आध्यात्मिक रीति से येसु को स्वीकार करने की प्रार्थना - 2

मेरे प्यारे प्रभु और उद्धारकर्ता! हालाँकि मैं एक पापी दास हूँ, फिर भी मैं विश्वास के साथ आपके पास आता हूँ। आपने अपनी भलाई और दया के कारण कहा है, “थके-माँदे और बोझ से दबे हुए लोगों, तुम सब के सब मेरे पास आओ; मैं तुम्हें विश्राम दूँगा”। आप किसी पश्चात्तापी दीन-हीन हृदय का तिरस्कार नहीं करते हैं। मुझे खेद है कि मैंने अपने पापों से आप को दुख दिया है, क्योंकि आप असीम भले और दयालु हैं। मैंने आपकी पवित्र इच्छा का मूर्खतापूर्ण विरोध करके तथा आपकी आज्ञाओं का उल्लंघन करके आपके पवित्र हृदय को घायल किया है। लेकिन मैं अब अपने पूरे दिल से और सभी चीज़ों से ज़्यादा आपको प्यार करता हूँ। मैं विश्वास करता हूँ कि आप वेदी पर उपस्थित हैं। मैं आप की आराधना करता हूँ। मेरी बड़ी इच्छा है कि मैं आपको सांस्कारिक रीति से ग्रहण कर सकूँ। चूंकि आपकी पवित्र वेदी के पास जाना अब संभव नहीं हैं, मैं आप से विनती करता हूँ कि आप आध्यात्मिक रीति से मेरे पास आईए और आपके अनुग्रह की मिठास के साथ मेरी आत्मा को नवीन कर दीजिए।
आईए, मेरे प्रभु और मेरे ईश्वर, मेरे पास आईए और मुझे फिर पाप के द्वारा आप से अलग न होने दीजिए। मैं आपके अनुकूल बनना चाहता हूँ। मुझे आपके धन्य मार्ग सिखाईए। मुझे प्रेम, विनम्रता, पवित्रता तथा आपके सभी गुणों का अभ्यास कराईए। मुझे ऐसी सब बातों से दूर रखिए जो आप को चोट पहुँचा सकती हैं। मैं अस्सीसी के संत फ्रांसिस के साथ प्रार्थना करता हूँ – “आपके प्रेम की आग मेरी आत्मा को ढ़क ले, ताकि आपके जिस प्रेम के कारण आप मेरे लिए क्रूस पर मरे, उस प्रेम के कारण मैं स्वयं और संसार के लिए मर जाऊं ।
हे येसु, मैं अपने दिल को अपनी सभी भावनाओं, सारी शक्तियों के साथ और अपने शरीर को सभी इन्द्रियों के साथ आपको समर्पित करता हूँ। आपके साथ एक हो कर मैं संघर्ष करूँगा तथा अपने जीवन के दुख-तकलीफ़ों को झेल कर अपने स्वर्गिक पिता की इच्छा को पूरा करूँगा। मैं हमेशा ईश्वर की उपस्थिति का ध्यान रखूंगा तथा परिपूर्ण होने का प्रयास करूँगा। मुझे जीवन में और मृत्यु में आशीर्वाद दें ताकि मैं अनन्त काल तक स्वर्ग में आपकी स्तुति करता रहूँ।
आमेन।


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Praise the Lord!