प्रभात वन्दना

वर्ष का सामान्य सप्ताह 2 - शनिवार


अगुआ : प्रभु! हमारे अधरों को खोल दे।

समूह : और हम तेरे नाम का गुणगान करेंगे।


आमंत्रक स्तोत्र

आमन्त्रक अग्र. :आइये, हम प्रभु की वाणी सुनें और उसके निवासस्थान में प्रवेश करें।


मंगलगान

हे धरती ये आसमां, ये वन उपवन
ये पवन चमन, मेरे प्रभु की श्वासें हैं

गायें जयकार, गायें बारंबार,
हो जायें गुंजार प्रभु है फुहार।

सत्य वही है, मार्ग वही है,
ज्योति वही है, जीवन वही है।

कितना विशाल है, कितना महान है,
जग की मशाल है, प्रभु महीपाल है।

अग्र. 1 : प्रभु, हम भोर को तेरे प्रेम का और रात को तेरी सत्यता का बखान करते हैं।


स्तोत्र 91 सृष्टिकर्ता प्रभु का स्तुतिगान।

प्रभु का गुणगान करना कितना अच्छा है!
सर्वोच्च ईश्वर! तेरे नाम का भजन गाना,

तम्बूरा और वीणा बजाते हुए,
सितार के मधुर संगीत के साथ,
प्रातः तेरे प्रेम का और रात को तेरी सत्यप्रतिज्ञता का
बखान करना कितना अच्छा है!

प्रभु! तेरे कार्य मुझे आनन्दित करते हैं;
तेरी सृष्टि देख कर मैं उल्लसित हो कर कहता हूँ;

प्रभु तेरे कार्य कितने महान् है!
तेरी योजनाएँ कितनी गूढ़ हैं!
अविवेकी मनुष्य यह नहीं जानता, मूर्ख यह नहीं समझता।

विधर्मी भले ही घास की तरह बढ़ते हों,
सब दुष्ट भले ही फलते-फूलते हों,
किन्तु वे सदा-सर्वदा के लिए नष्ट किये जायेंगे,
जब कि तू, प्रभु! सदा-सर्वदा स्वर्ग में विराजमान रहता है।

प्रभु! निश्चय ही तेरे शत्रुओं का विनाश होगा
और सब कुकर्मी तितर-बितर हो जायेंगे।
तूने मुझे जंगली भैंसे-जैसा बल प्रदान किया है।
मैं उत्तम तेल से नहाता हूँ।

मेरी आँख ने अपने शत्रुओं की पराजय देखी है,
मेरे कान ने अपने दुष्ट बैरियों के पतन के विषय में सुना है।

धर्मी खजूर की तरह फलता-फूलता
और लेबानोन के देवदार की तरह बढ़ता है।
वे प्रभु के मन्दिर में रोपे गये हैं,
वे हमारे ईश्वर के प्रांगण में फलते-फूलते हैं।

वे लम्बी आयु में भी फलदार हैं।
वे रसदार और हरे-भरे रहते हैं,
जिससे वे प्रभु का न्याय घोषित करें:
"प्रभु मेरी चट्टान है। उस में कोई अन्याय नहीं।"

अग्र. : प्रभु, हम भोर को तेरे प्रेम का और रात को तेरी सत्यता का बखान करते हैं।

अग्र. 2 : ईश्वर के महाप्रताप के कारण उसकी स्तुति करो।


भजन स्तुति : विधि-विवरण 32:1-12

आकाश मण्ड़ल! ध्यान दो; मैं बोलूगा।
पृथ्वी! मेरे शब्दों को सुनो।

मेरी शिक्षा वृष्टि की तरह फैले,
मेरी वाणी ओस की तरह उतरे
घासस्थली पर मूसलाधार वर्षा की तरह,
फ़सलों पर बौछार की तरह।

मैं प्रभु के नाम की स्तुति करूँगा।
हमारे ईश्वर की महिमा घोषित करो।
वह हमारी चट्टान है। उसके सभी कार्य अदोष हैं।
और उसके सभी मार्ग न्यायपूर्ण;

क्योंकि ईश्वर सत्य प्रतिज्ञ है, उसमें अन्याय नहीं,
वह न्यायी और निष्कपट है।
उन्होंने उसके विरुद्ध पाप किया,
इसके कारण वे उसके पुत्र नहीं रहे।

वह एक दुष्ट और भ्रष्ट पीढ़ी है। मूर्ख और अविवेकी प्रजा!
क्या प्रभु के साथ ऐसा व्यवहार उचित है?
क्या वह तुम्हारा पिता नहीं, जिसने तुम्हें उत्पन्न किया?
उसने तुमको बनाया और जीवन दिया।

प्राचीन काल को याद करो, युग-युगों के वर्षों पर ध्यान दो।
अपने पिता से पूछो, वह तुम्हें बतायेगा।
बड़ों से पूछो, वे तुम्हें समझायेंगे

जब सर्वोच्च प्रभु ने राष्ट्रों के देश निर्धारित किये
और मनुष्यों को पृथ्वी पर बिखेर दिया,
तो उसने ईश्वर के पुत्रों की संख्या के अनुसार
राष्ट्रों की सीमाओं का निर्धारण किया।

ईश्वर की विरासत है उसकी अपनी प्रजा, याकूब है उसका दायभाग।
उसने उन्हें मरूभूमि में, भयानक निर्जन स्थान में पाया।
उसने उन्हें सँभाला और शिक्षा प्रदान की,
आँखों की पुतली की तरह उनकी रक्षा की।

गरूड़ जिस तरह अपने नीड़ की रखवाली करता
और अपने बच्चों के ऊपर मँडराता है,
उसी तरह उसने अपने पंखों को फैला कर उन्हें उठाया
और अपनें पंखों पर ले गया।

प्रभु ही अपनी प्रजा का पथप्रदर्षक रहा।
उसका कोई और देवता नहीं था।

अग्र. : ईश्वर के महाप्रताप के कारण उसकी स्तुति करो।

अग्र. 3 : प्रभु, समस्त पृथ्वी पर तेरा नाम कितना महान है।


स्तोत्र 8 प्रभु की महिमा एवं मनुष्य की मर्यादा।

प्रभु! हमारे ईश्वर! तेरा नाम
समस्त पृथ्वी पर कितना महान् है!

तेरी महिमा आकाश से भी ऊँची है।
बालक और दुधमुँहे बच्चे तेरा गुणगान करते हैं।
तूने अपने लिए एक सुदृढ़ गढ़ बनाया है।
तेरे शत्रु और विद्रोही उसके सामने नहीं टिक सकते।

जब मैं तेरे बनाये हुए आकाश को देखता हूँ,
तेरे द्वारा स्थापित तारों और चन्द्रमा को,
तो सोचता हूँ कि मनुष्य क्या है, जो तू उसकी सुधि ले?
आदम का पुत्र क्या है, जो तू उसकी देख-भाल करे?

तूने उसे स्वर्गदूतों से कुछ ही छोटा बनाया
और उसे महिमा और सम्मान का मुकुट पहनाया।
तूने उसे अपनी सृष्टि पर अधिकार दिया
और उसके पैरों तले सब कुछ डाल दिया

सब भेड़-बकरियों, गाय-बैलों
और जंगल के बनैले पशुओं को;
आकाश के पक्षियों, समुद्र की मछलियों
और सारे जलचरी जन्तुओं को।

प्रभु! हमारे ईश्वर! तेरा नाम
समस्त पृथ्वी पर कितना महान् है!

अग्र. : प्रभु, समस्त पृथ्वी पर तेरा नाम कितना महान है।


धर्मग्रन्थ-पाठ : रोमियों 12:14-16

अपने अत्याचारियों के लिए आशीर्वाद माँगें- हाँ, आशीर्वाद, न कि अभिशाप! आनन्द मनाने वालों के साथ आनन्द मनायें, रोने वालों के साथ रोयें। आपस में मेल-मिलाप का भाव बनाये रखें। घमण्डी न बनें, बल्कि दीन-दुःखियों से मिलते-जुलते रहें।

लघु अनुवाक्य
अगुआ : जब मैं तेरा स्तुतिगान करता हूँ, मेरी जिह्वा आनन्द मनाती है।
समूह : जब मैं तेरा स्तुतिगान करता हूँ, मेरी जिह्वा आनन्द मनाती है।
• मेरी जिह्वा तेरे न्याय का बखान करेगी।
• पिता और पुत्र और पवित्र आत्मा की महिमा हो।

ज़ाकरी गान

अग्र. :हे प्रभु, हमारे चरणों को तू शान्ति-पथ पर अग्रसर कर।

धन्य है प्रभु, इस्राएल का ईश्वर!
उसने अपनी प्रजा की सुध ली है
और उसका उद्धार किया है।
उसने अपने दास दाऊद के वंश में
हमारे लिए एक शक्तिशाली मुक्तिदाता उत्पन्न किया है।

वह अपने पवित्र नबियों के मुख से
प्राचीन काल से यह कहता आया है
कि वह शत्रुओं और सब बैरियों के हाथ से हमें छुड़ायेगा
और अपने पवित्र विधान को स्मरण कर
हमारे पूर्वजों पर दया करेगा।

उसने शपथ खा कर हमारे पिता इब्राहीम से कहा था
कि वह हम को शत्रुओं के हाथ से मुक्त करेगा,
जिससे हम निर्भयता, पवित्रता और धार्मिकता से
जीवन भर उसके सम्मुख उसकी सेवा कर सकें।

बालक! तू सर्वोच्च ईश्वर का नबी कहलायेगा,
क्योंकि प्रभु का मार्ग तैयार करने
और उसकी प्रजा को उस मुक्ति का ज्ञान कराने के लिए,
जो पापों की क्षमा द्वारा उसे मिलने वाली है,
तू प्रभु का अग्रदूत बनेगा।

हमारे ईश्वर की प्रेमपूर्ण दया से
हमें स्वर्ग से प्रकाश प्राप्त हुआ है,
जिससे वह अन्धकार और मृत्यु की छाया में बैठने वालों को ज्योति प्रदान करे
और हमारे चरणों को शान्ति-पथ पर अग्रसर करे।"

पिता और पुत्र और पवित्र आत्मा की महिमा हो
जैसे वह आदि में थी, अब है और अनन्त काल तक। आमेन।

अग्र. : हे प्रभु, हमारे चरणों को तू शान्ति-पथ पर अग्रसर कर।


सामूहिक निवेदन

अगुआ :पिता ईश्वर ने हमें अपने दत्तक पुत्र-पुत्रियों का पद देकर अपने पुत्र के भाई-बहन बना दिया है। पीढ़ी-दर-पीढ़ी हमारे साथ रह कर उन्होंने अपने प्रेम की छत्र-छाया में हमें पाला है। समस्त विश्व की आवश्यकताओं के लिए हम उनसे निवेदन करें।
समूह : हे प्रभु, हमारे काम-काजों में हमारी सहायता कर।
• जो लोग शहर-नगर के निर्माण-कार्य में लगे हुए हैं – उन्हें मानव-मूल्यों को कदर करना सिखा।
• तू अपने पवित्र आत्मा की कृपा सभी कलाकारों, कारीगरों, संगीतज्ञों तथा वाद्यकारोम पर बरसा; उनके कार्य मनोरंजन में विविधता लायें, हमें आनन्दित करें और हमारे जीवन को प्रेरणा दें।
• तू हमारे सभी निर्माण-कार्यों की आधार-शिला बन जा – क्योंकि बिना तेरी सहायता के हम कुछ भी नहीं कर सकते।
• तूने अपने पुत्र के पुनरुत्थान द्वारा हमारा नवनिर्माण किया है – एक नई दुनिया और नये जीवन के निर्माण में हमें मनोबल प्रदान कर।

हे हमारे पिता ....



समापन प्रार्थना


अगुआ :हे प्रभु, हम मन, वचन और कर्म से तेरी स्तुति करें। हमारा जीवन ही तेरा वरदान है; अतएव जो भी हम हैं और हमारा है, वह सब तेरा ही हो जाये। हम यह प्रार्थना करते हैं उन्हीं हमारे प्रभु येसु ख्रीस्त तेरे पुत्र के द्वारा जो परमेश्वर होकर तेरे तथा पवित्र आत्मा के साथ युगानुयुग जीते और राज्य करते हैं।

समूह : आमेन।

अगुआ : प्रभु हमको आशीर्वाद दे, हर बुराई से हमारी रक्षा करे और हमें अनन्त जीवन तक ले चले।

समूह : आमेन।


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Praise the Lord!