प्रभात वन्दना

पास्का का पाँचवाँ सप्ताह - मंगलवार


अगुआ : प्रभु! हमारे अधरों को खोल दे।

समूह : और हम तेरे नाम का गुणगान करेंगे।


आमंत्रक स्तोत्र

आमन्त्रक अग्र. : प्रभु सचमुच जी उठे हैं; अल्लेलूया।

मंगलगान


अग्र. 1 : जो नीचे उतर आया है, वही अब स्वर्ग से भी ऊपर उठा है; अल्लेलूया।

स्तोत्र 23 प्रभु का मन्दिर में प्रवेश।

पृथ्वी और जो कुछ उस में है,
संसार और उसके निवासी-सब प्रभु का है;
क्योंकि उसी ने समुद्र पर उसकी नींव डाली
और जल पर उसे स्थापित किया है।

प्रभु के पर्वत पर कौन चढ़ेगा? उसके मन्दिर में कौन रह पायेगा?
वही, जिसके हाथ निर्दोष और हृदय निर्मल है,
जिसका मन असार संसार में नहीं रमता
जो शपथ खा कर धोखा नहीं देता।

ऐसे ही हैं वे लोग, जो प्रभु की खोज में लगे रहते हैं,
जो याकूब के ईश्वर के दर्शनों के लिए तरसते हैं।
प्रभु की आशिष उसे प्राप्त होगी,
मुक्तिदाता ईश्वर उसे धार्मिक मानेगा।

फाटको! मेहराब ऊपर करो!
प्राचीन द्वारो! ऊँचे हो जाओ!
महाप्रतापी राजा को प्रवेश करने दो।

वह महाप्रतापी राजा कौन है?
प्रभु ही वह महाप्रतापी राजा है-
समर्थ, शक्तिशाली और पराक्रमी।

हे फाटको! मेहराब ऊपर करो!
हे प्राचीन द्वारो! ऊँचे हो जाओ!
महाप्रतापी राजा को प्रवेश करने दो।

वह महाप्रतापी राजा कौन है?
वह महाप्रतापी राजा विश्वमण्डल का प्रभु है।

अग्र. : जो नीचे उतर आया है, वही अब स्वर्ग से भी ऊपर उठा है; अल्लेलूया।

अग्र. 2 : इन दिनों को सानन्द मनाओ और प्रभु की महिमा करो; अल्लेलूया।


भजन स्तुति : टोबीत 13:1-5, 7-8

जीवन्त ईश्वर सदा-सर्वदा धन्य है! उसका राज्य धन्य है।
वह दण्ड देता और दया करता है।

वह अधोलोक में उतारता और फिर महागत्र्त से निकलता है।
उसके हाथ से कोई नहीं बचता।

इस्राएल के पुत्रो! राष्ट्रों में उसका स्तुतिगान करो,
क्योंकि उसने तुम लोगों को उन में निर्वासित किया है।

उसने वहाँ अपनी महत्ता दिखलायी है।
समस्त प्राणियों के सामने उसकी स्तुति करो;

क्योंकि वह हमारा प्रभु है, हमारा ईश्वर और हमारा पिता।
वह सदा-सर्वदा ईश्वर हैं।

वह तुम्हारे अधर्म के कारण तुम को दण्ड देता है,
किन्तु वह तुम सब पर दया करेगा

देखो, उसने तुम्हारे लिए क्या किया
और ऊँचे स्वर में उसकी स्तुति करो।

प्रभु की दयालुता की स्तुति करो
और युग-योगों ते अधीश्वर को धन्य कहो।

जिस देश में निर्वासित हूँ,
वहाँ मैं उसकी स्तुति करता हूँ।

मैं एक पापी राष्ट्र के सामने
उसका सामर्थ्य और उसकी महिमा प्रकट करता हूँ।

पापियों! प्रभु के पास लौटो और उसके सामने धर्माचरण करो।
क्या जाने, वह तुम पर प्रसन्न हो जाये और तुम पर दया करे।
मैं अपने ईश्वर का स्तुतिगान करता हूँ
मैं स्वर्ग के राजा के कारण उल्लसित होकर आनन्द मनाता हूँ।

सब लोग उसकी महिमा करें
और येरूसालेम में उसका स्तुतिगान करें।

अग्र. : इन दिनों को सानन्द मनाओ और प्रभु की महिमा करो; अल्लेलूया।

अग्र. 3 : प्रभु सारी पृथ्वी को अपने प्रेम से ओत-प्रोत कर, अल्लेलूया।


स्तोत्र 32 विधाता का सुतिगान।

धर्मियों! प्रभु में आनन्द मनाओ!
स्तुतिगान करना भक्तों के लिए उचित है।
वीणा बजाते हुए प्रभु का धन्यवाद करो,
सारंगी पर उसका स्तुतिगान करो।

उसके आदर में नया गीत गाओ,
मन लगा कर वाद्य बजाओ।
प्रभु का वचन सच्चा है,
उसके समस्त कार्य विश्वसनीय हैं।

प्रभु को धार्मिकता और न्याय प्रिय हैं;
पृथ्वी उसकी सत्यप्रतिज्ञता से परिपूर्ण है।
उसके शब्द मात्र से आकाश बना है,
उसके श्वास मात्र से समस्त तारागण।

वह समुद्र का जल बाँध से घेरता
और महासागर को भण्डारों में एकत्र करता है
समस्त पृथ्वी प्रभु का आदर करे,
उसके सभी निवासी उस पर श्रद्धा रखें।

उसके मुख से शब्द निकलते ही यह सब बना है,
उसके आदेश देते ही यह अस्तित्व में आया है।
प्रभु राष्ट्रों की योजनाएं व्यर्थ करता
और उसके उद्देश्य पूरे नहीं होने देता है;

किन्तु उसकी अपनी योजनाएं चिरस्थायी हैं,
उनके अपने उद्देश्य पीढ़ी-दर-पीढ़ी बने रहते हैं।
धन्य है वह राष्ट्र, जिसका ईश्वर प्रभु है,
जिसे प्रभु ने अपनी प्रजा बना लिया है!

प्रभु आकाश के ऊपर से देखता
और समस्त मानवजाति पर दृष्टि दौड़ाता है।
वह अपने सिंहासन पर से
पृथ्वी के सब निवासियों का निरीक्षण करता है।

उसी ने सबों का हृदय गढ़ा है;
वह उनके सब कार्यों का लेखा रखता है।
राजा की सुरक्षा विशाल सेना से नहीं होती,
शूरवीर अपने बाहुबल से अपनी रक्षा नहीं कर सकता।

युद्धाश्व द्वारा विजय की आशा व्यर्थ है-
वह कितना ही बलवान् क्यों न हो, बचाने में असमर्थ है।

प्रभु की दृष्टि अपने भक्तों पर बनी रहती है,
उन पर, जो उसकी कृपा से यह आशा करते हैं
कि वह उन्हें मृत्यु से बचायेगा
और अकाल के समय उनका पोषण करेगा।

हम प्रभु की राह देखते रहते हैं,
वही हमारा सहायक और रक्षक है।
हम उसकी सेवा करते हुए आनन्दित हैं,
हमें उसके पवित्र नाम का भरोसा है।

प्रभु! तेरी कृपा हम पर बनी रहे,
जैसी हम तुझ से आशा करते हैं।

अग्र. : प्रभु सारी पृथ्वी को अपने प्रेम से ओत-प्रोत कर, अल्लेलूया।

धर्मग्रन्थ-पाठ : प्रेरित-चरित 13:30-33

ईश्वर ने येसु को तीसरे दिन मृतकों में से पुनर्जीवित किया और वह बहुत दिनों तक उन लोगों को दर्शन देते रहे, जो उनके साथ गलीलिया से येरूसालेम आये थे। अब वे ही जनता के सामने उनके साक्षी हैं। हम आप लोगों का यह सुसमाचार सुनाते हैं कि ईश्वर ने हमारे पूर्वजों से जो प्रतिज्ञा की थी, उसे उनकी संतति के लिए अर्थात् हमारे लिए पूरा किया है। उसने येसु को पुनर्जीवित किया है, जैसा कि द्वितीय स्तोत्र में लिखा है, तुम मेरे पुत्र हो। आज मैंने तुम को उत्पन्न किया हैं।

लघु अनुवाक्य
अगुआ : प्रभु मृतकों में से जी उठे हैं; अल्लेलूया, अल्लेलूया।
समूह : प्रभु मृतकों में से जी उठे हैं; अल्लेलूया, अल्लेलूया।
• वह हमारे लिए क्रूस पर मर गये।
• पिता और पुत्र और पवित्र आत्मा की महिमा हो।

ज़ाकरी गान

अग्र. : मैं तुम्हारे लिए शान्ति छोड़ जाता हूँ; अल्लेलूया। मैं अपनी शान्ति तुम्हें प्रदान करता हूँ; अल्लेलूया।

धन्य है प्रभु, इस्राएल का ईश्वर!
उसने अपनी प्रजा की सुध ली है
और उसका उद्धार किया है।
उसने अपने दास दाऊद के वंश में
हमारे लिए एक शक्तिशाली मुक्तिदाता उत्पन्न किया है।

वह अपने पवित्र नबियों के मुख से
प्राचीन काल से यह कहता आया है
कि वह शत्रुओं और सब बैरियों के हाथ से हमें छुड़ायेगा
और अपने पवित्र विधान को स्मरण कर
हमारे पूर्वजों पर दया करेगा।

उसने शपथ खा कर हमारे पिता इब्राहीम से कहा था
कि वह हम को शत्रुओं के हाथ से मुक्त करेगा,
जिससे हम निर्भयता, पवित्रता और धार्मिकता से
जीवन भर उसके सम्मुख उसकी सेवा कर सकें।

बालक! तू सर्वोच्च ईश्वर का नबी कहलायेगा,
क्योंकि प्रभु का मार्ग तैयार करने
और उसकी प्रजा को उस मुक्ति का ज्ञान कराने के लिए,
जो पापों की क्षमा द्वारा उसे मिलने वाली है,
तू प्रभु का अग्रदूत बनेगा।

हमारे ईश्वर की प्रेमपूर्ण दया से
हमें स्वर्ग से प्रकाश प्राप्त हुआ है,
जिससे वह अन्धकार और मृत्यु की छाया में बैठने वालों को ज्योति प्रदान करे
और हमारे चरणों को शान्ति-पथ पर अग्रसर करे।"

पिता और पुत्र और पवित्र आत्मा की महिमा हो
जैसे वह आदि में थी, अब है और अनन्त काल तक। आमेन।

अग्र. : मैं तुम्हारे लिए शान्ति छोड़ जाता हूँ; अल्लेलूया। मैं अपनी शान्ति तुम्हें प्रदान करता हूँ; अल्लेलूया।


सामूहिक निवेदन

अगुआ : प्रभुवर का शरीर-रूपी मंदिर मृत्यु द्वारा ध्वस्त हुआ तो उन्होंने अपनी ही दिव्य शक्ति से उस मंदिर का नवनिर्माण किया। आइये, हम आनन्द-विभोर होकर उनसे निवेदन करें।
समूह : हे प्रभु, हमें अपने पुनरुत्थान के वरदान से अनुगृहीत कर।
• हे प्रभु,तू ने अपने पुनर्जीवित शरीर के दर्शन देकर अपने प्रेरितों तथा भक्त महिलाओं को मुक्ति का सन्देश सुनाया – आज के युग में हम तेरे साक्षी बनें।
• तूने सब मनुष्यों को उनके पुनरुत्थान का वचन दिया – तू हमें अपने शुभ सन्देश के वाहक बना दे जिससे हमारे द्वारा लोगों के लिए नयी आशा के द्वार खुल जायें।
• तूने अपने शिष्यों को दर्शन दिये और उनमें पवित्र आत्मा की शक्ति फूँक दी – तू हममें भी अपने आत्मा की शक्ति का संचार कर, जो निर्माण और नवीन करता है।
• तूने संसार के अन्त तक अपने शिष्यों के साथ रहने का वचन दिया है – आज पूरा दिन और सदैव हमारे साथ रह।

हे हमारे पिता ....


समापन प्रार्थना

अगुआ :हे प्रभु, हमारे ईश्वर, ख्रीस्त के पुनरुत्थान में तू अनन्त जीवन के लिए हमारा नवनिर्माण करता है। अपनी प्रजा को विश्वास में दृढ़ता और आशा में स्थिरता प्रदान कर। हमें संदेह नहीं कि तू हमारे विषय में अपनी प्रतिज्ञा अवश्य पूरी करेगा। हम यह प्रार्थना करते हैं, उन्हीं हमारे प्रभु येसु ख्रीस्त तेरे पुत्र के द्वारा जो परमेश्वर होकर तेरे तथा पवित्र आत्मा के साथ युगानुयुग जीते और राज्य करते हैं।

समूह : आमेन।

अगुआ : प्रभु हमको आशीर्वाद दे, हर बुराई से हमारी रक्षा करे और हमें अनन्त जीवन तक ले चले।

समूह : आमेन।

अगुआ : ख्रीस्त की शांति में जाइये, अल्लेलूया, अल्लेलूया।

समूह : ईश्वर को धन्यवाद, अल्लेलूया, अल्लेलूया।


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Praise the Lord!