प्रभात वन्दना

वर्ष का सामान्य सप्ताह 4 - शुक्रवार


अगुआ : प्रभु! हमारे अधरों को खोल दे।

समूह : और हम तेरे नाम का गुणगान करेंगे।


आमंत्रक स्तोत्र

आमन्त्रक अग्र. : सचमुच प्रभु कितना भला है; उनके नाम की स्तुति करो।

मंगलगान :

सच्ची दाखलता है प्रभु; हम हैं उसकी डालियाँ,
जो उसमें सदा रहता है, वही खूब फल देता है।

उसने हमें दास नहीं बुलाया; सदा हमें दोस्त ही माना,
पिता का वचन हमें सुनाया, उसने ही हमको चुन लिया॥

एक ही आज्ञा उसने दी; प्यार करो जैसे मैंने किया,
आपस में हम प्यार करें, उसके प्यार में बने रहें॥

अग्र. 1 : हे ईश्वर! मेरा हृदय शुध्द कर और मेरा मन सुदृढ़ कर।


स्तोत्र 50 ईश्वर! मुझ पर दया कर।

ईश्वर! तू दयालु है, मुझ पर दया कर।
तू दयासागर है, मेरा अपराध क्षमा कर।
मेरी दुष्टता पूर्ण रूप से धो डाल,
मुझ पापी को शुद्ध कर।

मैं अपना अपराध स्वीकार करता हूँ।
मेरा पाप निरन्तर मेरे सामने है।
मैंने तेरे विरुद्ध पाप किया है।
मैंने वही किया, जो तेरी दृष्टि में बुरा है;

इसलिए तेरा निर्णय सही
और तेरी दण्डाज्ञा न्यायसंगत है।
मैं तो जन्म से ही अपराधी,
अपनी माता के गर्भ से ही पापी हूँ।

तू हृदय की सच्चाई से प्रसन्न होता है।
मेरे अन्तःकरण को ज्ञान की बातें सिखा।
मुझ पर जूफ़ा से जल छिड़क दे और मैं शुद्ध हो जाऊँगा,
मुझे धो और मैं हिम से भी अधिक स्वच्छ हो जाऊँगा

मुझे आनन्द और उल्लास का सन्देश सुना
और तुझ से रौंदी हुई हड्डियाँ फिर खिल उठेंगी।
मेरे पापों पर दृष्टि न डाल,
मेरा अपराध मिटाने की कृपा कर।

ईश्वर! मेरा हृदय फिर शुद्ध कर
और मेरा मन फिर सुदृढ़ बना।
अपने सान्निध्य से मुझे दूर न कर,
अपने पवित्र आत्मा से मुझे वंचित न कर।

मुक्ति का आनन्द मुझे फिर प्रदान कर,
उदारता में मेरा मन सुदृढ़ बना।
मैं अपराधियों को तेरे मार्ग की शिक्षा दूँगा
और पापी तेरे पास लौट आयेंगे।

ईश्वर! तू मेरे मुक्तिदाता! मेरा उद्धार कर
और मैं तेरी भलाई का बखान करूँगा।
प्रभु! मेरे होंठ खोल दे
और मेरा कण्ठ तेरा गुणगान करेगा।

तू बलिदान से प्रसन्न नहीं होता।
यदि मैं होम चढ़ाता, तो तू उसे अस्वीकार करता।
मेरा पश्चाताप ही मेरा बलिदान होगा।
तू पश्चातापी दीन-हीन हृदय का तिरस्कार नहीं करेगा।

प्रभु! सियोन पर दयादृष्टि कर,
येरूसालेम की चारदीवारी फिर उठा।
तब तू योग्य बलिदान - होम तथा पूर्णाहुति - स्वीकार करेगा
और तेरी वेदी पर बछड़े चढ़ाये जायेंगे।

अग्र. : हे ईश्वर! मेरा हृदय शुध्द कर और मेरा मन सुदृढ़ कर।

अग्र. 2 : येरूसालेम आनन्द मना। क्योंकि तेरे द्वारा सभी राष्ट्र प्रभु के नाम पर एकत्र हो जायेंगे।


भजन स्तुति : टोबीत 13:8-11, 13-15

प्रभु के सब कृपापात्रो! प्रभु को धन्य कहो
आनन्द मनाओ और उसकी महिमा का बखान करो।

पवित्र नगर येरूसालेम!
तेरे पुत्रों के पापों के कारण प्रभु तुझे दण्ड देगा।
किन्तु वह फिर तुम सब पर दया करेगा।

प्रभु को उचित रीति से धन्यवाद दो
और युग-युगों के अधीश्वर की स्तुति करो,
जिससे तुझ में उसके मन्दिर का पुनर्निर्माण हो,

वह तेरे निर्वासितों को लौटा कर तुझे आनन्दित करे
और जो दुःखी थे, उन सब को युग-युग तक प्यार करे।

दूर-दूर के राष्ट्र तेरे पास आयेंगे।
प्रभु के पवित्र नाम के कारण वे पृथ्वी के सीमान्तों से आयेंगे
और हाथ में उपहार लिये स्वर्ग के ईश्वर को अर्पित करेंगे।

सब पीढ़ियाँ तुझ में आनन्द मनायेंगी
और तुझे युग-युग तक प्रभु की कृपापात्र कहेंगी।

तू धर्मियों के पुत्रों के कारण आनन्द मनायेगा,
क्योंकि तुझ में सभी एकत्र होंगे
और शाश्वत ईश्वर को धन्य कहेंगे।

धन्य हैं, जो तुझे प्यार करते हैं!
वे तेरी शान्ति के कारण आनन्द मनायेंगे।
धन्य हैं जो तेरी विपत्ति के कारण शोक मनायेंगे;
क्योंकि वे तेरी सुख-शान्ति देख कर सदा के लिए आनन्द मनाते रहेंगे।
मेरी आत्मा! राजधिराज प्रभु को धन्य कहो;

अग्र. : येरूसालेम आनन्द मना। क्योंकि तेरे द्वारा सभी राष्ट्र प्रभु के नाम पर एकत्र हो जायेंगे।

अग्र. 3 : सियोन, अपने ईश्वर की स्तुति करो। उसने अपने अनादि शब्द को पृथ्वी पर भेजा है


स्तोत्र 147 येरूसालेम का पुनर्निर्माण।

येरूसालेम! प्रभु की स्तुति कर।
सियोन! अपने ईश्वर का गुणगान कर।

उसने तेरे फाटकों के अर्गल सुदृढ़ बना दिये,
उसने तेरे यहाँ के बच्चों को आशीर्वाद दिया।
वह तेरे प्रान्तों में शान्ति बनाये रखता
और तुझे उत्तम गेहूँ से तृप्त करता है।

वह पृथ्वी को अपना आदेश देता है,
उसकी वाणी शीघ्र ही फैल जाती है।
वह ऊन की तरह हिम बरसाता
और राख की तरह पाला गिराता है।

वह ओले के कण छितराता है।
ठण्ड के सामने कौन टिक सकता है?
वह आदेश देता है और बर्फ पिघलती है।
वह पवन भेजता है और जलधाराएँ बहती हैं।

वह याकूब को अपना आदेश देता
और इस्राएल के लिए अपना विधान घोषित करता है।
उसने किसी अन्य राष्ट्र के लिए ऐसा नहीं किया।
उसने उनके लिए अपने नियम नहीं प्रकट किये।

अग्र. 3 : सियोन, अपने ईश्वर की स्तुति करो। उसने अपने अनादि शब्द को पृथ्वी पर भेजा है

धर्मग्रन्थ-पाठ : गलातियों 2:19-20

मैं मसीह के साथ क्रूस पर मर गया हूँ। मैं अब जीवित नहीं रहा, बल्कि मसीह मुझ में जीवित हैं। अब मैं अपने शरीर में जो जीवन जीता हूँ, उसका एकमात्र प्रेरणा-स्रोत है - ईश्वर के पुत्र में विश्वास, जिसने मुझे प्यार किया और मेरे लिए अपने को अर्पित किया।

लघु अनुवाक्य
अगुआ : मैं प्रभु ईश्वर को पुकारता हूँ क्योंकि वह मेरा सहायक है।
समूह : मैं प्रभु ईश्वर को पुकारता हूँ क्योंकि वह मेरा सहायक है।
• वह स्वर्ग से मेरी सहायता करे और मुझे बचाये
• पिता और पुत्र और पवित्र आत्मा की महिमा हो।

ज़ाकरी गान

अग्र. :हमारे ईश्वर की प्रेममय करुणा से हमें स्वर्गिक सूर्य का प्रकाश प्राप्त हुआ है।

धन्य है प्रभु, इस्राएल का ईश्वर!
उसने अपनी प्रजा की सुध ली है
और उसका उद्धार किया है।
उसने अपने दास दाऊद के वंश में
हमारे लिए एक शक्तिशाली मुक्तिदाता उत्पन्न किया है।

वह अपने पवित्र नबियों के मुख से
प्राचीन काल से यह कहता आया है
कि वह शत्रुओं और सब बैरियों के हाथ से हमें छुड़ायेगा
और अपने पवित्र विधान को स्मरण कर
हमारे पूर्वजों पर दया करेगा।

उसने शपथ खा कर हमारे पिता इब्राहीम से कहा था
कि वह हम को शत्रुओं के हाथ से मुक्त करेगा,
जिससे हम निर्भयता, पवित्रता और धार्मिकता से
जीवन भर उसके सम्मुख उसकी सेवा कर सकें।

बालक! तू सर्वोच्च ईश्वर का नबी कहलायेगा,
क्योंकि प्रभु का मार्ग तैयार करने
और उसकी प्रजा को उस मुक्ति का ज्ञान कराने के लिए,
जो पापों की क्षमा द्वारा उसे मिलने वाली है,
तू प्रभु का अग्रदूत बनेगा।

हमारे ईश्वर की प्रेमपूर्ण दया से
हमें स्वर्ग से प्रकाश प्राप्त हुआ है,
जिससे वह अन्धकार और मृत्यु की छाया में बैठने वालों को ज्योति प्रदान करे
और हमारे चरणों को शान्ति-पथ पर अग्रसर करे।"

पिता और पुत्र और पवित्र आत्मा की महिमा हो
जैसे वह आदि में थी, अब है और अनन्त काल तक। आमेन।


अग्र. :हमारे ईश्वर की प्रेममय करुणा से हमें स्वर्गिक सूर्य का प्रकाश प्राप्त हुआ है।

सामूहिक निवेदन

अगुआ : : येसु मसीह अदृश्य ईश्वर के प्रतिरूप हैं। वे समस्त सृष्टि के पहलौठे और मृतकों में से प्रथम जी उठने वाले भी। सब कुछ का उन्हीं के द्वारा मेल करना है, क्योंकि उन्होंने क्रूस पर अपनी मुक्तिदायी मृत्यु द्वारा शान्ति स्थापित की है। हम उनसे निवेदन करें ...
समूह : प्रभु येसु, आज तू हमारे यहाँ आ जा।
• हमें तेरी मृत्यु का बपतिस्मा मिला है – हम लोभ-लालच एवं ईर्ष्या-द्वेष से शुध्द होकर तेरे प्रेम की विनम्रता और सामर्थ्य धारण करें।
• उस पवित्र आत्मा की मुहर हम में लगी है जो बपतिस्मा में दिये गये हैं – अपनी सेवा में हमें दृढ़ रख और जिस समुदाय में हम रहते हैं, उसमें हम तेरे साक्षी बने रहें।
• तूने अपने दुख भोग से पहले अपने शिष्यों के साथ पास्का-भोजन करना बेहद चाहा – यूखरिस्त में भाग लेते हुये हम तेरे पुनरुत्थान के भागी बनें।
• तू अपने विश्वासियों में कार्यरत रहता है – उनके द्वारा तू ऐसे एक नये समुदाय का निर्माण कर, जिसमें अन्याय और विध्वंस की जगह आज़ादी, प्रगति और आशा फलेगी-फूलेगी।

हे हमारे पिता ....


समापन प्रार्थना

अगुआ :हे प्रभु ईश्वर, यहाँ प्रार्थना के लिए एकत्र हुए हम पर प्रचुर मात्रा में अपनी कृपा-वृष्टि कर। जैसे अपनी आज्ञाओं के मार्ग में स्थिर रखने के लिए तू हमारे अभ्यन्तर में क्रियाशील है, वैसे इस जीवन में तेरी सान्त्वना पाकर हम अगले जीवन का परमानन्द भी प्राप्त करें। हमारे प्रभु येसु ख्रीस्त तेरे पुत्र के द्वारा जो परमेश्वर होकर तेरे तथा पवित्र आत्मा के साथ युगानुयुग जीते और राज्य करते हैं।

समूह : आमेन।

अगुआ : प्रभु हमको आशीर्वाद दे, हर बुराई से हमारी रक्षा करे और हमें अनन्त जीवन तक ले चले।

समूह : आमेन।


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Praise the Lord!