प्रभात वन्दना

वर्ष का सामान्य रविवार - 26


अगुआ : प्रभु! हमारे अधरों को खोल दे।

समूह : और हम तेरे नाम का गुणगान करेंगे।


आमंत्रक स्तोत्र

आमन्त्रक अग्र. : हे प्रभु की प्रजा, उसके चरागाह की भेड़े हैं। आइये, हम उसकी आराधना करें; अल्लेलूया।

मंगलगान

त्रिएक ईश्वर तू मेरे दिल में सदा बसता है,
तेरे बिना एक पल भर मेरा, जीवन भी मुश्किल है

यह मैं जानता हूँ, हाँ मैं मानता हूँ;
धरती पर घट जाता धरम
मिटता गुण बढ़ता अवगुण।
फिर भी तेरी कृपा क्या इनसे कम
आया हूँ तेरी शरण

मन में है पाप का मैल भरा,
तन में है रोग का बोझ भरा।
फिर भी आस न क्यों मैं तुझसे करूँ,
तू है दया सागर

अग्र. 1 : धन्य हैं वे जो प्रभु के नाम पर आते हैं; अल्लेलूया।

स्तोत्र 117 कल्याण के उल्लास में भजन।य

प्रभु का धन्यवाद करो, क्योंकि वह भला है।
उसकी सत्यप्रतिज्ञता अनन्त काल तक बनी रहती है।

इस्राएल का घराना यह कहता जाये
उसकी सत्यप्रतिज्ञता अनन्त काल तक बनी रहती है।

हारून का घराना यह कहता जाये-
उसकी सत्यप्रतिज्ञता अनन्त काल तक बनी रहती है।

प्रभु के श्रद्धालु भक्त यह कहते जायें-
उसकी सत्यप्रतिज्ञता अनन्त काल तक बनी रहती है।

संकट में मैंने प्रभु को पुकारा।
प्रभु ने मेरी सुनी और मेरा उद्धार किया।

प्रभु मेरे साथ है, मुझे कोई भय नहीं।
मनुष्य मेरा क्या कर सकते हैं?

प्रभु मेरे साथ है, वह मेरी सहायता करता है।
मैं अपने शत्रुओं का डट कर सामना करता हूँ।

मनुष्यों पर भरोसा रखने की अपेक्षा प्रभु की शरण जाना अच्छा है।
शासकों पर भरोसा रखने की अपेक्षा प्रभु की शरण जाना अच्छा है।

सब राष्ट्रों ने मुझे घेर लिया था-
मैंने प्रभु के नाम पर उन्हें तलवार के घाट उतारा।
उन्होंने मुझे चारों ओर से घेर लिया था-
मैंने प्रभु के नाम पर उन्हें तलवार के घाट उतारा।

उन्होंने मुझे मधुमक्खियों की तरह घेर लिया था।
वे काँटों की आग की तरह शीघ्र ही बुझ गये-
मैंने प्रभु के नाम पर उन्हें तलवार के घाट उतारा।
वे मुझे धक्का दे कर गिराना चाहते थे, किन्तु प्रभु ने मेरी सहायता की।

प्रभु ही मेरा बल है और मेरे गीत का विषय, उसने मेरा उद्धार किया।
धर्मियों के शिविरों में आनन्द और विजय के गीत गाये जाते हैं।

प्रभु का दाहिना हाथ महान् कार्य करता है;
प्रभु का दाहिना हाथ विजयी है,
प्रभु का दाहिना हाथ महान् कार्य करता है।
मैं नहीं मरूँगा, मैं जीवित रहूँगा, और प्रभु के कार्यों का बखान करूँगा।

प्रभु ने मुझे कडा दण्ड दिया, किन्तु उसने मुझे मरने नहीं दिया।
मेरे लिए मन्दिर के द्वार खोल दो,
मैं उस में प्रवेश कर प्रभु को धन्यवाद दूँगा।
यह प्रभु का द्वार है, इस में धर्मी प्रवेश करते हैं।

मैं तुझे धन्यवाद देता हूँ; क्योंकि तूने मेरी सुनी
और मेरा उद्धार किया है।
कारीगरों ने जिस पत्थर को निकाल दिया था,
वह कोने का पत्थर बन गया है।

यह प्रभु का कार्य है, यह हमारी दृष्टि में अपूर्व है।
यह प्रभु का ठहराया हुआ दिन है,
हम आज प्रफुल्लित हो कर आनन्द मनायें।

प्रभु! हमारा उद्धार कर। प्रभु! हमें सुख-शान्ति प्रदान कर।
धन्य है वह, जो प्रभु के नाम पर आता है!

हम प्रभु के मन्दिर से तुम्हें आशीर्वाद देते हैं।
प्रभु ही ईश्वर है। उसने हमें ज्योति प्रदान की है।
हाथ में डालियाँ लिये, जुलूस बना कर,
वेदी के कोनों तक आगे बढ़ो।

तू ही मेरा ईश्वर है! मैं तुझे धन्यवाद देता हूँ।
मेरे ईश्वर! मैं तेरी स्तुति करता हूँ।
प्रभु का धन्यवाद करो, क्योंकि वह भला है।
उसकी सत्यप्रतिज्ञता अनन्त काल तक बनी रहती है।

अग्र. : धन्य हैं वे जो प्रभु के नाम पर आते हैं; अल्लेलूया।

अग्र. 2 : हम अपने ईश्वर के आदर में भजन गायें; अल्लेलूया।

भजन स्तुति : दानिएल 3:52-57

हमारे पूर्वजों के प्रभु-ईश्वर! तू धन्य है,
सदा-सर्वदा प्रशंसनीय, महिमामय और सर्वोच्च।

तेरी महिमान्वित पवित्र नाम धन्य है,
सदा-सर्वदा प्रशंसनीय, महिमामय और सर्वोच्च।

तू अपने महिमान्वित पवित्र मंन्दिर में धन्य हैं
सदा-सर्वदा प्रशंसनीय, महिमामय और सर्वोच्च।

तू अपने राज्य के सिंहासन पर धन्य है,
सदा-सर्वदा प्रशंसनीय, महिमामय और सर्वोच्च।

तू महागर्त्त की थाह लेता और केरूबों पर विराजमान है, तू धन्य है,
सदा-सर्वदा प्रशंसनीय, महिमामय और सर्वोच्च।

स्वर्ग में विराजमान प्रभु! तू धन्य है,
सदा-सर्वदा प्रशंसनीय महिमामय और सर्वोच्च।

हमारे पूर्वजों के प्रभु-ईश्वर! तू धन्य है,
सदा-सर्वदा प्रशंसनीय, महिमामय और सर्वोच्च।

अग्र. : हम अपने ईश्वर के आदर में भजन गायें; अल्लेलूया।

अग्र. 3 : प्रभु की सर्वोच्च महानता के कारण उसकी स्तुति करो; अल्लेलूया।

स्तोत्र 150 प्रभु की स्तुति करो।

प्रभु के मन्दिर में उसकी स्तुति करो।
उसके महिमामय आकाश में उसकी स्तुति करो।
उसके महान् कार्यों के कारण उसकी स्तुति करो।
उसके परम प्रताप के कारण उसकी स्तुति करो।

तुरही फूँकते हुए, उसकी स्तुति करो।
वीणा और सितार बजाते हुए उसकी स्तुति करो।
ढोल बजाते और नृत्य करते हुए उसकी स्तुति करो।
तानपूरा और बाँसुरी बजाते हुए उसकी स्तुति करो।

झाँझों की ध्वनि पर उसकी स्तुति करो।
विजय की झाँझों को बजाते हुए उसकी स्तुति करो।
सभी प्राणी प्रभु की स्तुति करें।

अग्र. : प्रभु की सर्वोच्च महानता के कारण उसकी स्तुति करो; अल्लेलूया।

धर्मग्रन्थ-पाठ : एज़ेकिएल 36:25-27

मैं तुम लोगों पर पवित्र जल छिडकूँगा और तुम पवित्र हो जाओगे। मैं तुम लोगों को तुम्हारी सारी अपवित्रता से और तुम्हारी सब देवमूर्तियों के दूषण से शुद्ध कर दूँगा। मैं तुम लोगों को एक नया हृदय दूँगा और तुम में एक नया आत्मा रख दूँगा। मैं तुम्हारे शरीर से पत्थर का हृदय निाकल कर तुम लोगों को रक्त-मांस का हृदय प्रदान करूँगा। मैं तुम लोगों में अपना आत्मा रख दूँगा, जिससे तुम मेरी संहिता पर चलोगे और ईमानदारी से मेरी आज्ञाओं का पालन करोग।

लघु अनुवाक्य : हे ईश्वर, हम तुझे धन्य कहते हैं और तेरे नाम की दुहाई देते हैं।
• हम तेरे आश्चर्यजनक कार्यों का बखान करते हैं।
• पिता और पुत्र और पवित्र आत्मा की महिमा हो।

ज़ाकरी गान

अग्र :प्रभु कहते हैं – जो किसी को एक प्याला भर पानी पिलायेगा, इसलिए कि वह मेरा शिष्य है, वह अपने पुरस्कार से वंचित नहीं रहेगा।


धन्य है प्रभु, इस्राएल का ईश्वर!
उसने अपनी प्रजा की सुध ली है
और उसका उद्धार किया है।
उसने अपने दास दाऊद के वंश में
हमारे लिए एक शक्तिशाली मुक्तिदाता उत्पन्न किया है।

वह अपने पवित्र नबियों के मुख से
प्राचीन काल से यह कहता आया है
कि वह शत्रुओं और सब बैरियों के हाथ से हमें छुड़ायेगा
और अपने पवित्र विधान को स्मरण कर
हमारे पूर्वजों पर दया करेगा।

उसने शपथ खा कर हमारे पिता इब्राहीम से कहा था
कि वह हम को शत्रुओं के हाथ से मुक्त करेगा,
जिससे हम निर्भयता, पवित्रता और धार्मिकता से
जीवन भर उसके सम्मुख उसकी सेवा कर सकें।

बालक! तू सर्वोच्च ईश्वर का नबी कहलायेगा,
क्योंकि प्रभु का मार्ग तैयार करने
और उसकी प्रजा को उस मुक्ति का ज्ञान कराने के लिए,
जो पापों की क्षमा द्वारा उसे मिलने वाली है,
तू प्रभु का अग्रदूत बनेगा।

हमारे ईश्वर की प्रेमपूर्ण दया से
हमें स्वर्ग से प्रकाश प्राप्त हुआ है,
जिससे वह अन्धकार और मृत्यु की छाया में बैठने वालों को ज्योति प्रदान करे
और हमारे चरणों को शान्ति-पथ पर अग्रसर करे।"

पिता और पुत्र और पवित्र आत्मा की महिमा हो
जैसे वह आदि में थी, अब है और अनन्त काल तक। आमेन।

अग्र :प्रभु कहते हैं – जो किसी को एक प्याला भर पानी पिलायेगा, इसलिए कि वह मेरा शिष्य है, वह अपने पुरस्कार से वंचित नहीं रहेगा।

सामूहिक निवेदन :

अगुआ : हम अपने मुक्तिदाता को धन्यवाद दें, जो इस संसार में आये ताकि ईश्वर हमारे साथ रहें।
समूह : हे प्रभु! हम तेरी प्रशंसा करते हैं और तुझे धन्य कहते हैं।
• यशोगान के साथ हम तेरा स्वागत करते हैं क्योंकि तू प्रभात का तारा है और मृतकों में से जी उठने वालों में पहलौठा है – हम भी तेरे पुनर्जीवित होकर पास्का की ज्योति में चलें।
• विश्राम के इस दिन सारी सृष्टि में हम तेरी दयालुता के दर्शन करें – हमारे हृदय की आँखें अपने प्रेम की ओर खोल दे।
• हे प्रभु एक ही परिवार के सदस्यों जैसे हम तेरे प्रीति-भोज में भाग ले रहे हैं – हमारी सहायता कर जिससे हम अपने हृदय की कटुता भूल जायें, आपसी मतभेद दूर हो जायें और हमारे पाप धुल जायें।
• हे प्रभु! हम समस्त ख्रीस्तीय परिवारों के लिए प्रार्थना करते हैं – तेरा पवित्र आत्मा विश्वास और प्रेम में उनकी एकता सुदृढ़ बना दे।
हे हमारे पिता ....


समापन प्रार्थना

अगुआ : हे प्रभु, तू अनुकम्पापूर्ण क्षमाशीलता द्वारा अपनी सर्वशक्तिमत्ता प्रकट करता है। तू अपनी अनुकम्पा और क्षमाशीलता से हमें निरन्तर भर दे जिसके फलस्वरूप हम स्वर्गिक परमानन्द के भागी बन सकें। हम यह निवेदन करते हैं, उन्हीं हमारे प्रभु येसु ख्रीस्त तेरे पुत्र के द्वारा जो परमेश्वर होकर तेरे तथा पवित्र आत्मा के साथ युगानुयुग जीते और राज्य करते हैं।

समूह : आमेन।

अगुआ : प्रभु हमको आशीर्वाद दे, हर बुराई से हमारी रक्षा करे और हमें अनन्त जीवन तक ले चले।

समूह : आमेन।


Copyright © www.jayesu.com
Praise the Lord!