कोलकोत्ता की धन्य तेरेसा जल्दी ही संत घोषित की जायेंगी


कोलकोत्ता की धन्य तेरेसा को सितंबर माह की 4 तारीख को संत पिता फ्रांसिस संत घोषित करेंगे। 5 सितंबर 1997 को मदर तेरेसा का निधन हुआ था। उस समय वे 87 वर्ष की थीं। दुनिया के बहुत से लोग मदर तेरेसा को उनके जीवन काल में ही संत मानते थे। 13 सितंबर को पूरे धार्मिक तथा राष्ट्रीय सम्मान के साथ दुनिया के जाने-माने नेताओं तथा हज़ारों दीन-दुखियों की उपस्थिति में उनका अंतिम संस्कार किया गया। उनकी कब्र तुरन्त ही बहुत से लोगों का तीर्थ-स्थान बन गयी। वहाँ प्रार्थना करने आने वाले लोगों की भीड़ लगने लगी।

कलीसिया के नियमों के अनुसार किसी को संत घोषित करने की प्रक्रिया उनकी मृत्यु के पाँच साल बाद ही प्रारंभ हो सकती है। इस नियम से छूट देकर संत पिता योहन पौलुस द्वितीय ने दो साल के अन्दर ही इस प्रक्रिया को शुरू करने का आदेश दिया। इस प्रक्रिया के पहले चरण में सन 2002 में संत पिता ने एक भारतीय महिला को मदर तेरेसा की मध्यस्थता से चंगाई मिलने के चमत्कार को विशेषज्ञों के गहरे अध्ययन के बाद आधिकारिक रीति से स्वीकार किया और इस प्रकार धन्य घोषित करने की प्रक्रिया पूरी होने पर संत पापा योहन पौलुस द्वितीय ने 19 अक्टूबर 2003 को उन्हें धन्य घोषित किया।

इस प्रकार संत घोषित करने के आगे के चरण की प्रक्रिया शुरू की गयी। 17 दिसंबर 2015 को संत पापा फ्रांसिस ने यह स्वीकार किया कि ब्राजील के मार्सिलियो हद्दाद अन्द्रीनो नामक इन्जीनियर को मस्तिष्क की गंभीर बीमारी से कोलकत्ता की धन्य तेरेसा की मध्यस्थता से चंगाई प्राप्त हुयी। 15 मार्च 2016 को वतिकान से यह घोषणा की गयी कि धन्य तेरेसा को संत घोषित करने की प्रक्रिया भी पूरी हो गयी है और सितंबर 4 तारीख को संत पिता फ्रांसिस रोम में कोलकत्ता की धन्य मदर तेरेसा को संत घोषित करेंगे।

भारत की कलीसिया इस खबर पर आनन्द मनाती है। इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए भारत से बहुत से कलीसियाई नेता और विश्वासीगण रोम पहुँचेंगे ही। भारत के प्रधानमंत्री श्री. नरेन्द्र मोदी जी तथा पंश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री, श्रीमति ममता बेनर्जी के भी इस कार्यक्रम में उपस्थित होने की उम्मीद है।

(कोलकोत्ता की धन्य तेरेसा की जीवनी)

Copyright © www.jayesu.com
Praise the Lord!