प्रभात वन्दना

वर्ष का सामान्य सप्ताह 3 - मंगलवार


अगुआ : प्रभु! हमारे अधरों को खोल दे।

समूह : और हम तेरे नाम का गुणगान करेंगे।


आमंत्रक स्तोत्र

आमन्त्रक अग्र. : प्रभु महान राजा है; आइये, हम उसकी आराधना करें।

मंगलगान :

जय जय जग के स्वामी तुमको बलिहारी,
जय प्रभु घट-घट वासी, जय भव भय हारी,
जय देव मम देव॥

अखिल विश्व के नायक है अन्तर्यामी,
कण-कण में हो व्यापक जग के हे स्वामी,
जय देव मम देव॥

सूर्य, चन्द्र, अरु तारे, महिमा तव गायें,
जल-थल, नभ-चर सारे निज शीश नवायें,
जय देव मम देव॥

अग्र. 1 : प्रभु, तूने देश पर कृपा-वृष्टि की, तूने अपनी प्रजा के पापों का क्षमादान किया।


स्तोत्र 84 हमारी मुक्ति निकट है।

प्रभु! तूने अपने देश पर कृपादृष्टि की,
तूने याकूब को निर्वासन से वापस बुलाया।
तूने अपनी प्रजा के अपराध क्षमा किये,
तूने उसके सभी पापों को ढक दिया।

तेरा रोष शान्त हो गया, तेरी क्रोधाग्नि बुझ गयी।
हमारे मुक्तिदाता प्रभु! हमारा उद्धार कर।
हम पर से अपना क्रोध दूर कर।

क्या तू सदा हम से अप्रसन्न रहेगा?
क्या तू पीढ़ी-दर-पीढ़ी अपना क्रोध बनाये रखेगा?
क्या तू लौट कर हमें नवजीवन नहीं प्रदान करेगा,
जिससे तेरी प्रजा तुझ में आनन्द मनाये?

हे प्रभु! हम पर दयादृष्टि कर! हमें मुक्ति प्रदान कर!
प्रभु-ईश्वर जो कहता है, मैं वह सुनना चाहता हूँ।
वह अपनी प्रजा को, अपने भक्तों को शान्ति का सन्देश सुनाता है,
जिससे वे फिर कभी पाप नहीं करे।

उसके श्रद्धालु भक्तों के लिए मुक्ति निकट है।
उसकी महिमा हमारे देश में निवास करेगी।

दया और सच्चाई, न्याय और शान्ति ये एक दूसरे से मिल गये।
सच्चाई पृथ्वी पर पनपने लगी, न्याय स्वर्ग से दयादृष्टि करता है।

प्रभु हमें सुख-शान्ति देता है
और पृथ्वी अपनी फसल उत्पन्न करती है।
न्याय प्रभु के आगे-आगे चलता है
और शान्ति उसका अनुगमन करती है।

अग्र. : प्रभु, तूने देश पर कृपा-वृष्टि की, तूने अपनी प्रजा के पापों का क्षमादान किया।

अग्र. 2 : रात को मेरी आत्मा तेरे लिए तरसती है, दिनोदय होते ही मैं तुझे खोजता हूँ।


भजन स्तुति : इसायाह 26:1-4, 7-9, 12

हमारा नगर सुदृढ़ है।
प्रभु ने हमारी रक्षा के लिए प्राचीर और चारदीवारी बनायी है।
फाटकों को खोल दो- सद्धर्धी और विश्वासी राष्ट्र प्रवेश करें।

तू दृढ़तापूर्वक शान्ति बनाये रखता हैं,
क्योंकि इस राष्ट्र को तुझ पर भरोसा है।
प्रभु पर सदा भरोसा रखो, क्योंकि वही चिरस्थायी चट्टान है।

धर्मी का मार्ग समतल है। तू धर्मी का पथ बराबर करता है।
प्रभु! हम भी तेरे नियमों के मार्ग पर चलते हुए
तुझ पर भरोसा रखते हैं।

मैं रात को तेरे लिए तरसता हूँ।
मैं अपनी सारी आत्मा से तुझे खोजता रहता हूँ।
जब पृथ्वी पर तेरे नियमों का पालन होता है,
तब उसके निवासियों को पता चलता है कि न्याय क्या है।

प्रभु! तू ही हमें शान्ति प्रदान करता
और हमारे सभी कार्यों में हमें सफलता दिलाता है।

अग्र. : रात को मेरी आत्मा तेरे लिए तरसती है, दिनोदय होते ही मैं तुझे खोजता हूँ।

अग्र. 3 : प्रभु, तेरे मुखमण्डल की ज्योति हम पर चमकने दे।


स्तोत्र 66 सभी राष्ट्र प्रभु को धन्यवाद दें।

ईश्वर हम पर दया करे और हमें आशीर्वाद दे।
वह हम पर दयादृष्टि करे, जिससे पृथ्वी पर तेरे मार्ग का
और राष्ट्रों में तेरे मुक्ति-विधान का ज्ञान हो।

ईश्वर! राष्ट्र तुझे धन्यवाद दें।
सभी राष्ट्र मिल कर तुझे धन्यवाद दें।

सभी राष्ट्र उल्लसित हो कर आनन्द मनायें,
क्योंकि तू न्यायपूर्वक संसार का शासन करता
और पृथ्वी पर राष्ट्रों का पथप्रदर्शन करता है।

ईश्वर! राष्ट्र तुझे धन्यवाद दें।
सभी राष्ट्र मिल कर तुझे धन्यवाद दें।

पृथ्वी ने अपनी उपज प्रदान की।
ईश्वर, हमारा ईश्वर हमें आशीर्वाद देता है।
ईश्वर हमें आशीर्वाद प्रदान करता रहे
और समस्त पृथ्वी उस पर श्रद्धा रखे।

अग्र. : प्रभु, तेरे मुखमण्डल की ज्योति हम पर चमकने दे।


धर्मग्रन्थ-पाठ : 1 योहन 4:14-15

पिता ने अपने पुत्र को संसार के मुक्तिदाता के रूप में भेजा। हमने यह देखा है और हम इसका साक्ष्य देते हैं। जो यह स्वीकार करता है कि ईसा ईश्वर के पुत्र हैं, ईश्वर उस में निवास करता है और वह ईश्वर में।

लघु अनुवाक्य : ईश्वर मेरा सहायक है, मैं उस पर भरोसा करूँगा।
समूह : ईश्वर मेरा सहायक है, मैं उस पर भरोसा करूँगा।
• वह मेरी शरण है, उसने मुझे मुक्त किया।
• पिता और पुत्र और पवित्र आत्मा की महिमा हो।

ज़ाकरी गान

अग्र. :प्रभु ने हमारे लिए एक शक्तिशाली मुक्तिदाता उत्पन्न किया है जैसे वह नबियों के मुख से बोला था।

धन्य है प्रभु, इस्राएल का ईश्वर!
उसने अपनी प्रजा की सुध ली है
और उसका उद्धार किया है।
उसने अपने दास दाऊद के वंश में
हमारे लिए एक शक्तिशाली मुक्तिदाता उत्पन्न किया है।

वह अपने पवित्र नबियों के मुख से
प्राचीन काल से यह कहता आया है
कि वह शत्रुओं और सब बैरियों के हाथ से हमें छुड़ायेगा
और अपने पवित्र विधान को स्मरण कर
हमारे पूर्वजों पर दया करेगा।

उसने शपथ खा कर हमारे पिता इब्राहीम से कहा था
कि वह हम को शत्रुओं के हाथ से मुक्त करेगा,
जिससे हम निर्भयता, पवित्रता और धार्मिकता से
जीवन भर उसके सम्मुख उसकी सेवा कर सकें।

बालक! तू सर्वोच्च ईश्वर का नबी कहलायेगा,
क्योंकि प्रभु का मार्ग तैयार करने
और उसकी प्रजा को उस मुक्ति का ज्ञान कराने के लिए,
जो पापों की क्षमा द्वारा उसे मिलने वाली है,
तू प्रभु का अग्रदूत बनेगा।

हमारे ईश्वर की प्रेमपूर्ण दया से
हमें स्वर्ग से प्रकाश प्राप्त हुआ है,
जिससे वह अन्धकार और मृत्यु की छाया में बैठने वालों को ज्योति प्रदान करे
और हमारे चरणों को शान्ति-पथ पर अग्रसर करे।"

पिता और पुत्र और पवित्र आत्मा की महिमा हो
जैसे वह आदि में थी, अब है और अनन्त काल तक। आमेन।


अग्र. :प्रभु ने हमारे लिए एक शक्तिशाली मुक्तिदाता उत्पन्न किया है जैसे वह नबियों के मुख से बोला था।

सामूहिक निवेदन

अगुआ :प्रभु येसु ने अपना रक्त बहाकर पृथ्वी के कोने-कोने से एक नया प्रजा-समूह एकत्र किया है, उनसे हम निवेदन करें।
समूह : हे प्रभु येसु, अपने लोगों की सुधि ले।
• हे प्रभु येसु, तू हमारा राजा और उध्दारक है – हम तेरा प्रेम और सामर्थ्य पहचान सकें।
• हे प्रभु येसु, तू हमारी आशा और धैर्य है – दिन भर हमारे साथ रहकर हमें संभाल।
• हे प्रभु येसु, तू हमारा बल और हमारी शरण है – हमारी कमजोरियों के विरुध्द लड़ने में हमारा साथ दे।
• हे प्रभु येसु, तू हमारा आनन्द और दिलासा है। तू दीन-दुखियों और नि:सहायों के साथ रह।

हे हमारे पिता ....


समापन प्रार्थना

अगुआ :हे सर्वशक्तिमान ईश्वर, यह सारा विश्व अपने सौन्दर्य-सौष्ठव की सारी संपदा के साथ तेर ही है। तेरे नाम में यह दिन सानन्द प्रारम्भ करने की हमें कृपा दे। तेरे और पड़ोसी के प्रति सक्रिय प्रेम के सुकार्यों से हम इसे संपन्न करें। हम यह प्रार्थना करते हैं, उन्हीं हमारे प्रभु येसु ख्रीस्त तेरे पुत्र के द्वारा जो परमेश्वर होकर तेरे तथा पवित्र आत्मा के साथ युगानुयुग जीते और राज्य करते हैं।

समूह : आमेन।

अगुआ : प्रभु हमको आशीर्वाद दे, हर बुराई से हमारी रक्षा करे और हमें अनन्त जीवन तक ले चले।

समूह : आमेन।


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