जुलाई 02

संत प्रोसेस्सुस और मार्टिनियन

संत प्रोसेस्सुस और संत मार्टिनियन प्राचीन रोम के ख्रीस्तीय शहीद थे। न तो इसका पता चला कि वे कितने वर्षों तक जीवित रहे और न ही उनकी मृत्यु की परिस्थितियों का। वे वर्तमान में रोम में संतपेत्रुस की बेसिलिका में दफन हैं। प्रोसेस्सुस और मार्टिनियन के बारे में जो कुछ भी ज्ञात है वह यह है कि उन्हें मूल रूप से 2 जुलाई को विया ऑरेलिया के मार्ग पर एक प्रेरित युग के कब्रिस्तान में दफनाया गया था।

पौराणिक कथानुसार, प्रोसेस्सुस और मार्टिनियन शाही सैनिक थे जिन्हें मामेर्टाइन कारागृह में संतपेत्रुस और संत पौलुस के कारापाल के रूप में नियुक्त किया गया था। बन्दीगृह में चमत्कारिक रूप से एक झरने के बहने के बाद प्रेरितों ने अपने जेलरों को विश्वास में ले आए। तब पेत्रुस ने उन्हें उस चमत्कारी जल में बपतिस्मा दिया। सम्राट नीरो के आदेश पर पहरेदारों को गिरफ्तार कर लिया गया, प्रताड़ित किया गया और उनका सिर कलम कर दिया गया। पौलुस के साथ उनकी शहादत के बाद, लुसीना नामक एक हमदर्द ने उन्हें अपने ही कब्रिस्तान में दफनाया।

प्रोसेस्सुस और मार्टिनियन को चैथी या शायद तीसरी शताब्दी से ही रोम में सार्वजनिक रूप से सम्मानित किया गया था। चैथी शताब्दी में उनके मकबरे के ऊपर एक गिरजाघर बनाया गया था। इस गिरजाघर में, संत ग्रेगरी महान ने उनके पर्व के दिन एक धर्मोपदेश दिया ‘‘जिसमें उन्होंने उनके शरीर की उपस्थिति, बीमारों के इलाज, झूठी गवाही देने वालों के उत्पीड़न और वहां के अपदूतग्रस्तों के इलाज का उल्लेख किया।‘‘ यह गिरजाघर अब मौजूद नहीं है। बीडे ने प्रोसेस्सुस और मार्टिनियन का उल्लेख किया है, और इसलिए माना जाता है कि उनका पर्व प्रारंभिक मध्ययुगीन इंग्लैंड में मनाया जाता था। संत पिता पास्कल प्रथम (817-824) ने इन दो शहीदों की अस्थियों को संत पेत्रुस के पुरानी बेसिलिका के एक प्रार्थनाल्य में स्थानांतरित किया। वे अभी भी वर्तमान में संत पेत्रुस की बेसिलिका के दाहिने (दक्षिण) अनुप्रस्थ भाग में उन्हें समर्पित वेदी के नीचे विश्राम करते हैं। सन 1605 में, उनके अवशेषों को संत पेत्रुस की वेदी के नीचे एक पोर्फिरी कलश में रखा गया, जो दो प्राचीन पीले स्तंभों से घिरा हुआ है।

सामान्य रोमी कैलेंडर के सन 1969 के संशोधन ने संत पेत्रुस और पौलुस के तुरंत बाद, 30 जून को रोमी कलीसिया के पहले शहीदों के पर्व को जोड़ा। इसने रोमी धर्मविधि के सामान्य कैलेंडर से इन और अन्य प्रारंभिक शहीदों के व्यक्तिगत पर्व को भी हटा दिया। फिर भी, काथलिक कलीसिया द्वारा मान्यता प्राप्त संतों की आधिकारिक सूची में प्रोसेस्सुस और मार्टिनियन रोमी शहीदी में बने हुए हैं। इस प्रकार, वर्तमान रोमी मिस्साग्रंथ में नियमों के अनुसार, वे अभी भी अपने पारंपरिक पर्व दिवस, 2 जुलाई पर अपने स्वयं के मिस्सा के साथ मनाए जा सकते हैं जब तक कि किसी इलाके में उस दिन के लिए एक अनिवार्य उत्सव का आयोजन नहीं किया जाता है। सन 1969 से पहले के कैलेंडर इन संतों को केवल एलिज़बेथ से कुवारी मरियम की भेन्ट के मिस्सा के भीतर एक स्मरणोत्सव प्रदान करते हैं।


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