सन्ध्या-वन्दना

वर्ष का सामान्य सप्ताह - 2 बृहस्पतिवार


अगुआ : हे ईश्वर, हमारी सहायता करने आ जा।

समूह : हे प्रभु, हमारी सहायता करने शीघ्र ही आ जा।


अगुआ : पिता और पुत्र और पवित्र आत्मा की महिमा हो।

समूह : जैसे वह आदि में थी, अब है और अनन्त काल तक। आमेन।


मंगलगान

निर्मलता का मन मुझ में, तू ही बना दो दाता,
शांति दया संभव मेरे, दिल में बसा दो दाता॥

मन मोहों से दूर हटा दो, पापों से मुझे तारो,
दीन दुखी से प्रेम करूँ मैं, सेवा का मन मन्दिर हो॥

मन भावुक हो, भाव प्रबल हो, दूजों की समझूँ पीड़ा,
सबकी खुशी में, मेरी खुशी हो, दुनिया दो पल का डेरा॥

अग्र. 1 : मैंने तुम्हें राष्ट्रों की ज्योति बना दिया है, जिससे तुम्हारे द्वारा मुक्ति का सन्देश पृथ्वी के सिमान्तों तक फैल जाये।


स्त्रोत्र 71:1-11 मसीह का राजकीय अधिकार।


ईश्वर! राजा को अपना न्याय-अधिकार,
राजपुत्र को अपनी न्यायशीलता प्रदान कर।
वह तेरी प्रजा का न्यायूपर्वक शासन करें
और पददलितों की रक्षा करें।

न्याय के फलस्वरूप पर्वत और पहाड़ियों
अपनी उपज से जनता को सम्पन्न बनायें।
राजा पददलितों को न्याय दिलायें,
दरिद्रों की सन्तति की रक्षा करें और अत्याचारी का दमन करें।

वह सूर्य और चन्द्रमा की तरह पीढ़ी-दर-पीढ़ी बने रहें।
वह घास के मैदान पर बौछार के सदृश हों,
पृथ्वी को सींचने वाली वर्षा के सदृश।

उनके राज्यकाल में न्याय फले-फूले
और अपार शान्ति सदा-सर्वदा छायी रहे।
उनका राज्य एक समुद्र से दूसरे समुद्र तक,
फ़रात नदी से पृथ्वी के सीमान्तों तक फैल जाये।

उनके विरोधी उनके सामने घुटने टेकेंगे। उनके शत्रु खेत रहेंगे।
तरशीश और द्वीपों के राजा उन्हें उपहार देने आयेंगे,
शेबा और सबा के राजा उन्हें भेंट चढ़ाने आयेंगे।
सभी राजा उन्हें दण्डवत् करेंगे। सभी राष्ट्र उनके अधीन हैं।

अग्र. : मैंने तुम्हें राष्ट्रों की ज्योति बना दिया है, जिससे तुम्हारे द्वारा मुक्ति का सन्देश पृथ्वी के सिमान्तों तक फैल जाये।

अग्र. 2 : प्रभु दरिद्रों के प्राण बचायेगा, वह दमन-शोषण से उन्हें छुड़ायेगा।


स्त्रोत्र 71:12-19 मसीह का राजकीय अधिकार।


वह दुहाई देने वाले दरिद्रों
और निस्सहाय पददलितों का उद्धार करेंगे।
वह दरिद्र और दुर्बल पर दया करेंगे।
वह दरिद्रों के प्राण बचायेंगे।

वह अन्याय और अत्याचार से उनकी रक्षा करेंगे,
क्योंकि वह उनके प्राणों का मूल्य समझते है।
वह दीर्घायु हों। शेबा का स्वर्ण उन्हें भेंट किया जायेगा।
लोग उनके लिए निरन्तर प्रार्थना करेंगे, वे उन्हें सदा धन्य कहेंगे।

पर्वतों के शिखर तक खेतों का विस्तार हो,
गेहूँ की बालें लेबानोन की तरह लहलहायें।
येरूसालेम से दूर-दूर तक हरियाली फैल जाये।

राजा का नाम सदा बना रहे,
उनका वंश सूर्य की तरह चिरस्थायी हो।
वह सबों के कल्याण का कारण बनें,
समस्त राष्ट्र उन्हें धन्य कहें।

प्रभु-ईश्वर, इस्राएल का ईश्वर धन्य है।
वही अपूर्व कार्य दिखाता है।
उसका महिमामय नाम सदा-सर्वदा धन्य है।
उसकी महिमा समस्त पृथ्वी में व्याप्त हो! आमेन। आमेन।

अग्र. : प्रभु दरिद्रों के प्राण बचायेगा, वह दमन-शोषण से उन्हें छुड़ायेगा।

अग्र. 3 : अब हमारे ईश्वर की विजय, सामर्थ्य और राजत्व प्रकट है।



भजन स्तुति : प्रकाशना 11:17-18; 12:10-12


सर्वशक्तिमान् प्रभु-ईश्वर, जो है और जो था!
हम तुझे धन्यवावद देते हैं,

क्योंकि तूने अपने सामर्थ्य का प्रदर्शन किया
और राज्याधिकार ग्रहण कर लिया है।

’राष्ट्र क्रुद्ध हो गये थे, किन्तु तेरा क्रोध आ गया है
और वह समय भी, जब मृतकों का न्याय किया जायेगा;

जब तेरे सेवकों, तेरे नबियों और तेरे सन्तों को पुरस्कार दिया जायेगा
और उन सबों को भी, चाहे वे छोटे या बड़े हों,
जो तेरे नाम पर श्रद्धा रखते हैं;

अब हमारे ईश्वर की विजय, सामर्थ्य तथा राजत्व
और उसके मसीह का अधिकार प्रकट हुआ है;

क्योंकि हमारे भाइयों का वह अभियोक्ता नीचे गिरा दिया गया है,
जो दिन-रात ईश्वर के सामने उस पर अभियोग लगाया करता था।

वे मेमने के रक्त और अपने साक्ष्य के द्वारा उस पर विजयी हुए,
क्योंकि उन्होंने अपने जीवन का मोह छोड़ कर मृत्यु का स्वागत किया;
इसलिए स्वर्ग और उसके निवासी आनन्द मनायें।

अग्र. 3 : अब हमारे ईश्वर की विजय, सामर्थ्य और राजत्व प्रकट है।


धर्मग्रन्थ-पाठ : 1 पेत्रुस 1:22-23

आप लोगों ने आज्ञाकारी बन कर सत्य को स्वीकार किया और इस प्रकार अपनी आत्माओं को पवित्र कर लिया है; इसलिए अब आप लोगों को निष्कपट भ्रातृ-भाव, सारे हृदय और सच्ची लगन से एक दूसरे को प्यार करना चाहिए। आपने दुबारा जन्म लिया है। आप लोगों का यह जन्म नश्वर जीवन-तत्व से नहीं, बल्कि ईश्वर के जीवन्त एवं शाश्वत वचन से हुआ है;

लघु अनुवाक्य:
अगुआ : प्रभु मेरा चरवाहा है; मुझे किसी चीज़ की कमी नहीं।
समूह : प्रभु मेरा चरवाहा है; मुझे किसी चीज़ की कमी नहीं।
• हरे-भरे मैदानों में वह मुझे विश्राम देता है।
• पिता और पुत्र और पवित्र आत्मा की महिमा हो।

मरियम गान अग्र. : न्याय के भूखों को प्रभु ने उत्तम वस्तुओं से तृप्त किया है।

"मेरी आत्मा प्रभु का गुणगान करती है,
मेरा मन अपने मुक्तिदाता ईश्वर में आनन्द मनाता है;

क्योंकि उसने अपनी दीन दासी पर कृपादृष्टि की है।
अब से सब पीढ़ियाँ मुझे धन्य कहेंगी;
क्योंकि सर्वशक्तिमान् ने मेरे लिए महान् कार्य किये हैं।
पवित्र है उसका नाम!

उसकी कृपा उसके श्रद्धालु भक्तों पर
पीढ़ी-दर-पीढ़ी बनी रहती है।
उसने अपना बाहुबल प्रदर्शित किया है,
उसने घमण्डियों को तितर-बितर कर दिया है।

उसने शक्तिशालियों को उनके आसनों से गिरा दिया
और दीनों को महान् बना दिया है।
उसने दरिंद्रों को सम्पन्न किया
और धनियों को ख़ाली हाथ लौटा दिया है।

इब्राहीम और उनके वंश के प्रति
अपनी चिरस्थायी दया को स्मरण कर,
उसने हमारे पूर्वजों के प्रति अपनी प्रतिज्ञा के अनुसार
अपने दास इस्राएल की सुध ली है।"

पिता और पुत्र और पवित्र आत्मा की महिमा हो।
जैसे वह आदि में थी, अब है और अनन्त काल तक। आमेन।

अग्र : न्याय के भूखों को प्रभु ने उत्तम वस्तुओं से तृप्त किया है।


सामूहिक निवेदन

अगुआ :हम धन्यवाद की भावना से अपना हृदय पिता ईश्वर की ओर उठावें, जिसने हमें येसु ख्रीस्त में हर प्रकार के आध्यात्मिक वरदान से सम्पन्न किया है।
समूह : हे प्रभु, अपनी प्रजा को आशीर्वाद दे।
• हे पिता ईश्वर, संत पिता .... हमारे धर्माध्यक्षों और सभी ख्रीस्तीय नेताओं पर दृष्टि डाल – उनका विश्वास, प्रेम और साहस बनाये रख।
• हे पिता ईश्वर! हम अपने देश के लिए प्रार्थना करते हैं – संसार में न्याय और भातृ-भाव बढ़ाने में हमारा देश अपना सहयोग दे।
• उन लोगों पर अपनी दया-दृष्टि डाल जो ख्रीस्तीय जीवन बिता रहे हैं – उनमें तू अपने प्रिय पुत्र का प्रतिबिम्ब देख।
• उन लोगों की सुधि ले जिन्होंने धर्मसंघीय जीवन में अपने को समर्पित किया है – उनकी निर्धनता में उन्हें संपन्न बना, उनके ब्रह्मचर्य में तू उनका प्रेमी बन, आज्ञाकारिता का भार उनके लिए हल्का बना दे।
• ख्रीस्त में जो सो गये हैं, उन्हें अनन्त विश्रान्ति प्रदान कर – क्योंकि तुझमें ही करुणा तथा मुक्ति की परिपूर्णता है।


हे हमारे पिता

समापन प्रार्थना


अगुआ : हे दयामय प्रभु, हम यह सन्ध्या-वन्दना अर्पित करते हुए तुझसे निवेदन करते हैं कि हमारे हृदय को सदा तेरे विधान के मनन में लीन रख, और हम सबको अनन्त जीवन की ज्योति तथा पुरस्कार प्रदान कर। यह हमारा निवेदन है, उन्हीं हमारे प्रभु येसु ख्रीस्त तेरे पुत्र के द्वारा जो परमेश्वर होकर तेरे तथा पवित्र आत्मा के साथ युगानुयुग जीते और राज्य करते हैं।
समूह : आमेन।
अगुआ : प्रभु हमको आशीर्वाद दे, हर बुराई से हमारी रक्षा करे और हमें अनन्त जीवन तक ले चले।
समूह : आमेन।


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Praise the Lord!