सन्ध्या-वन्दना

वर्ष का सामान्य सप्ताह - 1 सोमवार


अगुआ : हे ईश्वर, हमारी सहायता करने आ जा।

समूह : हे प्रभु, हमारी सहायता करने शीघ्र ही आ जा।


अगुआ : पिता और पुत्र और पवित्र आत्मा की महिमा हो।

समूह : जैसे वह आदि में थी, अब है और अनन्त काल तक। आमेन।


मंगलगान

भज ले रे मनवा प्रभु का नाम,
जप ले रे निशि दिन प्रभु का नाम।

सृजनहार पिता का नाम, पालनहार पिता का नाम,
भज ले रे मनवा पिता का नाम,
जप ले रे निशि दिन पिता का नाम।

मुक्ति प्रदाता येसु का नाम, तारणहार येसु का नाम,
भज ले रे मनवा प्रभु का नाम,
जप ले रे निशि दिन प्रभु का नाम।

ज्योति प्रदाता आत्मा का नाम, शान्ति प्रदाता आत्मा का नाम
भज ले रे मनवा प्रभु का नाम,
जप ले रे निशि दिन प्रभु का नाम।

अग्र. 1 : प्रभु को दीन-हीन का ख्याल है।


स्तोत्र 10 धर्मी ईश्वर पर भरोसा रखता है।


मैं प्रभु की शरण आया हूँ; तुम मुझ से कैसे कह सकते हो:
"पक्षी की तरह पर्वत पर भाग जाओ"?

देखो, अंधेरे में निष्कपट लोगों को मारने के लिए
दुष्ट जन धनुष चढ़ाते और प्रत्यंचा पर बाण साधते हैं।
यदि नींव उखाड़ दी गयी है, तो धर्मी क्या कर सकेगा?

प्रभु अपने मन्दिर में विराजमान है, प्रभु का सिंहासन स्वर्ग में है।
वह संसार को देखता रहता और मनुष्यों पर दृष्टि दौड़ाता है।
प्रभु धर्मी और विधर्मी, दोनों की परीक्षा लेता है।
वह अत्याचारी से घृणा करता है।

वह दुष्टों पर जलते अंगारे और गन्धक बरसाये,
उन्हें झुलसाने वाली लू झेलनी पड़े;
क्योंकि प्रभु न्यायी हैं और न्याय के कार्य उसे प्रिय हैं।
जो निष्कपट हैं, वे उसके मुख के दर्शन करेंगे।

अग्र. : प्रभु को दीन-हीन का ख्याल है।

अग्र. 2 : धन्य हैं जो हृदय के निर्मल हैं, क्योंकि वे ईश्वर के दर्शन करेंगे; अल्लेलूया।


स्तोत्र 14 प्रभु की दृष्टि में योग्य कौन?


प्रभु! कौन तेरे शिविर में प्रवेश करेगा?
कौन तेरे पवित्र पर्वत पर निवास कर सकेगा?
वही, जिसका आचरण निर्दोष है, जो सदा सत्कार्य करता है,
जो हृदय से सत्य बोलता है और चुगली नहीं खाता;

जो अपने भाई को नहीं ठगता
और अपने पड़ोसी की निन्दा नहीं करता,
जो विध्रमी को तुच्छ समझता
और प्रभु-भक्तों का आदर करता है,

जो किसी भी कीमत पर अपने वचन का पालन करता है,
उधार दे कर ब्याज नहीं माँगता
और निर्दोष के विरुद्ध घूस नहीं लेता।
जो ऐसा आचरण करता है, वह कभी विचलित नहीं होता।

अग्र. : धन्य हैं जो हृदय के निर्मल हैं, क्योंकि वे ईश्वर के दर्शन करेंगे; अल्लेलूया।

अग्र. 3 : ईश्वर ने अपने पुत्र में हमारा चयन कर हमें अपने दत्तक पुत्र बना दिया।


भजन स्तुति : एफेसियों 1:3-10


धन्य है हमारे प्रभु ईसा मसीह का ईश्वर और पिता!
उसने मसीह द्वारा हम लोगों को
स्वर्ग के हर प्रकार के आध्यात्मिक वरदान प्रदान किये हैं।

उसने संसार की सृष्टि से पहले मसीह में हम को चुना,
जिससे हम मसीह से संयुक्त हो कर
उसकी दृष्टि में पवित्र तथा निष्कलंक बनें।

उसने प्रेम से प्रेरित हो कर आदि में ही निर्धारित किया
कि हम ईसा मसीह द्वारा उसके दत्तक पुत्र बनेंगे।

इस प्रकार उसने अपनी मंगलमय इच्छा के अनुसार
अपने अनुग्रह की महिमा प्रकट की है।

वह अनुग्रह हमें उसके प्रिय पुत्र द्वारा मिला है,
जो अपने रक्त द्वारा हमें मुक्ति
अर्थात् अपराधों की क्षमा दिलाते हैं।

यह ईश्वर की अपार कृपा का परिणाम है,
जिसके द्वारा वह हमें प्रज्ञा तथा बुद्धि प्रदान करता रहता है।

उसने अपनी मंगलमय इच्छा के अनुसार निश्चय किया था
कि वह समय पूरा हो जाने पर स्वर्ग तथा पृथ्वी में जो कुछ है,
वह सब मसीह के अधीन कर एकता में बाँध देगा।

अग्र. 3 : ईश्वर ने अपने पुत्र में हमारा चयन कर हमें अपने दत्तक पुत्र बना दिया।


धर्मग्रन्थ-पाठ : कलोसियों 1:9-11


जिस दिन से हमने यह सुना, हम निरंतर आप लोगों के लिए प्रार्थना करते रहे हैं। हम ईश्वर से यह निवेदन करते हैं कि वह आप को समस्त प्रज्ञा तथा आध्यात्मिक अन्तर्दृष्टि प्रदान करे, जिससे आप उसकी इच्छा पूर्ण रूप से समझ सकें। इस प्रकार आप प्रभु के योग्य जीवन बिता कर सब बातों में उसे प्रसन्न करेंगे, हर प्रकार के भले कार्य करते रहेंगे और ईश्वर के ज्ञान में बढ़ते जायेंगे। आप ईश्वर की महिमामय शक्ति से बल पा कर सदा दृढ़ बने रहेंगे।

लघु अनुवाक्य
अगुआ : मेरी आत्मा को चंगा कर क्योंकि मैंने तेरे विरुध्द पाप किया है।
समूह : मेरी आत्मा को चंगा कर क्योंकि मैंने तेरे विरुध्द पाप किया है।
• मैंने कहा : हे प्रभु, मुझ पर दया कर।
• पिता और पुत्र और पवित्र आत्मा की महिमा हो।

मरियम गान अग्र : मेरी आत्मा प्रभु का गुणगान करती है, क्योंकि उसने मेरी दीनता पर कृपा दृष्टि की है।

"मेरी आत्मा प्रभु का गुणगान करती है,
मेरा मन अपने मुक्तिदाता ईश्वर में आनन्द मनाता है;

क्योंकि उसने अपनी दीन दासी पर कृपादृष्टि की है।
अब से सब पीढ़ियाँ मुझे धन्य कहेंगी;
क्योंकि सर्वशक्तिमान् ने मेरे लिए महान् कार्य किये हैं।
पवित्र है उसका नाम!

उसकी कृपा उसके श्रद्धालु भक्तों पर
पीढ़ी-दर-पीढ़ी बनी रहती है।
उसने अपना बाहुबल प्रदर्शित किया है,
उसने घमण्डियों को तितर-बितर कर दिया है।

उसने शक्तिशालियों को उनके आसनों से गिरा दिया
और दीनों को महान् बना दिया है।
उसने दरिंद्रों को सम्पन्न किया
और धनियों को ख़ाली हाथ लौटा दिया है।

इब्राहीम और उनके वंश के प्रति
अपनी चिरस्थायी दया को स्मरण कर,
उसने हमारे पूर्वजों के प्रति अपनी प्रतिज्ञा के अनुसार
अपने दास इस्राएल की सुध ली है।"

पिता और पुत्र और पवित्र आत्मा की महिमा हो।
जैसे वह आदि में थी, अब है और अनन्त काल तक। आमेन।

अग्र : मेरी आत्मा प्रभु का गुणगान करती है, क्योंकि उसने मेरी दीनता पर कृपा दृष्टि की है।


सामूहिक निवेदन

अगुआ : पिता ईश्वर ने हमारे साथ एक सनातन व्यवस्थान स्थापित किया है। हम धन्यवाद के साथ विश्वासपूर्वक यह निवेदन करते हैं –
समूह : हे पिता, अपने लोगों को आशीर्वाद दे।
• ख्रीस्त में तूने मनुष्यों को एक नया व्यवस्थान दिया है – वे उस विरासत की गरिमा पहचानें, जिसे उन्होंने हासिल किया है।
• ख्रीस्त का नाम धारण करने वालों को एकत्रित कर – संसार उस ख्रीस्त में विश्वास करे जिसे तूने भेजा है।
• तू हमारे मित्रों और परिचितों पर अपने प्रेम की वर्षा कर – वे ख्रीस्त की सौम्यता अपने साथ लिये चलें।
• जो मरणासन्न हैं, उन्हें तू दिलासा दे – वे तेरे मुक्तिदायी प्रेम का अनुभव करें।
• मृत विश्वासियों को तू अपनी दया प्रदर्शित कर - वे ख्रीस्त में अपनी अनने विश्रान्ति पा सकें।

हे हमारे पिता

समापन प्रार्थना


अगुआ : हे प्रभु, हमारी इस उपासना से तेरी महिमा हो। तूने हमारी मुक्ति के लिए अपनी दासी मरियम की दीनता पर कृपादृष्टि डाली है। उसके साथ मुक्ति-कार्य मी पूर्णता में सहभागी बनने के हमें योग्य बना दे। हम यह प्रार्थना करते हैं, उन्हीं हमारे प्रभु येसु ख्रीस्त तेरे पुत्र के द्वारा जो परमेश्वर होकर तेरे तथा पवित्र आत्मा के साथ युगानुयुग जीते और राज्य करते हैं। आमेन।
समूह : आमेन।
अगुआ : प्रभु हमको आशीर्वाद दे, हर बुराई से हमारी रक्षा करे और हमें अनन्त जीवन तक ले चले।
समूह : आमेन।


Copyright © www.jayesu.com
Praise the Lord!