सन्ध्या-वन्दना

वर्ष का सामान्य सप्ताह - 1 शुक्रवार


अगुआ : हे ईश्वर, हमारी सहायता करने आ जा।

समूह : हे प्रभु, हमारी सहायता करने शीघ्र ही आ जा।


अगुआ : पिता और पुत्र और पवित्र आत्मा की महिमा हो।

समूह : जैसे वह आदि में थी, अब है और अनन्त काल तक। आमेन।


मंगलगान


मेरा ईश्वर मुझे कितना प्यार करता है,
पिता जैसे मेरा, कितना ख्याल रखता है,
अपनी हथेली में मुझको छिपा लेता है,
माँ की ममता से भी बढ़ कर उसकी ममता है।

माँ के गर्भ में रचने से पहले मुझे जाना
अपने पंखों की छाया में मुझे छिपा लिया
मेरी आत्मा उस प्रभु में आनन्दित है,
यह बदन भी उस प्रभु मेम आलोकित है।

आँसुओं की घाटियों से जब गुजारता हूँ,
उस प्रभु के हाथ मुझको हैं सम्भालते,
वो ही मेरा जीवन साथी और मेरा नाथ,
उसकी छाया में सदा ही मेरा जीवन है।

अग्र. 1 : प्रभु मुझे चंगा कर, क्योंकि मैं ने तेरे चिरुध्द पाप किया है।


स्तोत्र 40 रोगी की प्रार्थना।


धन्य है वह, जो दरिद्र की सुधि लेता है!
विपत्ति के दिन प्रभु उसका उद्धार करता है।
प्रभु पृथ्वी पर उसे सुरक्षित रखता और सुख-शान्ति प्रदान करता है।
वह उसे उसके शत्रुओं के हाथों पड़ने नहीं देता।

प्रभु उसे रोग-शय्या पर सान्त्वना देता और उसका बिस्तर बदलता है।
मैंने कहा, "प्रभु! मुझ पर दया कर,
मुझे चंगा कर, क्योंकि मैंने तेरे विरुद्ध पाप किया है।"

मेरे शत्रु यह कहते हुए मेरा अहित चाहते हैं।
"वह कब मरेगा और उसका नाम नहीं रहेगा?"
यदि कोई मुझ से मिलने आता है, तो वह झूठ बोलता है।

वह मन में मेरी बुराई की सामग्री भरता
और बाहर आते ही मेरी निन्दा करता है।

मेरे सब बैरी मिलकर मेरे विरुद्ध फुसफुसाते
और मेरी दुर्दशा के विषय में यह कहते हैं:
"वह एक अशुभ रोग से ग्रस्त है।
उसके लग जाने के बाद कोई रोग-शय्या से नहीं उठता।"

जिस पर मुझे भरोसा था, जिसने मेरी रोटी खायी,
उस अभिन्न मित्र ने भी मुझ पर लात चलायी है।

परन्तु तू, प्रभु! मुझ पर दया कर;
मुझे चंगा कर और मैं उन से बदला चुकाऊँगा।
मेरा शत्रु मुझ पर विजयी नहीं हुआ,
इस से मैं जानता हूँ कि तू मुझ पर प्रसन्न है।

मेरी निर्दोषता के कारण तूने मुझे संभाला
और सदा के लिए मुझे अपने सान्निध्य में रखा है।
प्रभु, इस्राएल का ईश्वर
सदा-सर्वदा धन्य है। आमेन, आमेन।

अग्र. : प्रभु मुझे चंगा कर, क्योंकि मैं ने तेरे चिरुध्द पाप किया है।

अग्र. 2 : सेनाओं का प्रभु हमारे साथ है; याकूब का ईश्वर हमारा गढ़ हे।


स्तोत्र 45 ईश्वर ; आश्रय और सामर्थ्य।


ईश्वर हमारा आश्रय और सामर्थ्य है।
वह संकट में सदा हमारा सहचर है।

इसलिए हम नहीं डरते-चाहे पृथ्वी काँप उठे,
चाहे पर्वत समुद्र के गर्त में डूब जायें,
चाहे सागर की प्रचण्ड लहरें फेन उगले
और पर्वत उनकी टक्कर से हिल जायें

विश्वमण्डल का प्रभु हमारे साथ है,
याकूब का ईश्वर हमारा गढ़ है।
एक नदी की धाराएँ ईश्वर के नगर को
सर्वोच्च ईश्वर के पवित्र निवासस्थान को आनन्द प्रदान करती हैं।
ईश्वर उस नगर में रहता है, वह कभी पराजित नहीं होगा।
ईश्वर प्रातःकाल उसकी सहायता करेगा।

विश्वमण्डल का प्रभु हमारे साथ है,
याकूब का ईश्वर हमारा गढ़ है।

राष्ट्रों में खलबली मची हुई है, राज्य डग-मगाते हैं।
प्रभु की वाणी सुन कर पृथ्वी पिघलती है

विश्वमण्डल का प्रभु हमारे साथ है,
याकूब का ईश्वर हमारा गढ़ है।

आओ! प्रभु के महान कार्यों का मनन करो
वह पृथ्वी पर अपूर्व चमत्कार दिखाता है।
वह पृथ्वी भर के युद्धों को शान्त करता
वह धनुष को तोड़ता, भाले के टुकड़े-टुकड़े करता

और युद्ध-रथों को अग्नि में भस्म कर देता है।
शान्त हो और जान लो कि मैं ही ईश्वर हूँ,
विश्वमण्डल का प्रभु हमारे साथ है,
याकूब का ईश्वर हमारा गढ़ है।

अग्र. : सेनाओं का प्रभु हमारे साथ है; याकूब का ईश्वर हमारा गढ़ हे।

अग्र. 3 : प्रभु सभी राष्ट्र तेरे पास आयेंगे और तेरी आराधना के गीत गायेंगे।


भजन स्तुति : प्रकाशना 15:3-4


सर्वशक्तिमान् प्रभु-ईश्वर! तेरे कार्य महान् और अपूर्व हैं।
राष्ष्ट्रों के राजा! तेरे मार्ग न्यायसंगत और सच्चे हैं।

प्रभु! कौन तुझ पर श्रद्धा और तेरे नाम की स्तुति नहीं करेगा?
क्योंकि तू ही पवित्र है।

सभी राष्ष्ट्र आ कर तेरी आराधना करेंगे,
क्योंकि तेरे न्यायसंगत निर्णय प्रकट हो गये हैं।

अग्र. : प्रभु सभी राष्ट्र तेरे पास आयेंगे और तेरी आराधना के गीत गायेंगे।


धर्मग्रन्थ-पाठ : रोमियो 15:1-3


हम लोगों को, जो समर्थ हैं, अपनी सुख-सुविधा का नहीं, बल्कि दुर्बलों की कमज़ोरियों का ध्यान रखना चाहिए। हम में प्रत्येक को अपने पड़ोसी की भलाई तथा चरित्र-निर्माण के लिए उसे प्रसन्न करने का ध्यान रखना चाहिए। मसीह ने भी अपने सुख का ध्यान नहीं रखा। जैसा कि लिखा है -तेरी निन्दा करने वालों ने मेरी निन्दा की है।

लघु अनुवाक्य:
अगुआ : ख्रीस्त ने हमें प्यार किया और अपने रक्त से हमारे पापों को धो डाला है।
समूह : ख्रीस्त ने हमें प्यार किया और अपने रक्त से हमारे पापों को धो डाला है।
• ईशोपासना के लिए उसने एक राजकीय याजक वर्ग बनाया।
• पिता और पुत्र और पवित्र आत्मा की महिमा हो।

मरियम गान अग्र. : प्रभु अपनी दया की सुधि लेकर, हम, अपने सेवकों की सहायता करने आया है।

"मेरी आत्मा प्रभु का गुणगान करती है,
मेरा मन अपने मुक्तिदाता ईश्वर में आनन्द मनाता है;

क्योंकि उसने अपनी दीन दासी पर कृपादृष्टि की है।
अब से सब पीढ़ियाँ मुझे धन्य कहेंगी;
क्योंकि सर्वशक्तिमान् ने मेरे लिए महान् कार्य किये हैं।
पवित्र है उसका नाम!

उसकी कृपा उसके श्रद्धालु भक्तों पर
पीढ़ी-दर-पीढ़ी बनी रहती है।
उसने अपना बाहुबल प्रदर्शित किया है,
उसने घमण्डियों को तितर-बितर कर दिया है।

उसने शक्तिशालियों को उनके आसनों से गिरा दिया
और दीनों को महान् बना दिया है।
उसने दरिंद्रों को सम्पन्न किया
और धनियों को ख़ाली हाथ लौटा दिया है।

इब्राहीम और उनके वंश के प्रति
अपनी चिरस्थायी दया को स्मरण कर,
उसने हमारे पूर्वजों के प्रति अपनी प्रतिज्ञा के अनुसार
अपने दास इस्राएल की सुध ली है।"

पिता और पुत्र और पवित्र आत्मा की महिमा हो।
जैसे वह आदि में थी, अब है और अनन्त काल तक। आमेन।

अग्र. : प्रभु अपनी दया की सुधि लेकर, हम, अपने सेवकों की सहायता करने आया है।


सामूहिक निवेदन


अगुआ :ईश्वर हमारा प्रेमी पित है; वह हमारी देख-भाल करता है और वह हमारी आवश्यकताएँ जानता है। आइये, हम विश्वास के साथ उससे निवेदन करें।
समूह : हे पिता, तेरे प्रेम में हम शान्ति पायें।
• तेरे पुत्र ख्रीस्त येसु कलीसिया के लिए दुख भोगे और मर गये – उन सब ख्रीस्तीयों के साथ रह जो इस रात पीड़ा से गुजर रहे हैं।
• रोगियों को तू स्वास्थ्य एवं सान्त्वना प्रदान कर – कलवारी की विजय द्वारा उन्हें बल प्रदान कर।
• हे सर्वशक्तिमान पिता, तू हमारे साथ रह – तू ही हमें उन घोर बुराइयों से बचा सकता है, जिनसे हम सदा डरते रहते हैं। मृत्युशय्या में हमें बल प्रदान कर – हम तेरी शान्ति जान पायें।
• मृत विश्वासियों को तू अपनी ज्योति में ले जा – तेरे सान्निध्य से उन्हें दिलासा मिले।

हे हमारे पिता...

समापन प्रार्थना :


अगुआ :हे प्रभु ईश्वर, हमें अपने पुत्र के दुख-भोग की सीख सिखा दे। इस भाँति वह जुआ वहन करने का हमें बल प्रदान कर, जिसे ख्रीस्त येसु हमारे लिए सहज बना देते हैं। हम यह प्रार्थना करते हैं, उन्हीं हमारे प्रभु येसु ख्रीस्त तेरे पुत्र के द्वारा जो परमेश्वर होकर तेरे तथा पवित्र आत्मा के साथ युगानुयुग जीते और राज्य करते हैं।
समूह : आमेन।
अगुआ : प्रभु हमको आशीर्वाद दे, हर बुराई से हमारी रक्षा करे और हमें अनन्त जीवन तक ले चले।
समूह : आमेन।


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Praise the Lord!