प्रभात वन्दना

पेन्त्कोस्त रविवार


अगुआ : प्रभु! हमारे अधरों को खोल दे।

समूह : और हम तेरे नाम का गुणगान करेंगे।


आमंत्रक स्तोत्र

आमन्त्रक अग्र. : अल्लेलूया, प्रभु का आत्मा समस्त संसार में व्याप्त है। आइये, हम उनकी आराधना करें; अल्लेलूया।

मंगलगान

आत्मा पावन! स्रोत सत्य का! आधार-शिला स्वतंत्रता की।
उतरा जब तू उच्च स्वर्ग से काँप उठी यह धरती सारी॥

पुण्य फुहारा-सा तू सबको नवजीवन है देता रहता।
स्रोत अगम है सदगुण का तू बहता नित, जो नहीं सूखता॥
प्लावित कर दे हम सबको भी।

अग्नि शिखा तू पवित्रता की, प्रज्ञा की है लौ अति प्रज्ज्वल।
आग, फुहार, आँधी, तीनों रूप दिखाते तेरे प्रांजल॥
पावन कर दे हम सबको भी।

शान्ति-प्रदाता, हे पूतात्मा! पिता, पुत्र के साथ समादृत।
जल-थल-नभ के सकल चराचर गाते तेरी जय-गाथा नित॥
उनसे मिलकर गायें हम भी!

अग्र. 1 : हे प्रभु कितना भला और भद्र है हममें तेरा आत्मा; अल्लेलूया।

स्तोत्र 62:2-9 प्रभु के दर्शनों के लिए तरसती आत्मा।

ईश्वर! तू ही मेरा ईश्वर है! मैं तुझे ढूँढ़ता रहता हूँ।
मेरी आत्मा तेरे लिए प्यासी है।
जल के लिए सूखी सन्तप्त भूमि की तरह,
मैं तेरे दर्शनों के लिए तरसता हूँ।

मैंने तेरे मंदिर में तेरे दर्शन किये,
मैंने तेरा सामर्थ्य और तेरी महिमा देखी है।
तेरी सत्यप्रतिज्ञता प्राणों से भी अधिक प्यारी है।
मेरा कण्ठ तेरी स्तुति करता था।

मैं जीवन भर तुझे धन्य कहूँगा
और तुझ से करबद्ध प्रार्थना करता रहूँगा।
मेरी आत्मा मानों उत्तम व्यंजनों से तृप्त होगी;
मैं उल्लसित हो कर तेरी स्तुति करूँगा।

मैं अपनी शय्या पर भी तुझे याद करता हूँ;
मैं रात भर तेरा मनन करता हूँ।
तू सदा मेरा सहारा रहा है;
मैं तेरे पंखों की छाया में सुखी हूँ।

मेरी आत्मा तुझे में आसक्त रहती है;
तेरा दाहिना हाथ मुझे सँभालता रहता है।

अग्र. : हे प्रभु कितना भला और भद्र है हममें तेरा आत्मा; अल्लेलूया।

अग्र. 2 : पृथ्वी के सारे जल-स्रोतो, प्रभु को धन्य कहो; समस्त जलचरो, ईश्वर की महिमा का गीत गाओ; अल्लेलूया।


भजन स्तुति : दानिएल 3:57-88, 56

प्रभु की समस्त कृतियों! प्रभु को धन्य कहो।
उसकी स्तुति करो और सदा-सर्वदा उसकी महिमा गाओ।
प्रभु के दूतों! प्रभु को धन्य कहो।
आकाश! प्रभु को धन्य कहो।

आकाश के ऊपर के जल! प्रभु को धन्य कहो।
विश्वमण्डल! प्रभु को धन्य कहो।
सूर्य और चंद्रमा! प्रभु को धन्य कहो।
आकाश के तारामण्डल प्रभु को धन्य कहो।

वर्षा और ओस! तुम दोनों प्रभु को धन्य कहो।
पवनो! तुम सब प्रभु को धन्य कहो।
अग्नि और ताप! प्रभु को धन्य कहो।
शीत और ग्रीष्म! प्रभु को धन्य कहो।

ओस और तुषार! प्रभु को धन्य कहो।
ठण्ड और पाले! प्रभु को धन्य कहो।
बर्फ और हिमपात! प्रभु को धन्य कहो।
रात और दिन! प्रभु को धन्य कहो।

प्रकाश और अन्धकार! प्रभु को धन्य कहो।
बिजली और बादलों! प्रभु की स्तुति करो
पृथ्वी प्रभु को धन्य कहे,
उसकी स्तुति करे और सदा-सर्वदा उसकी महिमा गाये।

पर्वतों और पहाड़ियों! प्रभु को धन्य कहो।
पृथ्वी के सब वनस्पतियो! प्रभु को धन्य कहो।
झरनो! प्रभु को धन्य कहो।
समुद्रों और नदियों! प्रभु को धन्य कहो।

मकर और जलचरगण! प्रभु को धन्य कहो।
आकाश के समस्त पक्षियो! प्रभु को धन्य कहो।
सब बनैले और पालतू पशुओं! प्रभु को धन्य कहो।
मनुष्य की सन्तति! प्रभु को धन्य कहो।

इस्राएल! प्रभु को धन्य कहो।
उसकी स्तुति करो और सदा-सर्वदा उसकी महिमा गाओ।
प्रभु के याजको! प्रभु को धन्य कहो।
प्रभु के सेवको! प्रभु को धन्य कहो।

धर्मियों की आत्मोओं! प्रभु को धन्य कहो।
संतो और हृदय के दीन लोगों! प्रभु को धन्य कहो।
हनन्या, अजर्या और मीशाएल! प्रभु को धन्य कहो,
उसकी स्तुति करो और सदा-सर्वदा उसकी महिमा गाओ।

हम पिता और पुत्र और पवित्र आत्मा को धन्य कहें।
उसकी स्तुति करें और सदा-सर्वदा उसकी महिमा गायें।
स्वर्ग में विराजमान प्रभु! तू धन्य है,
सदा-सर्वदा प्रशंसनीय महिमामय और सर्वोच्च।

अग्र. : पृथ्वी के सारे जल-स्रोतो, प्रभु को धन्य कहो; समस्त जलचरो, ईश्वर की महिमा का गीत गाओ; अल्लेलूया।

अग्र. 3 : प्रेरित लोग भिन्न-भिन्न भाषाएँ बोलते हुए ईश्वर के महान कार्य घोषित करते थे; अल्लेलूया।


स्तोत्र 149 सन्तों का उल्लास।

प्रभु के आदर में नया गीत गाओ,
भक्तों की सभा में उसकी स्तुति करो।

इस्राएल अपने सृष्टिकर्ता में आनन्द मनाये।
सियोन के पुत्र अपने राजा का जयकार करें।

वे नृत्य करते हुए उसका नाम धन्य कहें,
डफली और सितार बजाते हुए प्रभु का भजन गायें;

क्योंकि प्रभु अपनी प्रजा को प्यार करता
और पददलितों का उद्धार करता है।

प्रभु के भक्त विजय के गीत सुनायें
और अपने शिविर में आनन्द मनायें।

उनका कण्ठ ईश्वर का गुणगान करे।
उनके हाथ में दुधारी तलवार हो,
जिससे वे अन्य जातियों से बदला चुकायें, राष्ट्रों को दण्डित करें,

उनके राजाओं को बेड़ियाँ पहना दें,
उनके नेताओं को लोहे की श्रृंखलाओं से बाँध लें
और उनके विरुद्ध दिया हुआ दण्ड पूरा करें।
इस में सभी भक्तों का गौरव है।

अग्र. : प्रेरित लोग भिन्न-भिन्न भाषाएँ बोलते हुए ईश्वर के महान कार्य घोषित करते थे; अल्लेलूया।

धर्मग्रन्थ-पाठ : प्रेरित-चरित 5:30-32

आप लोगों ने येसु को क्रूस के काठ पर लटका कर

मार डाला था, किन्तु हमारे पूर्वजों के ईश्वर ने उन्हें पुनर्जीवित किया। ईश्वर ने उन्हें शासक तथा मुक्तिदाता का उच्च पद दे कर अपने दाहिने बैठा दिया है, जिससे वह उनके द्वारा इस्राएल को पश्चाताप और पापक्षमा प्रदान करे। इन बातों के साक्षी हम हैं और पवित्र आत्मा भी, जिसे ईश्वर ने उन लोगों को प्रदान किया है, जो उसकी आज्ञा का पालन करते हैं।
लघु अनुवाक्य
अगुआ : वे सब के सब पवित्र आत्मा से परिपूर्ण हो गये; अल्लेलूया, अल्लेलूया।
समूह : वे सब के सब पवित्र आत्मा से परिपूर्ण हो गये; अल्लेलूया, अल्लेलूया।
• वे बोलने लगे।
• पिता और पुत्र और पवित्र आत्मा की महिमा हो।


ज़ाकरी गान

अग्र. : पवित्र आत्मा को ग्रहण करो। जिसके पाप तुम क्षमा करोगे, वे क्षमा किये जायेंगे; अल्लेलूया।

धन्य है प्रभु, इस्राएल का ईश्वर!
उसने अपनी प्रजा की सुध ली है
और उसका उद्धार किया है।
उसने अपने दास दाऊद के वंश में
हमारे लिए एक शक्तिशाली मुक्तिदाता उत्पन्न किया है।

वह अपने पवित्र नबियों के मुख से
प्राचीन काल से यह कहता आया है
कि वह शत्रुओं और सब बैरियों के हाथ से हमें छुड़ायेगा
और अपने पवित्र विधान को स्मरण कर
हमारे पूर्वजों पर दया करेगा।

उसने शपथ खा कर हमारे पिता इब्राहीम से कहा था
कि वह हम को शत्रुओं के हाथ से मुक्त करेगा,
जिससे हम निर्भयता, पवित्रता और धार्मिकता से
जीवन भर उसके सम्मुख उसकी सेवा कर सकें।

बालक! तू सर्वोच्च ईश्वर का नबी कहलायेगा,
क्योंकि प्रभु का मार्ग तैयार करने
और उसकी प्रजा को उस मुक्ति का ज्ञान कराने के लिए,
जो पापों की क्षमा द्वारा उसे मिलने वाली है,
तू प्रभु का अग्रदूत बनेगा।

हमारे ईश्वर की प्रेमपूर्ण दया से
हमें स्वर्ग से प्रकाश प्राप्त हुआ है,
जिससे वह अन्धकार और मृत्यु की छाया में बैठने वालों को ज्योति प्रदान करे
और हमारे चरणों को शान्ति-पथ पर अग्रसर करे।"

पिता और पुत्र और पवित्र आत्मा की महिमा हो
जैसे वह आदि में थी, अब है और अनन्त काल तक। आमेन।

अग्र. : पवित्र आत्मा को ग्रहण करो। जिसके पाप तुम क्षमा करोगे, वे क्षमा किये जायेंगे; अल्लेलूया।


सामूहिक निवेदन


अगुआ :पेन्तकोस्त के इस दिन कलीसिया हर्ष मनाती है। अपार आशा से सबल होकर, हम येसु ख्रीस्त से प्रार्थना करते हैं, जो पवित्र आत्मा में कलीसिया को एक होने के लिए बुलाते हैं।
समूह : हे पिता, पृथ्वी का स्वरूप नवीन कर।
• क्रूस पर बलि चढ़ाये गये हे प्रभु येसु, तूने संसार को नवजीवन देने के लिए संजीवन जल प्रवाहित किया – पवित्र आत्मा के वरदानों से मानव जीवन को नव-स्फूर्ति प्रदान कर।
• ईश्वर के दाहिने विराजमान होकर तूने प्रेरितों को पिता का विशिष्ट दान दिया – उसी दान और आशा की प्रतीक्षा कलीसिया अभी कर रही है।
• तूने प्रेरितों पर अपने आत्मा को भेज दिया और उन्हें क्षमदान का अधिकार दिया – मनुष्यों को पाप के बन्धनों से मुक्त कर।
• तूने सत्य के आत्मा को भेजने का वचन दिया ताकि हम सत्य के सन्देशवाहक बन सकें – उस पवित्र आत्मा के सान्निध्य से हम कलीसिया में तेरे सच्चे साक्षी बन सकें।

हे हमारे पिता ....



समापन प्रार्थना


अगुआ :हे प्रभु ईश्वर, आज हम जिस रहस्य का अनुष्ठान कर रहे हैं, उसके द्वारा तू हर जाति और राष्ट्र में अपनी कलीसिया की पवित्रता उभार देता है। सब मनुष्यों पर पवित्र आत्मा के वरदानों की वृष्टि कर। अब अपने विश्वासियों के हृदय में उन चमत्कारों का पुनरावर्त्तन कर जैसे तूने नवजात कलीसिया में किया था। हम यह प्रार्थना करते हैं, उन्हीं हमारे प्रभु येसु ख्रीस्त तेरे पुत्र के द्वारा जो परमेश्वर होकर तेरे तथा पवित्र आत्मा के साथ युगानुयुग जीते और राज्य करते हैं।

समूह : आमेन।

अगुआ : प्रभु हमको आशीर्वाद दे, हर बुराई से हमारी रक्षा करे और हमें अनन्त जीवन तक ले चले।

समूह : आमेन।


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Praise the Lord!