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ख्रीस्त राजा का पर्व

दानिएल 7:13-14; प्रकाशना 1:5-8; योहन 18:33ब-37

फादर फ्रांसिस स्करिया


दुनिया ने कई राजाओं तथा सम्राटों को देखा। सिकन्दर महान तथा नेपोलियन जैसे सम्राटों ने इस दुनिया के एक बडे हिस्से को ही अपने अधीन कर लिया था। लेकिन संत पौलुस कहते हैं कि प्रभु येसु “में ईश्वरीय तत्व की परिपूर्णता अवतरित हो कर निवास करती है और उन में आप इस परिपूर्णता के सहभागी है। मसीह विश्व के सभी आधिपत्यों और अधिकारों के शीर्ष हैं- सभी मसीह के अधीन हैं।“ (कलोसियों 2:9-10)

प्रभु येसु राजाओं के राजा है। पवित्र वचन कहता है, “मसीह विश्वसनीय साक्षी, पुनर्जीवित मृतकों में से पहलौठे और पृथ्वी के राजाओं के अधिराज हैं।“ (प्रकाशना 1:5) सभी शासक उनके अधीन है। पृथ्वी के राजाओं के साथ उनके सामने क्या होता है? वचन कहता है, “ पृथ्वी के राजा, सामन्त, सेनापति, धनवान् और शक्तिशाली लोग, दास और स्वतंत्र व्यक्ति सब-के-सब पहाड़ों की गुफाओं और चट्टानों में छिप गये और वे पहाड़ों और चट्टानों से बोल उठे: "हम पर गिर पड़ो और सिंहासन पर विराजमान की दृष्टि से और मेमने के क्रोध से हमें छिपा लो"। (प्रकाशना 6:15-16) वचन यह भी कहता है, “उस दिन प्रभु आकाश के नक्षत्रों को और पृथ्वी के राजाओं को दण्ड देगा। वे गर्त में एकत्रित किये जायेंगे, वे बन्दीगृह में बन्द किये जायेंगे, और उन्हें बहुत समय बाद दण्ड दिया जायेगा। चन्द्रमा को नीचा दिखाया जोयगा और सूर्य को लज्जित होना पड़ेगा। सर्वशक्तिमान् प्रभु सियोन पर्वत पर, येरुसालेम के नेताओं के सामने महिमान्वित हो कर राज्य करेगा।“ (इसायाह 24:21-23)

प्रभु येसु स्वर्ग में भी राजा है। वचन कहता है, “ ईश्वर ने मसीह वही सामर्थ्य प्रदर्शित किया, जब उसने मृतकों में से उन्हें पुनर्जीवित किया और स्वर्ग में अपने दाहिने बैठाया। स्वर्ग में कितने ही प्राणी क्यों न हों और उनका नाम कितना ही महान् क्यों न हो, उन सब के ऊपर ईश्वर ने इस युग के लिए और आने वाले युग के लिए मसीह को स्थान दिया। उसने सब कुछ मसीह के पैरों तले डाल दिया और उन को सब कुछ पर अधिकर दे कर कलीसिया का शीर्ष नियुक्त किया।“ (एफेसियों 1:20-22) मत्ती 28:18 में प्रभु कहते हैं, “मुझे स्वर्ग में और पृथ्वी पर पूरा अधिकार मिला है”। 1 पेत्रुस 3:22 में पवित्र वचन कहता है, “ईसा स्वर्ग गये और स्वर्ग के सभी दूतों को अपने अधीन कर ईश्वर के दाहिने विराजमान हैं”।

सभी राजाओं को अधिकार दिया गया है, लेकिन लेकिन येसु अधिकार देने वाले राजाधिराज हैं। प्रभु येसु पिलातुस से कहते हैं, “यदि आप को ऊपर से अधिकार न दिया गया होता तो आपका मुझ पर कोई अधिकार नहीं होता” (योहन 19:11)।

शैतान पर भी प्रभु का अधिकार है। लूकस 4:41 हम पढ़ते हैं, “अपदूत बहुतों में से यह चिल्लाते हुये निकलते थे, "आप ईश्वर के पुत्र हैं"। परन्तु वह उन को डाँटते और बोलने से रोकते थे”। मारकुस 1:23-28 में हम देखते हैं कि लोगों ने जब प्रभु येसु को एक व्यक्ति से, जो अशुध्दात्मा के वश में था, अशुध्दात्मा को निकालते हुए देखा, तब वे आश्चर्यचकित हो कर कहने लगे, “यह क्या है? यह तो नये प्रकार की शिक्षा है। वे अधिकार के साथ बोलते हैं। वे अशुद्ध आत्माओं को भी आदेश देते हैं और वे उनकी आज्ञा मानते हैं।"

सभी राजाओं के अधिकार सीमित है। उनके राज्य की सीमा होती है। आज तक दुनिया में कोई भी राजा सारी दुनिया पर अपना अधिकार नहीं जता पाया। परन्तु येसु न केवल सारी दुनिया का, बल्कि सारी सृष्टि का राजा है। पेड-पौधे, गाय-बैल, पर्वत-पहाडियाँ और समुद्र तथा नदियाँ भी उनके अधीन हैं। पवित्र वचन कहता है, “इसलिए ईश्वर ने उन्हें महान् बनाया और उन को वह नाम प्रदान किया, जो सब नामों में श्रेष्ठ है, जिससे ईसा का नाम सुन कर आकाश, पृथ्वी तथा अधोलोक के सब निवासी घुटने टेकें और पिता की महिमा के लिए सब लोग यह स्वीकार करें कि ईसा मसीह प्रभु हैं।“ (फिलिप्पियों 2:9-11)

जब प्रभु ने वायु और लहरों को डाँटा, तब वे थम गयी और शांति छा गयी। इस पर लोग अचम्भे में पड़ कर कहने लगे, "आखिर यह कौन है?" ये वायु और लहरों को भी आज्ञा देते हैं और वे इनकी आज्ञा मानती हैं।" (लूकस 8:25)

प्रभु येसु राजाओं के राजा है, प्रभुओं के प्रभु है। वचन कहता है, “हमारे प्रभु ईसा मसीह की अभिव्यक्ति के दिन तक अपना धर्म निष्कलंक तथा निर्दोष बनाये रखो। यह अभिव्यक्ति यथासमय परमधन्य तथा एक मात्र अधीश्वर के द्वारा हो जायेगी। वह राजाओं का राजा और प्रभुओं का प्रभु है” (1तिमथी 6:14-15)

प्रभु येसु का सभी सृष्ट वस्तुओं पर अधिकार है। पवित्र वचन के अनुसार, “उसके द्वारा सब कुछ उत्पन्न हुआ। और उसके बिना कुछ भी उत्पन्न नहीं हुआ” (योहन 1:3)। 1 कुरिन्थियों 8:6 में कहा गया है, “ हमारे लिए तो एक ही ईश्वर है- वह पिता, जिस से सब कुछ उत्पन्न होता है और जिसके पास हमें जाना है- और एक ही प्रभु है, अर्थात ईसा मसीह, जिनके द्वारा सब कुछ बना है और हम भी उन्हीं के द्वारा”।

प्रभु येसु “ने अपने शिष्यों को अपने पास बुला कर कहा, "तुम जानते हो कि संसार के अधिपति अपनी प्रजा पर निरंकुश शासन करते हैं और सत्ताधारी लोगों पर अधिकार जताते हैं। तुम में ऐसी बात नहीं होगी। जो तुम लोगों में बडा होना चाहता है, वह तुम्हारा सेवक बने।“ प्रभु येसु के शासन का तरीका देखिए। प्रभु येसु कहते हैं, “"थके-माँदे और बोझ से दबे हुए लोगो! तुम सभी मेरे पास आओ। मैं तुम्हें विश्राम दूँगा। मेरा जूआ अपने ऊपर ले लो और मुझ से सीखो। मैं स्वभाव से नम्र और विनीत हूँ। इस तरह तुम अपनी आत्मा के लिए शान्ति पाओगे, क्योंकि मेरा जूआ सहज है और मेरा बोझ हल्का।“ (मत्ती 11:28-30)

प्रभु येसु शांति के राजा है। मसीह के जन्म की भविष्यवाणी करते हुए नबी इसायाह कहते हैं, “हमारे लिए एक बालक उत्पन्न हुआ है, हम को एक पुत्र मिला है। उसके कन्धों पर राज्याधिकार रखा गया है और उसका नाम होगा- अपूर्व परामर्शदाता, शक्तिशाली ईश्वर, शाश्वत पिता, शान्ति का राजा” (इसायाह 9:5)। योहन 14:27 में प्रभु स्वयं कहते हैं, “मैं तुम्हारे लिये शांति छोड जाता हूँ। अपनी शांति तुम्हें प्रदान करता हूँ। वह संसार की शांति-जैसी नहीं है। तुम्हारा जी घबराये नहीं। भीरु मत बनो”।

इस प्रकार हम देखते हैं कि प्रभु येसु राजाओं के राजा है, प्रभुओं के प्रभु है। वे सारी सृष्टि पर राज करते हैं। वे स्वर्ग, पृथ्वी तथा अधोलोक ले अधीश्वर है। इसलिए हमें उनकी अधीनता को स्वीकार करनी चाहिए, उनका आदर करना चाहिए, उनकी आज्ञाओं का पालन करना चाहिए और उनसे शांति पाना चाहिए।

-फादर फ्रांसिस स्करिया


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