इश्वर की सेविका रानी मरिया

क्षमा का आदर्श

“प्रभु! यह पाप इन पर मत लगा!” (प्रेरित-चरित 7:60)” संत स्तेफनुस के ये शब्द ईश्वर की सेविका रानी मरिया के स्मारक पर अंकित हैं। यह उनके क्षमामय प्रेम को दर्शाता है।
ईश्वर की सेविका की बहन सिस्टर सेल्मी पॉल ने इसी क्षमामय प्रेम का एक आदर्श तब प्रस्तुत किया जब 2 अगस्त 2002 को रक्षाबंधन के त्योहार के दिन वे इन्दौर के केन्द्रीय जेल जाकर अपनी बहन के हत्यारे समुन्दर सिंह के हाथ में राखी बाँध कर उसे एक भाई के रूप में स्वीकार किया। फादर मिखाएल सदानन्द सी.एम.आइ. और सिस्टर की धर्मसमाजी अधिकारी के साथ ही सिस्टर जेल पहुँची थी। हत्यारा समुन्दर सिंह आश्चर्यचकित होकर सिस्टर सेल्मी से माफी माँग ली और यह उन के मनपरिवर्तन का कारण बन गया


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