पूर्व सन्ध्या-वन्दना

वर्ष का सामान्य रविवार - 18


अगुआ : हे ईश्वर, हमारी सहायता करने आ जा।

समूह : हे प्रभु, हमारी सहायता करने शीघ्र ही आ जा।


अगुआ : पिता और पुत्र और पवित्र आत्मा की महिमा हो।

समूह : जैसे वह आदि में थी, अब है और अनन्त काल तक। आमेन।


मंगलगान


मार्गम्‍ अत्यम्‍ जीवन येसु, प्रियतम येसु अनुपम येसु।
सच्चाई का दर्पण येसु, सारे जग का जीवन येसु,
वह अपने भक्तों को मुक्ति देता।
शक्तिदाता है वह शक्ति देता।

गायेंगे हम प्रभु के गीत, हर वाणी से फूटेगी प्रीत,
गायेगा मेरे मन का ये सितार
झूमेगा संग मेरे सारा संसार

अग्र. 1 : हे प्रभु, मेरे पाँवों के लिए तेरा वचन दीपक है; अल्लेलूया।


स्तोत्र 118:105-112 संहिता में ईश्वर की वाणी पर चिन्तन।


तेरी शिक्षा मुझे ज्योति प्रदान करती
और मेरा पथ आलोकित करती है।
मैंने शपथ खायी और इसपर दृढ़ रहता हूँ
कि मैं तेरे न्यायसंगत निर्णयों का पालन करूँगा।

प्रभु! मेरा बहुत अधिक अपमान किया गया है,
अपनी प्रतिज्ञा के अनुसार मुझे नवजीवन प्रदान कर।
प्रभु! मेरी प्रार्थनाएं स्वीकार करने की कृपा कर,
मुझे अपने नियमों की शिक्षा प्रदान कर।

मैं निरन्तर हथेली पर जान रखता हूँ;
लेकिन मैंने तेरी संहिता नहीं भुलायी है।
विधर्मियों ने मेरे लिए जाल बिछाया है,
किन्तु मैं तेरे आदेशों से नहीं भटका हूँ।

तेरी शिक्षा मेरी सदा बनी रहने वाली विरासत है,
इस में मेरा हृदय रमता है।
मैं सदा, जीवन के अन्त तक,
तेरे सपनों पर चलने के लिए दृढ़संकल्प हूँ।

अग्र. हे प्रभु, मेरे पाँवों के लिए तेरा वचन दीपक है; अल्लेलूया।

अग्र. 2 : हे प्रभु, अपने सान्निध्य से तू मुझे परम आनन्द प्रदान करेगा; अल्लेलूया।


स्तोत्र 15 प्रभु मेरा सर्वस्व और मेरा भाग्य है।


प्रभु! मैं तेरी शरण आया हूँ, मेरी रक्षा कर।
मैं प्रभु से कहता हूँ, "तू ही मेरा ईश्वर है।
तुझ में ही मेरा कल्याण है।"

पृथ्वी के तथाकथित शक्तिशाली देवताओं से
मुझे कल्याण की आशा नहीं।
उनकी मूर्तियों असंख्य हैं,
सब उनकी पूजा करने दौड़ते हैं।

मैं उन्हें रक्त-बलि नहीं चढ़ाऊँगा,
मैं प्रार्थना में उनका नाम नहीं लूँगा।
प्रभु! मेरे सर्वस्व और मेरे भाग्य! तू ही मुझे संभालता है।
मेरा दायभाग बहुत रमणीय है, वह मुझे आनन्द प्रदान करता है।

मैं अपने परामर्शदाता ईश्वर को धन्य कहता हूँ।
रात को भी मेरा अन्तःकरण मुझे पथ दिखाता है।
मैं प्रभु को सदा अपनी आँखों के सामने रखता हूँ।
वह मेरे दाहिने विराजमान हैं, मैं विचलित नहीं होऊँगा।

मेरे हृदय में आनन्द है और मेरी आत्मा में उल्लास,
मेरा शरीर भी सुरक्षित है;
क्योंकि तू मेरी आत्मा को अधोलोक में नहीं छोड़ेगा,
तू अपने भक्त को कब्र में गलने नहीं देगा।

तू मुझे जीवन का मार्ग दिखायेगा,
तेरे साथ रह कर परिपूर्ण आनन्द प्राप्त होता है
और तेरे दाहिने सदा के लिए सुख-शान्ति।

अग्र. 2 : हे प्रभु, अपने सान्निध्य से तू मुझे परम आनन्द प्रदान करेगा; अल्लेलूया।

अग्र. 3 : पृथ्वी और अधोलोक के सब निवासी येसु का नाम सुनकर घुटने टेकें, अल्लेलूया।


भजन स्तुति - फिलि. 2:6-11


यद्यपि येसु मसीह ईश्वर थे
और उन को पूरा अधिकार था कि वह ईश्वर की बराबरी करें,

फिर भी उन्होंने दास का रूप धारण कर
तथा मनुष्यों के समान बन कर अपने को दीन-हीन बना लिया

और मनुष्य का रूप धारण करने के बाद
मरण तक, हाँ क्रूस पर मरण तक, आज्ञाकारी बन कर
उन्होंने अपने को और भी दीन बना लिया।

इसलिए ईश्वर ने उन्हें महान् बनाया
और उन को वह नाम प्रदान किया, जो सब नामों में श्रेष्ठ है,

जिससे ईसा का नाम सुन कर
आकाश, पृथ्वी तथा अधोलोक के सब निवासी घुटने टेकें
और पिता की महिमा के लिए
सब लोग यह स्वीकार करें कि ईसा मसीह प्रभु हैं।

अग्र. 3 : पृथ्वी और अधोलोक के सब निवासी येसु का नाम सुनकर घुटने टेकें, अल्लेलूया।


धर्मग्रन्थ-पाठ - कलो 1:3-6


हमारा पिता ईश्वर और प्रभु ईसा मसीह आप लोगों को अनुग्रह तथा शान्ति प्रदान करें! हमने ईसा मसीह में आप लोगों के विश्वास और सभी विश्वासियों के प्रति आपके भ्रातृप्रेम के विषय में सुना है। इसलिए हम आप लोगों के कारण अपने प्रभु ईसा के पिता को निरन्तर धन्यवाद देते और अपनी प्रार्थनाओं में आपका स्मरण करते रहते हैं। आपका विश्वास और भ्रातृप्रेम उस आशा पर आधारित है, जो स्वर्ग में आपके लिए सुरक्षित है और जिसके विषय में आपने तब सुना, जब सच्चे सुसमाचार का सन्देश 6) आपके पास पहुँचा। यह समस्त संसार में फैलता और बढ़ता जा रहा है।

लघु अनुवाक्य :

अगुआ :सूर्योदय से सूर्यास्त तक, प्रभु का नाम महान है।

समूह :सूर्योदय से सूर्यास्त तक, प्रभु का नाम महान है।
• स्वर्ग की ऊँचाई तक उसकी महिमा है।
• पिता और पुत्र और पवित्र आत्मा की महिमा हो।

मरियम गान


अग्र. : एक विशाल जन-समूह येसु के पास एकत्र हो गया था और उनके पास खाने को कुछ भी नहीं था। येसु ने शिष्यों को अपने पास बुला कर कहा – मुझे इन लोगों पर तरस आता है।

"मेरी आत्मा प्रभु का गुणगान करती है,
मेरा मन अपने मुक्तिदाता ईश्वर में आनन्द मनाता है;

क्योंकि उसने अपनी दीन दासी पर कृपादृष्टि की है।
अब से सब पीढ़ियाँ मुझे धन्य कहेंगी;
क्योंकि सर्वशक्तिमान् ने मेरे लिए महान् कार्य किये हैं।
पवित्र है उसका नाम!

उसकी कृपा उसके श्रद्धालु भक्तों पर
पीढ़ी-दर-पीढ़ी बनी रहती है।
उसने अपना बाहुबल प्रदर्शित किया है,
उसने घमण्डियों को तितर-बितर कर दिया है।

उसने शक्तिशालियों को उनके आसनों से गिरा दिया
और दीनों को महान् बना दिया है।
उसने दरिंद्रों को सम्पन्न किया
और धनियों को ख़ाली हाथ लौटा दिया है।

इब्राहीम और उनके वंश के प्रति
अपनी चिरस्थायी दया को स्मरण कर,
उसने हमारे पूर्वजों के प्रति अपनी प्रतिज्ञा के अनुसार
अपने दास इस्राएल की सुध ली है।"

पिता और पुत्र और पवित्र आत्मा की महिमा हो।
जैसे वह आदि में थी, अब है और अनन्त काल तक। आमेन।


अग्र. : एक विशाल जन-समूह येसु के पास एकत्र हो गया था और उनके पास खाने को कुछ भी नहीं था। येसु ने शिष्यों को अपने पास बुला कर कहा – मुझे इन लोगों पर तरस आता है।

सामूहिक निवेदन


अगुआ : पिता ईश्वर हमें अगाध प्रेम से आनन्दपूर्ण दिवस की ओर ले जा रहा है तब हम उसके अनन्त विश्राम में प्रवेश करेंगे।
समूह : हे र्पभु तुझमें ही हम पूरी आशा रखते हैं।
• हे पिता, हम अपने संत पिता ..... और धर्माध्यक्ष ... के लिए प्रार्थना करते हैं – उनके सेवा-कार्यों पर आशिष बरसा और उनका पथ-प्रदर्शन कर।
• रोगियों की सहायता कर कि वे ख्रीस्त के दुख-भोग में अपना दुख-दर्द सम्मिलित कर सकें – दुख-पीड़ा में जीवन और प्रेम की पूर्णता देख सकें।
• हे प्रभु, तुझे सिर रखने के लिए भी जगह नहीं थी – हमें बेघरबार लोगों की आवश्यकतायें समझने की बुध्दि दे।
• जो लोग खेती-बारी करते हैं, उनके कामों पर अपनी आशिष बरसा – पथ्वी की उपज को हम आभारी मन से ग्रहण करें।
• हे पिता, जो लोग ख्रीस्त की शान्ति में इस दुनिया से चल बसे हैं, उन्हें तू अपने स्वर्गिक धाम में प्रवेश पाने दे।

हे हमारे पिता ....



समापन प्रार्थना


अगुआ :हे प्रभु, हम सहर्ष स्वीकार करते हैं कि तूने हमारी सृष्टि की है और अपने विधान में तू हमारा संचालन करता है। अपने अचूक दयालुता से तू हमारी प्रार्थनाओं में हमें संभालता रह। तू हमारे अभ्यन्तर में अपने नव जीवन का संचार कर, उसकी रक्षा कर और उसे अनन्त जीवन के लिए फलप्रद बना दे। हम यह निवेदन करते हैं, उन्हीं हमारे प्रभु येसु ख्रीस्त तेरे पुत्र के द्वारा जो परमेश्वर होकर तेरे तथा पवित्र आत्मा के साथ युगानुयुग जीते और राज्य करते हैं।

समूह : आमेन।

अगुआ : प्रभु हमको आशीर्वाद दे, हर बुराई से हमारी रक्षा करे और हमें अनन्त जीवन तक ले चले।

समूह : आमेन।


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