अक्टूबर 6

धन्य मरियम रोज़ा

6 अक्टूबर, 1811 को क्यूबेक, कनाडा में संत अंटोनीए में जन्मी, यूलाल्ए ड्यूरोचर अपने परिवार में जन्में ग्यारह बच्चों में से दसवीं थी। वे धार्मिक जीवन के प्रति आकर्षित हुई थी, लेकिन उनके कमजोर स्वास्थ्य के कारण उन्हें अस्वीकार कर दिया गया था। फिर 12 साल तक उन्होंने अपने भाई, एक पल्ली पुरोहित, को एक घर की देखभाल करने वाले के रूप में सहायता प्रदान की।

1843 में, उन्हें ख्रीस्तीय शिक्षा के लिए समर्पित महिलाओं की एक नई मंडली की स्थापना के लिए धर्माध्यक्ष बोर्गेट द्वारा आमंत्रित किया गया था। तदनुसार उन्होंने येसु और मरियम के पवित्र नामों की धर्मबहनों के धर्मसंघ की स्थापना की तथा अपने लिए मरियम रोज़ा का धार्मिक नाम लिया। उनके पुण्य और बुद्धिमान नेतृत्व में, उनका समुदाय बड़ी गरीबी और अपरिहार्य गलतफहमी सहित सभी प्रकार की बाधाओं के बावजूद फला-फूला। वह गरीबों के लिए अपनी चिंता में अटल रही। अपने कई कठिन परिश्रमों से थकी हुई, मरियम रोज़ा को अड़तीस साल की उम्र में 6 अक्टूबर, 1849 को उनके स्वर्गीय इनाम के लिए बुलाया गया। उन्हें 23 मई, 1982 को संत पिता योहन पौलुस द्वितीय द्वारा धन्य घोषित किया गया था तथा उनका पर्व दिवस 6 अक्टूबर है।

मरणोपरांत कई कथित चमत्कार ड्यूरोचर के साथ जुड़े रहे हैं। 1946 में, डेट्रायट के एक व्यक्ति, बेंजामिन मोडजेल को एक ट्रक ने दीवार से कुचल दिया और उन्हें मृत घोषित कर दिया गया था। ड्यूरोचर का आह्वान करते हुए प्रार्थना करने के बाद उनके ठीक होने की सूचना मिली थी। वैसे ही 1973 में, उनके स्पोकेन, वाशिंगटन, कॉन्वेंट में बहनों ने प्रार्थना के माध्यम से ड्यूरोचर को बुलाकर फोर्ट राइट कॉलेज के प्रार्थनालय में लगी आग को रोकने का दावा किया। स्पोकेन रिवर गॉर्ज में शुरू हुई आग जब उनके परिसर के करीब पहुंच रही थी, तब बहनों ने ड्यूरोचर की तस्वीर को पेड़ों से चिपका दिया और उनसे मदद के लिए प्रार्थना की। जब आग ने दिशा बदली, तो कथित तौर पर आग की लपटें प्रार्थनालय के 15 फीट के भीतर थीं, जिसके अंदर धुआं भर गया था। इसी तरह, 1979 में, वाशिंगटन के टोनास्केट में एक झील रिसॉर्ट के मालिक फ्रैंक कैर ने ड्यूरोचर की एक तस्वीर को आग की लपटों में फेंकने के बाद एक अनियंत्रित जंगल की आग परिवर्तन की दिशा बदलते देखी गयी। कैर ने कहा, ‘‘मुझे बस इतना पता है कि हमने आग में तस्वीर फेंक दिया और हवा बदल गई। इसमें कोई दो राह नहीं है कि आग बाग, कुछ फार्म हाउस और रिसॉर्ट को ले जाती अगर यह नहीं मुड़ती।‘‘

धन्य मरियम रोज़ा शारीरिक बीमारियाँ; माता-पिता की मृत्यु; बीमारी;कमजोर स्वास्थ्य आदि की संरक्षिका है।


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