प्रभात वन्दना

पास्का का छठवाँ सप्ताह - मंगलवार


अगुआ : प्रभु! हमारे अधरों को खोल दे।

समूह : और हम तेरे नाम का गुणगान करेंगे।


आमंत्रक स्तोत्र

आमन्त्रक अग्र. : प्रभु सचमुच जी उठे हैं; अल्लेलूया।

मंगलगान


अग्र. 1 :आप सियोन पर्वत, जीवन्त ईश्वर के नगर के पास पहुँचे हैं; अल्लेलूया।


स्तोत्र 42 मन्दिर के दर्शनों की अभिलाषा।

ईश्वर! मुझे न्याय दिला, इस विधर्मी पीढ़ी के विरुद्ध मेरा पक्ष ले।
ईश्वर! कपटी और कुटिल लोगों से मुझे बचाये रखने की कृपा कर।

ईश्वर! तू ही मेरा आश्रय है। तूने मुझे क्यों त्याग दिया?
शुत्र के अत्याचार से दुःखी हो कर मुझे क्यों भटकना पड़ता है?

अपनी ज्योति और अपना सत्य भेज।
वे मुझे मार्ग दिखा कर तेरे पवित्र पर्वत तक,
मेरे निवासस्थान तक पहुँचा देंगे।

मैं ईश्वर की वेदी के पास जाऊँगा,
ईश्वर के पास, जो मेरा आनन्द और उल्लास है।
मैं वीणा बजाते हुए अपने प्रभु-ईश्वर की स्तुति करूँगा।

मेरी आत्मा! उदास क्यों हो? क्यों आह भरती हो?
ईश्वर पर भरोसा रखो। मैं फिर उसका धन्यवाद करूँगा।
वह मेरा मुक्तिदाता और मेरा ईश्वर है।

अग्र. : आप सियोन पर्वत, जीवन्त ईश्वर के नगर के पास पहुँचे हैं; अल्लेलूया।

अग्र. 2 : हे प्रभु, तूने मेरी आत्मा को विनाश से बचाया है; अल्लेलूया।


भजन स्तुति : इसायाह 38:10-14, 17-20

मैंने कहा, “अपने जीवन के मध्य काल में मुझे जाना पड़ रहा है।
मुझे अपने जीवन के शेष वर्ष
अधोलोक के फाटक पर बिताने होंगे।“

मैंने कहा, “मैं जीवितों के देश में प्रभु को फिर कभी नहीं दूखूँगा।
पृथ्वी के निवासियों में से
मैं किसी को फिर कभी नहीं देखूँगा।

चरवाहे के तम्बू की तरह मेरा जीवन उखाड़ा और मुझ से ले लिया गया है।
तूने मेरा जीवन इस प्रकार समेट लिया है,
जिस प्रकार जुलाहा करघे पर से तागे काट देता है।

सुबह से शाम तक तू मुझे तड़पाता है। मैं रात भर पुकारता रहता हूँ।
उसने सिंह की तरह मेरी सब हड्डियों को रौंदा है।
सुबह से श्याम तक तू मुझे तड़पाता है।

मैं अबाबील की तरह चींचीं करता हूँ, कपोत की तरह कराहता हूँ।
मेरी आँखें ऊपर देखते-देखते धुँधला रही हैं।

तूने मेरी आत्मा को विनाश के गर्त में गिरने से बचाया,
तूने मेरे सब पापों को अपनी पीछे फेंक दिया।

अधोलोक तेरा गुणगान नहीं करता, मृत्यु तेरी स्तुति नहीं करती।
जो गर्त में उतरे हैं, उन्हें तेरी सत्यप्रतिज्ञता का भरोसा नहीं।

जीवित मनुष्य ही तेरी स्तुति करता है, जैसा कि मैं आज कर रहा हूँ।
पिता अपने पुत्रों को तेरी सत्यप्रतिज्ञता का ज्ञान करायेगा।

प्रभु! तूने मेरा उद्धार किया।
इसलिए हम जीवन भर प्रभु के मन्दिर में
वीणा बजाते हुए तेरी स्तुति करेंगे।

अग्र. : हे प्रभु, तूने मेरी आत्मा को विनाश से बचाया है; अल्लेलूया।

अग्र. 3 :तू पृथ्वी की सुधि लेता है; तू उसे सीचता है; अल्लेलूया।


स्तोत्र 64 धन्यवाद का भजन।

ईश्वर! सियोन में तेरा स्तुतिगान करना हमारे लिए उचित है।
हम तेरे लिए अपनी मन्नतें पूरी करते हैं।

सब मनुष्य तेरे पास आते हैं, क्योंकि तू प्रार्थनाएँ सुनता है।
हमारा अधर्म हम पर हावी हो गया,
किन्तु तू हमारा पाप क्षमा करता है।

धन्य है वह, जिसे तू चुनता
और अपने मंदिर में निवास करने देता है।
हम तेरे घर के वैभव से,
तेरे मंदिर की पवित्रता से समृद्ध होंगे।

अपने न्याय के अनुरूप तू अपने चमत्कारों द्वारा
हमारी प्रार्थना का उत्तर देता है।
तू हमारा उद्धारक ईश्वर है,
समस्त पृथ्वी और सुदूर द्वीपों की आशा।

वह अपने सामर्थ्य से पर्वतों को स्थापित करता है।
वह पराक्रम से विभूशित है।
वह समुद्र का गर्जन, उसकी लहरों का कोलाहल
और राष्ट्रों का उपद्रव शान्त करता है।

पृथ्वी के सीमान्तों के निवासी
तेरे चमत्कार देख कर आश्चर्यचकित हैं।
पूर्व और पश्चिम के प्रदेश तेरे कारण
उल्लसित हो कर आनन्द मनाते हैं।

तूने पृथ्वी की सुधि ली, उसे सींचा
और उपज से भर दिया।
तू मनुष्य के अन्न का प्रबन्ध करता है।

तू भूमि को इस प्रकार तैयार करता है।
तू जोती हुई भूमि सींचता है,
उसे बराबर करता, पानी बरसा कर नरम बनाता
और उसके अंकुरों को आशिष देता है।

तू वर्ष भर वरदान देता रहता है,
तेरे मार्गों के आसपास की भूमि अच्छी फसल से भरी हुई है।

मरुभूमि के चरागाह हरे-भरे हैं। पहाड़ियों में आनन्द के गीत गूँजते हैं।
चरागाह पशुओं से भरे हुए हैं।
घाटियाँ अनाज की फसल से ढक जाती हैं।
सर्वत्र आनन्द तथा उल्लास के गीत सुनाई पड़ते हैं।

अग्र. : तू पृथ्वी की सुधि लेता है; तू उसे सीचता है; अल्लेलूया।

धर्मग्रन्थ-पाठ : प्रेरित-चरित 13:30-33

ईश्वर ने येसु को तीसरे दिन मृतकों में से पुनर्जीवित किया और वह बहुत दिनों तक उन लोगों को दर्शन देते रहे, जो उनके साथ गलीलिया से येरूसालेम आये थे। अब वे ही जनता के सामने उनके साक्षी हैं। हम आप लोगों का यह सुसमाचार सुनाते हैं कि ईश्वर ने हमारे पूर्वजों से जो प्रतिज्ञा की थी, उसे उनकी संतति के लिए अर्थात् हमारे लिए पूरा किया है। उसने येसु को पुनर्जीवित किया है, जैसा कि द्वितीय स्तोत्र में लिखा है, तुम मेरे पुत्र हो। आज मैंने तुम को उत्पन्न किया हैं।

लघु अनुवाक्य
अगुआ : प्रभु मृतकों में से जी उठे हैं; अल्लेलूया, अल्लेलूया।
समूह : प्रभु मृतकों में से जी उठे हैं; अल्लेलूया, अल्लेलूया।
• वह हमारे लिए क्रूस पर मर गये।
• पिता और पुत्र और पवित्र आत्मा की महिमा हो।

ज़ाकरी गान

अग्र. : थोड़े ही समय बाद संसार फिर मुझे नहीं देखेगा; तुम देखोगे, क्योंकि मैं जीवित रहूँगा और तुम भी जीवित रहोगे; अल्लेलूया।

धन्य है प्रभु, इस्राएल का ईश्वर!
उसने अपनी प्रजा की सुध ली है
और उसका उद्धार किया है।
उसने अपने दास दाऊद के वंश में
हमारे लिए एक शक्तिशाली मुक्तिदाता उत्पन्न किया है।

वह अपने पवित्र नबियों के मुख से
प्राचीन काल से यह कहता आया है
कि वह शत्रुओं और सब बैरियों के हाथ से हमें छुड़ायेगा
और अपने पवित्र विधान को स्मरण कर
हमारे पूर्वजों पर दया करेगा।

उसने शपथ खा कर हमारे पिता इब्राहीम से कहा था
कि वह हम को शत्रुओं के हाथ से मुक्त करेगा,
जिससे हम निर्भयता, पवित्रता और धार्मिकता से
जीवन भर उसके सम्मुख उसकी सेवा कर सकें।

बालक! तू सर्वोच्च ईश्वर का नबी कहलायेगा,
क्योंकि प्रभु का मार्ग तैयार करने
और उसकी प्रजा को उस मुक्ति का ज्ञान कराने के लिए,
जो पापों की क्षमा द्वारा उसे मिलने वाली है,
तू प्रभु का अग्रदूत बनेगा।

हमारे ईश्वर की प्रेमपूर्ण दया से
हमें स्वर्ग से प्रकाश प्राप्त हुआ है,
जिससे वह अन्धकार और मृत्यु की छाया में बैठने वालों को ज्योति प्रदान करे
और हमारे चरणों को शान्ति-पथ पर अग्रसर करे।"

पिता और पुत्र और पवित्र आत्मा की महिमा हो
जैसे वह आदि में थी, अब है और अनन्त काल तक। आमेन।

अग्र. : थोड़े ही समय बाद संसार फिर मुझे नहीं देखेगा; तुम देखोगे, क्योंकि मैं जीवित रहूँगा और तुम भी जीवित रहोगे; अल्लेलूया।


सामूहिक निवेदन

अगुआ : आइये, हम परम पिता से निवेदन करें। संसार का पाप हरने के लिए पुत्र निर्मल मेमना बन गया।
समूह : हे ईश्वर, हमारे जीवन, हमारी रक्षा कर।
• पिता, अपने पुत्र का ख्याल कर, जो क्रूस पर मरे और पुन: जी उठे – अभी हमारे लिए उनकी मध्यस्थता पर ध्यान दे।
• हमसे हर तरह की दुष्टता एवं भ्रष्टता रूपी खमीर निकाल दे – हम येसु मसीह के पुनरुत्थान का पास्का-महोत्सव निर्दोष और सच्चे मन से मनायें।
• हम आज के दिन ईर्ष्या एवं मन-मुटाव की भावना पर विजय पावें – हम अपने ज़रूरतमंद भाई-बहनों की सहायता करें।
• सुसमाचारी मनोभाव हमारे हृदय में जड़ जमा पावे – वही हमें तेरी आज्ञाओं का पालन करने की प्रेरणा सदा-सर्वदा देता रहे।

हे हमारे पिता ....


समापन प्रार्थना

अगुआ :हे प्रभु, हमारे ईश्वर, ख्रीस्त के पुनरुत्थान में तू अनन्त जीवन के लिए हमारा नवनिर्माण करता है। अपनी प्रजा को विश्वास में दृढ़ता और आशा में स्थिरता प्रदान कर। हमें संदेह नहीं कि तू हमारे विषय में अपनी प्रतिज्ञा अवश्य पूरी करेगा। हम यह प्रार्थना करते हैं, उन्हीं हमारे प्रभु येसु ख्रीस्त तेरे पुत्र के द्वारा जो परमेश्वर होकर तेरे तथा पवित्र आत्मा के साथ युगानुयुग जीते और राज्य करते हैं। आमेन।

समूह : आमेन।

अगुआ : प्रभु हमको आशीर्वाद दे, हर बुराई से हमारी रक्षा करे और हमें अनन्त जीवन तक ले चले।

समूह : आमेन।

अगुआ : ख्रीस्त की शांति में जाइये, अल्लेलूया, अल्लेलूया।

समूह : ईश्वर को धन्यवाद, अल्लेलूया, अल्लेलूया।


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Praise the Lord!