जनवरी 20

संत सेबास्तियन, शहीद

दन्तकथाओं के अनुसार सेबास्तियन का फ्रांस के नारबोन में हुआ था। लगभग सन् 283 में वे रोमी सेना में शामिल हुए। वे अपने ख्रीस्तीय विश्वास में अटल थे और दूसरों को ख्रीस्त की ओर आकर्षित करते थे। सम्राट दियोक्लेतुस ने उन्हें ’प्रेतोरियन गार्ड’ के कप्तान नियुक्त किये। उसके बाद सम्राट माक्सिमियन ने उन्हें उसी पद पर बने रहने दिया। दोनों को यह मालूम नहीं था कि सेबास्तियन ख्रीस्तीय विश्वासी थे। जब सम्राट माक्सिमियन को इस बात का पता चला तो उन्होंने सेबास्तियन को मार डालने का हुक्म दिया। इस पर सेबास्तियन को तीरों से मारा गया। मरा समझ कर उसे छोड कर सम्राट के सैनिक चले गये। जब सन्त कस्तुलुस की विधवा सेबास्तियन के शरीर को ले जाने के लिए आयी, तो उन्होंने देखा सेबास्तियन अब भी जिन्दा है। उन्होंने सेबास्तियन की सेवा की। ठीक होने के बाद सेबास्तियन ने सम्राट पर ख्रीस्तीय विश्वासियों के विरुध्द अत्याचार के लिए दोषी ठहराया। इस पर क्रुध्द हो कर सम्राट ने सेबास्तियन को मान डालने का आदेश दिया। सेबास्तियन को मार मार कर उनकी हत्या की गयी।

मिलान के ख्रीस्तीय विश्वासीगण सन्त सेबास्तियन का बहुत आदर करते हैं। सन्त सेबास्तियन सैनिकों का संरक्ष सन्त माने जाते हैं। लोग महामारियों से बचने के लिए भी सन्त सेबास्तियन की मथ्यस्थता माँगते हैं।


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