सन्ध्या-वन्दना

वर्ष का सामान्य सप्ताह - 4 बुधवार


अगुआ : हे ईश्वर, हमारी सहायता करने आ जा।

समूह : हे प्रभु, हमारी सहायता करने शीघ्र ही आ जा।


अगुआ : पिता और पुत्र और पवित्र आत्मा की महिमा हो।

समूह : जैसे वह आदि में थी, अब है और अनन्त काल तक। आमेन।


मंगलगान

जगत-पिता, जग ज्योति
बरसा, दे हम पर निज ज्योति

मधुबन के तेरे, बालक सारे; आये हैं और आते रहे हैं,
कर जोड़ के हम आये हैं, दे दे ज्योति॥

चंदा तारे देते ज्योति, सूरज भी देता निज ज्योति,
फिर भी अंधेरा है, दे दे ज्योति॥

अग्र. 1 : कितना अद्भुत है तेरा यह ज्ञान, जिसे तूने मुझ पर प्रकट किया है।


स्त्रोत्र 138:1-12 सर्वज्ञ ईश्वर।

प्रभु! तूने मेरी थाह ली है; तू मुझे जानता है।
मैं चाहे लेटूँ या बैठूँ, तू जानता है।
तू दूर रहते हुए भी मेरे विचार भाँप लेता है।

मैं चाहे चलूँ या लेटूँ, तू देखता है।
मैं जो भी करता हूँ – तू सब जानता है।
मेरे मुख से बात निकल ही नहीं पायी
कि प्रभु! तू उसे पूरी तरह जान गया।

तू मुझे आगे और पीछे से सँभालता है।
तेरा हाथ मेरी रक्षा करता रहता है।
तेरी यह सूक्ष्म दृष्टि मेरी समझ के परे है।
यह उतनी ऊँची है कि मैं इसे छू नहीं पाता।

मैं कहाँ जा कर तुझ से अपने को छिपाऊँ?
मैं कहाँ भाग कर तेरी आँखों से ओझल हो जाऊँ,
यदि मैं आकाश तक चढूँ, तो तू वहाँ है।
यदि मैं अधोलोक में लेटूँ, तो तू वहाँ है।

यदि मैं उषा के पंखों पर चढ़ कर
समुद्र के उस पार बस जाऊँ,
तो वहाँ भी तेरा हाथ मुझे ले चलता,
वहाँ भी तेरा दाहिना हाथ मुझे सँभालता है

यदि मैं कहूँ: "अन्धकार मुझे छिपाये और रात मुझे चारों ओर घेर ले",
तो तेरे लिए अन्धकार अंधेरा नहीं है
और रात दिन की भाँति प्रकाशमान है।
अन्धकार तेरे लिए प्रकाश-जैसा है।

अग्र. : कितना अद्भुनत है तेरा यह ज्ञान, जिसे तूने मुझ पर प्रकट किया है।

अग्र. 2 : मैं प्रभु, मनुष्य के हृदय की थाह लेता हूँ और हर एक को कर्मों का फल देता हूँ।


स्त्रोत्र 138:13-18, 23-24 सर्वज्ञ ईश्वर।

तूने मेरे शरीर की सृष्टि की; तूने माता के गर्भ में मुझे गढ़ा।
मैं तेरा धन्यवाद करता हूँ - मेरा निर्माण अपूर्व है।

तेरे कार्य अद्भुत हैं, मैं यह भली भाँति जानता हूँ।
जब मैं अदृश्य में बन रहा था,
जब मैं गर्भ के अन्धकार में गढ़ा जा रहा था,
तो तूने मेरी हड्डियों को बढ़ते देखा।

तूने मेरे सब कर्मों को देखा। वे सब तेरे ग्रन्थ में लिखे हैं।
घटित होने के पूर्व ही मेरे दिनों की सीमा निर्धारित की गयी।

ईश्वर! मेरे लिए तेरे विचार कितने दुर्बोध है!
उनकी संख्या कितनी अपार है!
यदि मैं उन्हें गिनना चाहूँ, तो वे बालू के कणों से भी अधिक हैं।
यदि मैं उन्हें पूरा गिन पाऊँ, तब भी मैं घाटे में होऊँगा।

ईश्वर! मुझे परख कर मेरे हृदय को पहचान ले;
मुझे जाँच कर मेरी चिन्ताओं को जान ले।
मेरी रखवाली कर, जिससे मैं कुमार्ग पर पैर न रखूँ;
मुझे अनन्त जीवन के मार्ग पर ले चल।

अग्र. : मैं प्रभु, मनुष्य के हृदय की थाह लेता हूँ और हर एक को कर्मों का फल देता हूँ।

अग्र. 3 : उन्हीं के द्वारा सब कुछ की सृष्टि हुई है और समस्त सृष्टि उन्हीं में टिकी हुई है।


भजन स्तुति : कलोसियों 1:12-20

हम पिता को धन्यवाद दें, जिसने हमें इस योग्य बनाया है
कि हम ज्योति के राज्य में रहने वाले सन्तों के सहभागी बनें।
ईश्वर हमें अन्धकार की अधीनता से निकाल कर
अपने प्रिय पुत्र के राज्य में ले आया।

उस पुत्र के द्वारा हमारा उद्धार हुआ है,
अर्थात् हमें पापों की क्षमा मिली है।

येसु मसीह अदृश्य ईश्वर के प्रतिरूप तथा समस्त सृष्टि के पहलौठे हैं;
क्योंकि उन्हीं के द्वारा सब कुछ की सृष्टि हुई है।

सब कुछ - चाहे वह स्वर्ग में हो या पृथ्वी पर,
चाहे दृश्य हो या अदृश्य, और स्वर्गदूतों की श्रेणियां भी
सब कुछ उनके द्वारा और उनके लिए सृष्ट किया गया है।

वह समस्त सृष्टि के पहले से विद्यमान हैं
और समस्त सृष्टि उन में ही टिकी हुई है।
वही शरीर अर्थात् कलीसिया के शीर्ष हैं।

वही मूल कारण हैं और मृतकों में से प्रथम जी उठने वाले भी,
इसलिए वह सभी बातों में सर्वश्रेष्ठ हैं।
ईश्वर ने चाहा कि उन में सब प्रकार की परिपूर्णता हो।

मसीह ने क्रूस पर जो रक्त बहाया,
उसके द्वारा ईश्वर ने शान्ति की स्थापना की।
इस तरह ईश्वर ने उन्हीं के द्वारा सब कुछ का,
चाहे वह पृथ्वी पर हो या स्वर्ग में, अपने से मेल कराया।

अग्र. : उन्हीं के द्वारा सब कुछ की सृष्टि हुई है और समस्त सृष्टि उन्हीं में टिकी हुई है।


धर्मग्रन्थ-पाठ : 1 योहन 2:3-6

यदि हम उनकी आज्ञाओं का पालन करेंगे, तो उस से हमें पता चलेगा कि हम उन्हें जानते हैं। जो कहता है कि मैं उन्हें जानता हूँ, किन्तु उनकी आज्ञाओं का पालन नहीं करता वह झूठा है और उस में सच्चाई नहीं है। परन्तु जो उनकी आज्ञाओं का पालन करता है, उस में ईश्वर का प्रेम परिपूर्णता तक पहुँचता है। जो कहता है कि मैं उन में निवास करता हूँ, उसे वैसा ही आचरण करना चाहिए, जैसा आचरण मसीह ने किया।

लघु अनुवाक्य:
अगुआ : अपनी आँख की पुतलि के समान हे प्रभु, हमारी रक्षा कर।
समूह : अपनी आँख की पुतलि के समान हे प्रभु, हमारी रक्षा कर।
• अपने पंखों की छत्र-छाया में हमें छिपा ले।
• पिता और पुत्र और पवित्र आत्मा की महिमा हो।

मरियम गान

अग्र. :हे प्रभु, अपना बाहुबल प्रदर्शित कर, घमण्डियों को तितर-बितर कर दे और दीनों को महान बना।

"मेरी आत्मा प्रभु का गुणगान करती है,
मेरा मन अपने मुक्तिदाता ईश्वर में आनन्द मनाता है;

क्योंकि उसने अपनी दीन दासी पर कृपादृष्टि की है।
अब से सब पीढ़ियाँ मुझे धन्य कहेंगी;
क्योंकि सर्वशक्तिमान् ने मेरे लिए महान् कार्य किये हैं।
पवित्र है उसका नाम!

उसकी कृपा उसके श्रद्धालु भक्तों पर
पीढ़ी-दर-पीढ़ी बनी रहती है।
उसने अपना बाहुबल प्रदर्शित किया है,
उसने घमण्डियों को तितर-बितर कर दिया है।

उसने शक्तिशालियों को उनके आसनों से गिरा दिया
और दीनों को महान् बना दिया है।
उसने दरिंद्रों को सम्पन्न किया
और धनियों को ख़ाली हाथ लौटा दिया है।

इब्राहीम और उनके वंश के प्रति
अपनी चिरस्थायी दया को स्मरण कर,
उसने हमारे पूर्वजों के प्रति अपनी प्रतिज्ञा के अनुसार
अपने दास इस्राएल की सुध ली है।"

पिता और पुत्र और पवित्र आत्मा की महिमा हो।
जैसे वह आदि में थी, अब है और अनन्त काल तक। आमेन।

अग्र : हे प्रभु, अपना बाहुबल प्रदर्शित कर, घमण्डियों को तितर-बितर कर दे और दीनों को महान बना।


सामूहिक निवेदन

अगुआ :हम उस पिता से निवेदन करें, जो स्वर्ग और पृथ्वी पर प्रत्येक परिवार का मूल आधार है, ताकि वह अपने आत्मा को हमारे हृदयओं में भेज दे।
समूह : हे प्रभु, दयापूर्वक हमारी प्रार्थना सुन।
• हे प्रभु, मानव जाति के सृजनहार और उध्दारक, हम हर जाति-वर्ग के लोगों की प्रेत्येक ज़रूरत के लिए प्रार्थना करते हैं – तू अपना मार्ग उन्हें दिखा और सब राष्ट्रों को अपनी मुक्ति-योजना प्रकट कर।
• तेरे पवित्र आत्मा द्वारा सारी कलीसिया संचालित तथा प्रभावित हो – जो लोग ख्रीस्तीय के नाम से जाने जाते हैं, उन्हें सत्य के मार्ग पर ले आ ताकि वे विश्वास की एकता में सदा सुदृढ़ बने रहें।
• जो लोग दुख-संकट से पीड़ित हैं, उन्हें हम तेरे वात्सल्य के सुपुर्द करते हैं – उनकी आवश्यदताओं के अनुसार तू उन्हें सान्त्वना और तेरे पवित्र आत्मा का प्रेममय दिलासा प्रदान कर।
• हे पिता, अनन्त जीवन और विश्रान्ति का स्थान उन्हें प्राप्त करा जो तेरी शान्ति में इस दुनिया से चल बसे हैं – उनके साथ हम भी ख्रीस्त येसु की महिमा के सहभागी बनें, जिन्होंने हमें बचाने के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिये।

हे हमारे पिता

समापन प्रार्थना

अगुआ : हे प्रभु, अपनी प्रजा की सुधि ले, उस पर अपनी दया दिखा। जैसे तू भूखों को स्वर्गिक भोजन से तृप्त करता है, वैसे अपनी समृध्दि से हमारी अकिंचनता दूर कर हमें समृध्द बना दे। हम यह प्रार्थना करते है, उन्हीं हमारे प्रभु येसु ख्रीस्त तेरे पुत्र के द्वारा जो परमेश्वर होकर तेरे तथा पवित्र आत्मा के साथ युगानुयुग जीते और राज्य करते हैं।
समूह : आमेन।
अगुआ : प्रभु हमको आशीर्वाद दे, हर बुराई से हमारी रक्षा करे और हमें अनन्त जीवन तक ले चले।
समूह : आमेन।


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