इश्वर की सेविका रानी मरिया

सुसमाचार की घोषणा

“तेरी शिक्षा मुझे ज्योति प्रदान करती और मेरा पथ आलोकित करती है।”(स्तोत्र 119:105) सिस्टर रानी मरिया ने इस ईशवचन को अपने कमरे में अलमारी पर बडे अक्षरों में लिखा था। सिस्टर हमेशा ईशवचन का मार्गदर्शन ले कर ही आगे चलती थी। वे सामाजिक सेवा-कार्य करने के पहले अकसर अपने सहयोगियों एकत्र कर उन्हें ईशवचन सुनाती थी। अपने कार्यों के बीच में वे प्रार्थना और भजन और भजन के लिए समय निकालती थी। येसु का सन्देश किसी को भी न दे पाने पर वे दुखी होती थीं। इस संबंध में मदर मरियन्ना का कहना है – “सिस्टर रानी मरिया को अन्य धर्मावलंबियों के बीच भी येसु का नाम ले कर प्रार्थना करने की विशेष कृपा मिली थी। वे इसके लिए दूसरों को भी प्रेरित करती थी। लेकिन वे दूसरे धर्मावलंबियों के प्रति हमेशा सहिष्णुता प्रकट करती थी। वास्तव में उनके सहयोगियों में अधिकत्तर गैर ख्रीस्तीय थे। वे हमेशा दूसरों के प्रति संवेदनशील थी।


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