प्रभात वन्दना

वर्ष का सामान्य सप्ताह 1 - सोमवार 1


अगुआ : प्रभु! हमारे अधरों को खोल दे।

समूह : और हम तेरे नाम का गुणगान करेंगे।


आमंत्रक स्तोत्र

आमन्त्रक अग्र. :हम धन्यवाद करते हुए प्रभु के पास जायें।

मंगलगान

पल भर भी अपने समीप में मुझे बैठ तो लेने दो।
कर लूँगा सब काम बाद में उन्हें पड़ा ही रहने दो।।

मेरे दिल को चौन न मिलता, तुम्हें निहारे हुए बिना।
इस आकुल सागर में चाहे, काम-काज कर लूँ जितना॥

आज लिये उच्छ्वास श्वास, आय वसन्त वातायन पर।
गूँज रहे अलस भ्रमर दल, मम निकुँज के आँगन पर।।

एकाकी आसीन शान्ति से, मिला नयन से नयन मधुर।
गाऊँगा जीवन अर्पण का गान आज नीरव अवसर॥

अग्र. 1: हे प्रभु मैं तेरी दुहाई देता हूँ, तू प्रात:काल मेरी पुकार सुन।

स्तोत्र 5:2-10, 12-13 सहायता के लिए प्रात:काल की प्रार्थना।

प्रभु! मेरी बात सुनने की कृपा कर।
मेरे उच्छ्वासों पर ध्यान दे।
मेरी दुहाई तेरे पास पहुँचे,
प्रभु! मैं तुझ से प्रार्थना करता हूँ, मेरे राजा, मेरे ईश्वर!

प्रभु! तू प्रातःकाल मेरी पुकार सुनता है।
मैं प्रातः अपना चढ़ावा सजाता हूँ
और प्रतीक्षा करता रहता हूँ।

तू न तो बुराई से समझौता करता
और न दुष्टों को शरण देता है।

घमण्डी तेरे सामने नहीं टिकते;
तू सब कुकर्मियों को तुच्छ समझता
और झूठ बोलने वालों का विनाश करता है।
प्रभु हिंसा करने वाले और कपटी मनुष्य से घृणा करता है।

किन्तु मैं तेरी अपार कृपा के कारण
तेरे मन्दिर में प्रवेश करता हूँ।
मैं बड़ी श्रद्धा से तेरे पवित्र मन्दिर को दण्डवत् करता हूँ।
मेरे शत्रु मेरी घात में रहते हैं।

प्रभु! मुझे अपने धर्ममार्ग पर ले चल
और मेरे लिए अपना मार्ग प्रशस्त कर।

उनके मुख की कोई बात विश्वसनीय नहीं,
उनका हृदय दुष्टता से भरा हुआ है।
उनका गला खुली हुई कब्र है
और उनकी जिह्वा चाटुकारी करती है।

जो तेरी शरण जाते हैं,
वे सब आनन्द मनायेंगे;
तू उनकी रक्षा करेगा और वे सदा हर्षित रहेंगे।

जो तेरे नाम के प्रेमी हैं, वे आनन्द के गीत गायेंगे।
प्रभु! तू ही धर्मी को आशीर्वाद देता है,
तू अपनी कृपा की ढाल से उसकी रक्षा करता है।

अग्र. : हे प्रभु तेरी दुहाई देता हूँ, तू प्रात:काल मेरी पुकार सुन।

अग्र. 2 : प्रभु हमारे ईश्वर, हम तेरे नाम किए वैभव की स्तुति करते हैं।


भजन स्तुति : 1 इतिहास 29:10-13


हमारे पिता इस्राएल के प्रभु-ईश्वर! तू सदा-सर्वदा धन्य है।
प्रभु! तुझे प्रताप, सामर्थ्य, महिमा, विजय और स्तुति!

क्योंकि जो कुछ स्वर्ग में और पृथ्वी पर है, वह तेरा ही है।
प्रभु! राज्याधिकार तेरा है। तू सब शासकों में महान् है।

धन और सम्मान तुझ से मिलता है।
तू समस्त सृष्टि का शासन करता है।

तेरे हाथ में सामर्थ्य और बल है।
तू लोगों को महान् और शक्तिशाली बनाता है।

हमारे ईश्वर! इसलिए हम तुझे धन्वाद देते हैं
और तेरे महिमामय नाम की स्तुति करते हैं।

अग्र. : प्रभु हमारे ईश्वर, हम तेरे नाम किए वैभव की स्तुति करते हैं।

अग्र. 3 : प्रभु के भव्य दरबार में उसकी आराधना करो।

स्तोत्र 28 प्रभु की वाणी की स्तुति।

ईश्वर के पुत्रों! प्रभु की महिमा का गीत गाओ।
उसके सामर्थ्य का बखान करो।
उसके महिमामय नाम की स्तुति करो,
पवित्र वस्त्र पहन कर उसकी आराधना करो।

प्रभु की वाणी जल पर, महासागर की लहरों पर गरजती है।
प्रभु की वाणी तेजस्वी है, प्रभु की वाणी प्रतापी है।
प्रभु की वाणी देवदारों को चीर देती है,
प्रभु लेबानोन के देवदारों को चीर देता है।

वह लेबानोन को बछड़े की तरह कुदाता है
और सियोन को तरुण भैंस की तरह।
प्रभु की वाणी से अग्नि की ज्वाला निकलती है,
प्रभु की वाणी जंगल को कँपाती है;

प्रभु कादेश के मरुप्रान्त को कँपाता है।
प्रभु की वाणी बलूतों को ज़ोर-ज़ोर से हिलाती
और जंगल के वृक्षों को नोच डालती है।
प्रभु के मन्दिर में सब बाले उठते हैं: प्रभु की जय!

प्रभु जल-प्रलय के ऊपर विराजमान था,
प्रभु सदा-सर्वदा राज्य करेगा।
प्रभु अपनी प्रजा को बल प्रदान करेगा;
प्रभु अपनी प्रजा को शांति का आशीर्वाद देगा।

अग्र. : प्रभु के भव्य दरबार में उसकी आराधना करो।

धर्मग्रन्थ-पाठ : 2 थेसलनीकियों 3:10-13

आपके बीच रहते समय हमने आप को यह नियम दिया- ’जो काम करना नहीं चाहता, उसे भोजन नहीं दिया जाये’। अब हमारे सुनने में आता है कि आप में कुछ लोग आलस्य का जीवन बिताते हैं। वे स्वयं काम नहीं करते और दूसरों के काम में बाधा डालते हैं। हम ऐसे लोगों को प्रभु ईसा मसीह के नाम पर यह आदेश देते हैं और उन से अनुरोध करते हैं कि वे चुपचाप काम करते रहें और अपनी कमाई की रोटी खायें। भाइयो! आप लोग भलाई करते हुए हिम्मत न हारें।
लघु अनुवाक्य :
अगुआ : युगानुयुग प्रभु को धन्य कहो।
समूह : युगानुयुग प्रभु को धन्य कहो।
• उसी ने महान कार्य किया हैं।
• पिता और पुत्र और पवित्र आत्मा की महिमा हो।


ज़ाकरी गान

अग्र. :हे प्रभु ईश्वर, तू धन्य है।

धन्य है प्रभु, इस्राएल का ईश्वर!
उसने अपनी प्रजा की सुध ली है
और उसका उद्धार किया है।
उसने अपने दास दाऊद के वंश में
हमारे लिए एक शक्तिशाली मुक्तिदाता उत्पन्न किया है।

वह अपने पवित्र नबियों के मुख से
प्राचीन काल से यह कहता आया है
कि वह शत्रुओं और सब बैरियों के हाथ से हमें छुड़ायेगा
और अपने पवित्र विधान को स्मरण कर
हमारे पूर्वजों पर दया करेगा।

उसने शपथ खा कर हमारे पिता इब्राहीम से कहा था
कि वह हम को शत्रुओं के हाथ से मुक्त करेगा,
जिससे हम निर्भयता, पवित्रता और धार्मिकता से
जीवन भर उसके सम्मुख उसकी सेवा कर सकें।

बालक! तू सर्वोच्च ईश्वर का नबी कहलायेगा,
क्योंकि प्रभु का मार्ग तैयार करने
और उसकी प्रजा को उस मुक्ति का ज्ञान कराने के लिए,
जो पापों की क्षमा द्वारा उसे मिलने वाली है,
तू प्रभु का अग्रदूत बनेगा।

हमारे ईश्वर की प्रेमपूर्ण दया से
हमें स्वर्ग से प्रकाश प्राप्त हुआ है,
जिससे वह अन्धकार और मृत्यु की छाया में बैठने वालों को ज्योति प्रदान करे
और हमारे चरणों को शान्ति-पथ पर अग्रसर करे।"

पिता और पुत्र और पवित्र आत्मा की महिमा हो
जैसे वह आदि में थी, अब है और अनन्त काल तक। आमेन।

अग्र. : हे प्रभु ईश्वर, तू धन्य है।


सामूहिक निवेदन

अगुआ : जब एक नये दिन का उदय हो रहा है, हम ख्रीस्त का जय-जयकार करें, उन्हीं में पवित्र आत्मा और उसकी कृपा की पूर्णता है।
समूह : हे प्रभु, हमें अपना अत्मा प्रदान कर।
• हम तेरी प्रशंसा करते हैं, हे प्रभु, और तेरे सभी वरदानों के लिए तुझे धन्य कहते हैं।
• हमें मन की शान्ति और हृदय की उदारता प्रदान कर।
• तेरे इच्छानुसार चलने के लिए हमें स्वास्थ्य और शक्ति प्रदान कर – दिन भर तेरा प्रेम हमारे साथ रहे।
• हमारे काम-काज में तू हमें दिशा-दर्शन दे। उनके साथ रह, जिन्होंने हमारी प्रार्थना की सहायता माँगी है – तू उनकी आवश्यकताएँ पूरी कर।

हे हमारे पिता ....


समापन प्रार्थना

अगुआ :हे प्रभु, तू हमारे सभी वचन एवं कर्म का आदि और अन्त बन जा। हमारे कार्यों को तेरी कृपा की प्रेरणा मिले। अप्नी सबल सहायता से उन्हें पूरा कर। हम यह प्रार्थना करते हैं, उन्हीं हमारे प्रभु येसु ख्रीस्त तेरे पुत्र के द्वारा जो परमेश्वर होकर तेरे तथा पवित्र आत्मा के साथ युगानुयुग जीते और राज्य करते हैं।

समूह : आमेन।

अगुआ : प्रभु हमको आशीर्वाद दे, हर बुराई से हमारी रक्षा करे और हमें अनन्त जीवन तक ले चले।

समूह : आमेन।


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Praise the Lord!