धकार की अधीनता से निकाल कर
अपने प्रिय पुत्र के राज्य में ले आया।
उसी पुत्र के द्वारा हमारा उद्धार हुआ है,
अर्थात् हमें पापों की क्षमा मिली है।

येसु मसीह अदृश्य ईश्वर के प्रतिरूप तथा समस्त सृष्टि के पहलौठे हैं;
क्योंकि उन्हीं के द्वारा सब कुछ की सृष्टि हुई है।
सब कुछ - चाहे वह स्वर्ग में हो या पृथ्वी पर,
चाहे दृश्य हो या अदृश्य, और स्वर्गदूतों की श्रेणियां भी –

सब कुछ उनके द्वारा और उनके लिए सृष्ट किया गया है।
वह समस्त सृष्टि के पहले से विद्यमान हैं
और समस्त सृष्टि उन में ही टिकी हुई है।
वही शरीर अर्थात् कलीसिया के शीर्ष हैं।

वही मूल कारण हैं और
मृतकों में से प्रथम जी उठने वाले भी,
इसलिए वह सभी बातों में सर्वश्रेष्ठ हैं।
ईश्वर ने चाहा कि उन में सब प्रकार की परिपूर्णता हो।

मसीह ने क्रूस पर जो रक्त बहाया,
उसके द्वारा ईश्वर ने शान्ति की स्थापना की।
इस प्रकार ईश्वर ने उन्हीं के द्वारा सब कुछ का,
चाहे वह पृथ्वी पर हो या स्वर्ग में, अपने से मेल कराया।

अग्र. : सारी सृष्टि में वह पहलौठा है; समस्त सृष्टि में वह सर्वश्रेष्ठ है।


धर्मग्रन्थ-पाठ : याकूब 1:22, 25


आप लोग अपने को धोखा नहीं दें। वचन के श्रोता ही नहीं, बल्कि उसके पालनकर्ता भी बनें। किन्तु जो व्यक्ति इस संहिता को, जो पूर्ण है और हमें स्वतन्त्रता प्रदान करती है, ध्यान से देता है और उसका पालन करता है, वह उस श्रोता के सदृश नहीं, जो तुरन्त भूल जाता है, बल्कि वह कर्ता बन जाता और उस संहिता को अपने जीवन में चरितार्थ करता है। वह अपने आचरण के कारण धन्य होगा।
लघु अनुवाक्य:
अगुआ : हे प्रभु, मेरा उध्दार कर और मुझ पर अपनी दया प्रकट कर।
समूह : हे प्रभु, मेरा उध्दार कर और मुझ पर अपनी दया प्रकट कर।
• पापियों के साथ मुझे न ढकेल दे।
• पिता और पुत्र और पवित्र आत्मा की महिमा हो।

मरियम गान अग्र. : सर्वशक्तिमान ने मेरे लिए महान कार्य किये हैं; पवित्र है उसका नाम।

"मेरी आत्मा प्रभु का गुणगान करती है,
मेरा मन अपने मुक्तिदाता ईश्वर में आनन्द मनाता है;

क्योंकि उसने अपनी दीन दासी पर कृपादृष्टि की है।
अब से सब पीढ़ियाँ मुझे धन्य कहेंगी;
क्योंकि सर्वशक्तिमान् ने मेरे लिए महान् कार्य किये हैं।
पवित्र है उसका नाम!

उसकी कृपा उसके श्रद्धालु भक्तों पर
पीढ़ी-दर-पीढ़ी बनी रहती है।
उसने अपना बाहुबल प्रदर्शित किया है,
उसने घमण्डियों को तितर-बितर कर दिया है।

उसने शक्तिशालियों को उनके आसनों से गिरा दिया
और दीनों को महान् बना दिया है।
उसने दरिंद्रों को सम्पन्न किया
और धनियों को ख़ाली हाथ लौटा दिया है।

इब्राहीम और उनके वंश के प्रति
अपनी चिरस्थायी दया को स्मरण कर,
उसने हमारे पूर्वजों के प्रति अपनी प्रतिज्ञा के अनुसार
अपने दास इस्राएल की सुध ली है।"

पिता और पुत्र और पवित्र आत्मा की महिमा हो।
जैसे वह आदि में थी, अब है और अनन्त काल तक। आमेन।

अग्र. : सर्वशक्तिमान ने मेरे लिए महान कार्य किये हैं; पवित्र है उसका नाम।


सामूहिक निवेदन


अगुआ : ईश्वर की महिमा से यह संसार प्रज्ज्वलित है – अपार प्रेम से वह अपनी चुनी हुई प्रजा का ख्याल करता है। कलीसिया के नाम से हम प्रार्थना करते हैं:
समूह : प्रभु अपना प्रेम सब पर दिखा दे।
• अपनी कलीसिया का ख्याल कर – उसे बुराई से सुरक्षित रख और अपने प्रेम की पूर्णता उसे प्रदान कर।
• सब लोग यह स्वीकार करें कि तू ही एकमात्र ईश्वर है तथा ख्रीस्त येसु तेरा एकलौता पुत्र है – उन्हें विश्वास की ज्योति प्रदान कर।
• हमारे पास-पड़ोस में रहने वाले लोगों की सभी आवश्यकताएँ पूरी कर – वे धन्यवाद के भाव जानें और शान्तिपूर्वक जी सकें।
• हमें उन लोगों का ख्याल करना सिखा जो न्यायोचित पारिश्रमिक पाये बिना कठोर परिश्रम से जीवन-यापन करते हैं – हर व्यक्ति की हम कदर करें, जैसे समुचित सम्मान पाना हर एक का हक है।
• आज के दिन जो लोग इस दुनिया से चल बसे हैं, उन्हें अनन्त शान्ति मिले – तू उन्हें अनन्त विश्रान्ति प्रदान कर।


हे हमारे पिता...

समापन प्रार्थना :


अगुआ : हे प्रभु, तू प्रार्थना में निरत हमें संभाल; दिन-रात तू हमारी रक्षा कर, भले ही हम इस बदलती दुनिया में जीवन-यापन करते हों, सदा तुझसे ही बल प्राप्त करें, जिसमें किसी परिवर्तन का लेश-मात्र भी नहीं पाया जाता है। यह हमारा निवेदन है, उन्हीं हमारे प्रभु येसु ख्रीस्त तेरे पुत्र के द्वारा जो परमेश्वर होकर तेरे तथा पवित्र आत्मा के साथ युगानुयुग जीते और राज्य करते हैं।
समूह : आमेन।
अगुआ : प्रभु हमको आशीर्वाद दे, हर बुराई से हमारी रक्षा करे और हमें अनन्त जीवन तक ले चले।
समूह : आमेन।


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Praise the Lord!