प्रभात वन्दना

वर्ष का सामान्य सप्ताह 4 - मंगलवार


अगुआ : प्रभु! हमारे अधरों को खोल दे।

समूह : और हम तेरे नाम का गुणगान करेंगे।


आमंत्रक स्तोत्र

आमन्त्रक अग्र. : प्रभु एक शक्तिशाली ईश्वर है, आइये हम उसकी आराधना करें।

मंगलगान :

मैं तेरी करुणा के गीत गाता रहा हूँ, गाता रहूँगा।
पीढ़ी से पीढ़ी तक, हर युग में तेरी सच्चाई जताता रहूँगा।

स्वर्ग में अदभुत तेरे काम की, होगी प्रशंसा तेरे नाम की,
सानी वहाँ तेरा कोई नहीं, उपमायें ढ़ूँढ़ी न पायी कहीं।
मैं तेरी महिमा के गीत गाता रहा हूँ, गाता रहूँगा।

लहरों की सीमाओं को तोड़कर सागर उमड़ता है जब शोर कर
तेरे इशारे से ही शाम हो, जाता सिमट भय से आक्रान्त हो।
मैं तेरी गरिमा के गीत गाता रहा हूँ, गाता रहूँगा।

तेरी है धरती, तेरा है गगन, जो भी है उसमें, है तेरा सृजन
धर्म और न्याय है तेरा चलन करुणा सच्चाई तेरा अनुगमन।
मैं तेरी करुणा के गीत गाता रहा हूँ, गाता रहूँगा।

अग्र. 1 : प्रभु, मैं तेरे आदर में भजन गाऊँगा और शुध्द हृदय से जीवन बिताऊँगा।


स्तोत्र 100 न्यायप्रिय शासक का वक्तव्य ।

मैं दया और न्याय का गीत गाऊँगा।
प्रभु! मैं तेरे आदर में भजन सुनाऊँगा।
मैंने सन्मार्ग पर चलने की ठानी है। तू कब मेरे पास आयेगा?

मैं अपने घर के आँगन में शुद्ध हृदय से जीवन बिताऊँगा।
मैं अपनी आँखों के सामने कोई भी बुराई सहन नहीं करूँगा।

मैं पथभ्रष्टों के आचरण से घृणा करता हूँ,
वह मुझे आकर्षित नहीं कर सकता।
मैं कुटिलता से अपने को दूर रखूँगा। मैं बुराई की उपेक्षा करूँगा।

जो छिप कर अपने पड़ोसी की निन्दा करता है,
मैं उसे चुप रहने के लिए विवश करूँगा।
जो इठलाता और घमण्ड करता है,
मैं उसे अपने पास नहीं रहने दूँगा।

मेरी कृपादृष्टि देश-भक्तों पर बनी रहती है,
वे मेरे आसपास निवास करें।
जो सन्मार्ग पर चलता है, वही मेरा सेवक हो सकता है।

जो छल-कपट करता है, वह मेरे यहाँ नहीं रह पायेगा।
जो झूठ बोलता है, वह मेरी आँखों के सामने नहीं टिकेगा।
मैं प्रतिदिन प्रातः देश के सब दुष्टों को चुप करूँगा।
मैं प्रभु के नगर से सब कुकर्मियों को निकाल दूँगा।

अग्र. : प्रभु, मैं तेरे आदर में भजन गाऊँगा और शुध्द हृदय से जीवन बिताऊँगा।

अग्र. 2 : प्रभु, हम पर से अपनी कृपा-दृष्टि दूर न हटा।


भजन स्तुति : दानिएल 3:26-27, 34-41

हमारे पूर्वजों के प्रभु-ईश्वर! तू धन्य है,
सदा-सर्वदा प्रशंसनीय, महिमामय और सर्वोच्च।

तूने हमारे साथ जो कुछ किया, उसे तूने न्याय के अनुसार किया;
क्योंकि हमने पाप किया, तुझे त्याग कर कुकर्म किया
और हर तरह के अपराध किये।

तू अपने नाम का ध्यान रख कर हमें सदा के लिए न त्याग;
हमारे लिए अपना विधान रद्द न कर।

अपने मित्र इब्राहीम, अपने सेवक इसहाक
और अपने भक्त इस्राएल का स्मरण कर।
अपनी कृपादृष्टि हम पर से न हटा।

तूने उन से यह प्रतिज्ञा की थी कि आकाश के तारों की तरह
और समुद्रतट के रेतकणों की तरह तुम्हारे वंशजों को असंख्या बना दूँगा।

प्रभु! संख्या की दृष्टि से, हम सब राष्ट्रों से छोटे हो गये हैं
और हमारे पापों के कारण पृथ्वी भर में हमारा अपमान हो रहा है।

अब तो न राजा है, न नबी, न नेता,
न होम, न यज्ञ, न बलि, न धूपदान।
कोई स्थान ऐसा नहीं, जहां तेरी कृपादृष्टि प्राप्त करने के लिए
हम तुझे प्रथम फल अर्पित करें।

हमारा पश्चात्तापी हृदय और हमारा विनम्र मन
मेढ़ों, साँडो और हज़ारों पुष्ट भेड़ो की बलि-जैसे तुझे ग्राह्य हों।
आज तेरे लिए यही हमारा बलिदान हो।

ऐसा कर कि हम पूर्ण रूप से तेरे मार्ग पर चलें,
क्योंकि तुझ पर भरोसा रखने वाले कभी निराश नहीं होते।

अब हम यह दृढ संकल्प करते हैं कि हम तेरे मार्ग पर चलेंगे,
तुझ पर श्रद्धा रखेंगे, और तेरे दर्शनों की कामना करते रहेंगे।

अग्र. : प्रभु, हम पर से अपनी कृपा-दृष्टि दूर न हटा।

अग्र. 3 : हे प्रभु, मैं तेरे लिए एक नया गीत गाऊँगा।


स्तोत्र 143:1-10 विजय और शान्ति के लिए प्रार्थना।

प्रभु, मेरी चट्टान, धन्य है! वह मेरे हाथों को युद्ध का
और मेरी उँगलियों को समर का प्रशिक्षण देता है।

वह मेरा सहायक है, मेरा शरणस्थान,
मेरा गढ़, मेरा मुक्तिदाता और मेरी ढाल।
मैं उसकी शरण जाता हूँ।
वह अन्य राष्ट्रों को मेरे अधीन करता है।

प्रभु! मनुष्य क्या है, जो तू उस पर ध्यान दें?
आदम का पुत्र क्या है, जो तू उसकी सुधि ले?
मनुष्य तो श्वास के सदृश है।
उसका जीवन छाया की तरह मिट जाता है।

प्रभु! आकाश को खोल कर उतर आ!
पर्वतों का स्पर्श कर, जिससे वे धुआँ उगलें।
बिजली चमका और शत्रुओं को तितर बितर कर।
अपने बाण चला और उन्हें भगा दे।

ऊपर से अपना हाथ बढ़ा कर मुझे बचा,
भीषण जलधारा से, विदेशियों के हाथ से मुझे छुड़ा।
वे अपने मुँह से असत्य बोलते
और दाहिना हाथ उठा कर झूठी शपथ खाते हैं।

ईश्वर! मैं तेरे लिए एक नया गीत गाऊँगा,
मैं वीणा बजाते हुए तेरी स्तुति करूँगा।
तू राजाओं को विजय दिलाता
और घातक तलवार से अपने दास दाऊद की रक्षा करता है।

अग्र. : हे प्रभु, मैं तेरे लिए एक नया गीत गाऊँगा।


धर्मग्रन्थ-पाठ : इसायाह 55:1

तुम सब, जो प्यासे हो, पानी के पास चले आओ। यदि तुम्हारे पास रुपया नहीं हो, तो भी आओ। मुफ़्त में अन्न ख़रीद कर खाओ, दाम चुकाये बिना अंगूरी और दूध ख़रीद लो।

लघु अनुवाक्य
अगुआ : हे प्रभु मेरी पुकार सुन। मुझे तेरे वचनों पर भरोसा है।
समूह : हे प्रभु मेरी पुकार सुन। मुझे तेरे वचनों पर भरोसा है।
• मैं भोर के पूर्व ही उठ कर सहायता के लिए पुकारता हूँ।
• पिता और पुत्र और पवित्र आत्मा की महिमा हो।

ज़ाकरी गान

अग्र. :हे प्रभु! वैरियों के हाथ से हमें बचा।

धन्य है प्रभु, इस्राएल का ईश्वर!
उसने अपनी प्रजा की सुध ली है
और उसका उद्धार किया है।
उसने अपने दास दाऊद के वंश में
हमारे लिए एक शक्तिशाली मुक्तिदाता उत्पन्न किया है।

वह अपने पवित्र नबियों के मुख से
प्राचीन काल से यह कहता आया है
कि वह शत्रुओं और सब बैरियों के हाथ से हमें छुड़ायेगा
और अपने पवित्र विधान को स्मरण कर
हमारे पूर्वजों पर दया करेगा।

उसने शपथ खा कर हमारे पिता इब्राहीम से कहा था
कि वह हम को शत्रुओं के हाथ से मुक्त करेगा,
जिससे हम निर्भयता, पवित्रता और धार्मिकता से
जीवन भर उसके सम्मुख उसकी सेवा कर सकें।

बालक! तू सर्वोच्च ईश्वर का नबी कहलायेगा,
क्योंकि प्रभु का मार्ग तैयार करने
और उसकी प्रजा को उस मुक्ति का ज्ञान कराने के लिए,
जो पापों की क्षमा द्वारा उसे मिलने वाली है,
तू प्रभु का अग्रदूत बनेगा।

हमारे ईश्वर की प्रेमपूर्ण दया से
हमें स्वर्ग से प्रकाश प्राप्त हुआ है,
जिससे वह अन्धकार और मृत्यु की छाया में बैठने वालों को ज्योति प्रदान करे
और हमारे चरणों को शान्ति-पथ पर अग्रसर करे।"

पिता और पुत्र और पवित्र आत्मा की महिमा हो
जैसे वह आदि में थी, अब है और अनन्त काल तक। आमेन।


अग्र. :हे प्रभु! वैरियों के हाथ से हमें बचा।

सामूहिक निवेदन

अगुआ : : दुख-संकट से धैर्य और धैर्य से आशा उत्पन्न होती है। आशा कभी व्यर्थ नहीं जाती, क्योंकि ईश्वर ने हमें पवित्र अत्मा प्रदान किया है। उसी पवित्र आत्मा के द्वारा हम प्रार्थना करते हैं...
समूह : हे प्रभु, इस जीवन-यात्रा में हमारे साथ रह।
• हमें यह भली भाँति समझा दे कि इस संसार की दुख-तकलीफ हल्की और अल्पकालिक है – तेरे साथ स्वर्गिक पिता के भवन में हमें प्राप्त होने वाले परमानन्द की तुलना में ये दुख-संकट कुछ नहीं के बराबर हैं।
• जो लोग साथी-संगियों के बिना अकेलेपन के शिकार है, जो प्यार से वंचित हैं, जिनके कोई बन्धु-मित्र नहीं हैं, उनका तू अवलंब बन – उन्हें तू अपना अपार प्रेम दिखा और भाई-बहनों की सेवा में अग्रसर कर।
• तू हमारे घमण्ड को दूर और क्रोध को शान्त कर – हम तेरी सौम्यता का अनुकरण करें और हृदय के नम्र बनें।
• तू हमें पवित्र आत्मा की पूर्णता प्रदान कर, हममें पुत्र-सुलभ मनोभाव भर दे – हमारा पारस्परिक प्रेम उदार और सच्चा बना।

हे हमारे पिता ....


समापन प्रार्थना

अगुआ :हे प्रभु, हममें तेरे विश्वास-दान की वृध्दि कर जिससे जो स्तुति-भेंट हम तुझे चढ़ा रहे हैं, वह स्वर्ग से निरन्तर आपना सुफल हम पर बरसाता रहे। हम यह प्रार्थना करते हैं, उन्हीं हमारे प्रभु येसु ख्रीस्त तेरे पुत्र के द्वारा जो परमेश्वर होकर तेरे तथा पवित्र आत्मा के साथ युगानुयुग जीते और राज्य करते हैं।

समूह : आमेन।

अगुआ : प्रभु हमको आशीर्वाद दे, हर बुराई से हमारी रक्षा करे और हमें अनन्त जीवन तक ले चले।

समूह : आमेन।


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Praise the Lord!