प्रभात वन्दना

येसु के पवित्रतम हृदय का महोत्सव


अगुआ : प्रभु! हमारे अधरों को खोल दे।

समूह : और हम तेरे नाम का गुणगान करेंगे।


आमंत्रक स्तोत्र

आमन्त्रक अग्र. : येसु का हृदय हमारे प्रति प्रेम के कारण घायल हुआ।


मंगलगान

हे येसु प्यारे येसु, तू मुझ पर आज दया कर,
अपने दिल सा बना दे, मेरे दिल को अपना कर।

छेदा गया तेरा दिल, मेरे पापों के कारण,
बह गया प्रेम का झरना, धोकर मुझे पावन कर।

है प्रेम का प्यासा वह, निज भक्तों का उपकारक,
अपमान से है छेदित, फिर भी करुणा का सागर

पत्थर-सा है मेरा दिल, उसे तेरे योग्य बनाकर,
अपना निवास बना अब, मेरी विनती तू पूरी कर।

सब तुझको धन्य मनायें, परिवार को तुझे चढ़ायें,
सब देश एक हो जायें, तेरा युग-युग गान गाकर।

अग्र. 1 :येसु ने उठ खड़े होकर कहा – “यदि कोई प्यासा हो तो वह मेरे पास आये और पीये।


स्तोत्र 62:2-9 प्रभु के दर्शनों के लिए तरसती आत्मा।


ईश्वर! तू ही मेरा ईश्वर है! मैं तुझे ढूँढ़ता रहता हूँ।
मेरी आत्मा तेरे लिए प्यासी है।
जल के लिए सूखी सन्तप्त भूमि की तरह,
मैं तेरे दर्शनों के लिए तरसता हूँ।

मैंने तेरे मंदिर में तेरे दर्शन किये,
मैंने तेरा सामर्थ्य और तेरी महिमा देखी है।
तेरी सत्यप्रतिज्ञता प्राणों से भी अधिक प्यारी है।
मेरा कण्ठ तेरी स्तुति करता था।

मैं जीवन भर तुझे धन्य कहूँगा
और तुझ से करबद्ध प्रार्थना करता रहूँगा।
मेरी आत्मा मानों उत्तम व्यंजनों से तृप्त होगी;
मैं उल्लसित हो कर तेरी स्तुति करूँगा।

मैं अपनी शय्या पर भी तुझे याद करता हूँ;
मैं रात भर तेरा मनन करता हूँ।
तू सदा मेरा सहारा रहा है;
मैं तेरे पंखों की छाया में सुखी हूँ।

मेरी आत्मा तुझे में आसक्त रहती है;
तेरा दाहिना हाथ मुझे सँभालता रहता है।

अग्र. :येसु ने उठ खड़े होकर कहा – “यदि कोई प्यासा हो तो वह मेरे पास आये और पीये।

अग्र. 2 :थके-माँदे और बोझ से दबे हुए लोगों, तुम सब के सब मेरे पास आओ। मैं तुम्हें विश्राम दूँगा।

भजन स्तुति : दानिएल 3:57-88, 56

प्रभु की समस्त कृतियों! प्रभु को धन्य कहो।
उसकी स्तुति करो और सदा-सर्वदा उसकी महिमा गाओ।
प्रभु के दूतों! प्रभु को धन्य कहो।
आकाश! प्रभु को धन्य कहो।

आकाश के ऊपर के जल! प्रभु को धन्य कहो।
विश्वमण्डल! प्रभु को धन्य कहो।
सूर्य और चंद्रमा! प्रभु को धन्य कहो।
आकाश के तारामण्डल प्रभु को धन्य कहो।

वर्षा और ओस! तुम दोनों प्रभु को धन्य कहो।
पवनो! तुम सब प्रभु को धन्य कहो।
अग्नि और ताप! प्रभु को धन्य कहो।
शीत और ग्रीष्म! प्रभु को धन्य कहो।

ओस और तुषार! प्रभु को धन्य कहो।
ठण्ड और पाले! प्रभु को धन्य कहो।
बर्फ और हिमपात! प्रभु को धन्य कहो।
रात और दिन! प्रभु को धन्य कहो।

प्रकाश और अन्धकार! प्रभु को धन्य कहो।
बिजली और बादलों! प्रभु की स्तुति करो
पृथ्वी प्रभु को धन्य कहे,
उसकी स्तुति करे और सदा-सर्वदा उसकी महिमा गाये।

पर्वतों और पहाड़ियों! प्रभु को धन्य कहो।
पृथ्वी के सब वनस्पतियो! प्रभु को धन्य कहो।
झरनो! प्रभु को धन्य कहो।
समुद्रों और नदियों! प्रभु को धन्य कहो।

मकर और जलचरगण! प्रभु को धन्य कहो।
आकाश के समस्त पक्षियो! प्रभु को धन्य कहो।
सब बनैले और पालतू पशुओं! प्रभु को धन्य कहो।
मनुष्य की सन्तति! प्रभु को धन्य कहो।

इस्राएल! प्रभु को धन्य कहो।
उसकी स्तुति करो और सदा-सर्वदा उसकी महिमा गाओ।
प्रभु के याजको! प्रभु को धन्य कहो।
प्रभु के सेवको! प्रभु को धन्य कहो।

धर्मियों की आत्मोओं! प्रभु को धन्य कहो।
संतो और हृदय के दीन लोगों! प्रभु को धन्य कहो।
हनन्या, अजर्या और मीशाएल! प्रभु को धन्य कहो,
उसकी स्तुति करो और सदा-सर्वदा उसकी महिमा गाओ।

हम पिता और पुत्र और पवित्र आत्मा को धन्य कहें।
उसकी स्तुति करें और सदा-सर्वदा उसकी महिमा गायें।
स्वर्ग में विराजमान प्रभु! तू धन्य है,
सदा-सर्वदा प्रशंसनीय महिमामय और सर्वोच्च।

अग्र. :थके-माँदे और बोझ से दबे हुए लोगों, तुम सब के सब मेरे पास आओ। मैं तुम्हें विश्राम दूँगा।

अग्र. 3 : हे पुत्र, तेरा हृदय मेरी ओर फिरे और तेरी आँखें मेरी सलाह की ओर उठें।

स्तोत्र 149 सन्तों का उल्लास।

प्रभु के आदर में नया गीत गाओ,
भक्तों की सभा में उसकी स्तुति करो।

इस्राएल अपने सृष्टिकर्ता में आनन्द मनाये।
सियोन के पुत्र अपने राजा का जयकार करें।

वे नृत्य करते हुए उसका नाम धन्य कहें,
डफली और सितार बजाते हुए प्रभु का भजन गायें;

क्योंकि प्रभु अपनी प्रजा को प्यार करता
और पददलितों का उद्धार करता है।

प्रभु के भक्त विजय के गीत सुनायें
और अपने शिविर में आनन्द मनायें।

उनका कण्ठ ईश्वर का गुणगान करे।
उनके हाथ में दुधारी तलवार हो,
जिससे वे अन्य जातियों से बदला चुकायें, राष्ट्रों को दण्डित करें,

उनके राजाओं को बेड़ियाँ पहना दें,
उनके नेताओं को लोहे की श्रृंखलाओं से बाँध लें
और उनके विरुद्ध दिया हुआ दण्ड पूरा करें।
इस में सभी भक्तों का गौरव है।
अग्र. : हे पुत्र, तेरा हृदय मेरी ओर फिरे और तेरी आँखें मेरी सलाह की ओर उठें।

धर्मग्रन्थ-पाठ : यिरमियाह 31:33

“वह समय बीत जाने के बाद मैं इस्राएल के लिए एक नया विधान ठहराऊँगा। प्रभु की यह वाणी है। - मैं अपना नियम उनके अभ्यन्तर में रख दूँगा, मैं उसे उनके हृदय पर अंकित करूँगा। मैं उनका ईश्वर होऊँगा और वे मेरी प्रजा होंगे।
लघु अनुवाक्य :
अगुआ : मेरा जुआ अपने ऊपर ले लो और मुझसे सिखो।
समूह : मेरा जुआ अपने ऊपर ले लो और मुझसे सिखो।
• मैं स्वभाव से नम्र और विनीत हूँ
• पिता और पुत्र और पवित्र आत्मा की महिमा हो।


ज़ाकरी गान

अग्र. : अपनी अपार दयालुता से ईश्वर हमारे पास आया; उसने अपने लोगों का उध्दार किया है, अल्लेलूया।

धन्य है प्रभु, इस्राएल का ईश्वर!
उसने अपनी प्रजा की सुध ली है
और उसका उद्धार किया है।
उसने अपने दास दाऊद के वंश में
हमारे लिए एक शक्तिशाली मुक्तिदाता उत्पन्न किया है।

वह अपने पवित्र नबियों के मुख से
प्राचीन काल से यह कहता आया है
कि वह शत्रुओं और सब बैरियों के हाथ से हमें छुड़ायेगा
और अपने पवित्र विधान को स्मरण कर
हमारे पूर्वजों पर दया करेगा।

उसने शपथ खा कर हमारे पिता इब्राहीम से कहा था
कि वह हम को शत्रुओं के हाथ से मुक्त करेगा,
जिससे हम निर्भयता, पवित्रता और धार्मिकता से
जीवन भर उसके सम्मुख उसकी सेवा कर सकें।

बालक! तू सर्वोच्च ईश्वर का नबी कहलायेगा,
क्योंकि प्रभु का मार्ग तैयार करने
और उसकी प्रजा को उस मुक्ति का ज्ञान कराने के लिए,
जो पापों की क्षमा द्वारा उसे मिलने वाली है,
तू प्रभु का अग्रदूत बनेगा।

हमारे ईश्वर की प्रेमपूर्ण दया से
हमें स्वर्ग से प्रकाश प्राप्त हुआ है,
जिससे वह अन्धकार और मृत्यु की छाया में बैठने वालों को ज्योति प्रदान करे
और हमारे चरणों को शान्ति-पथ पर अग्रसर करे।"

पिता और पुत्र और पवित्र आत्मा की महिमा हो
जैसे वह आदि में थी, अब है और अनन्त काल तक। आमेन।

अग्र. : अपनी अपार दयालुता से ईश्वर हमारे पास आया; उसने अपने लोगों का उध्दार किया है, अल्लेलूया।


सामूहिक निवेदन


अगुआ :हम स्वभाव से नम्र और विनीत प्रभु येसु से प्रार्थना करें।
समूह : हे प्रियतम प्रभु, हम पर दया कर।
• हे येसु! तुझमें ईश्वरता की पूर्णता विद्यमान है – तेरे ईश्वरीय स्वभाव के हम सहभागी बनें।
• हे येसु! तू ज्ञान और प्रज्ञा का पूर्ण भण्डार है – अपनी कलीसिया के द्वारा तू वह अपार ईश्वरीय ज्ञान का भण्डार हमारे लिए खोल दे।
• हे येसु! तुझ पर पिता अति प्रसन्न था – तेरी शिक्षा अमल करने में हम स्थिर रहें।
• हे येसु! हम सबको तेरी पूर्णता से अनुग्रह मिला है – हम पर अपने पिता का सत्य और कृपा प्रचुर मात्रा में बरसा।
• हे येसु! तू अमर जीवन और पवित्रता का स्रोत है – हमें प्रेम में पूर्ण और पवित्र बना दे।

हे हमारे पिता ....



समापन प्रार्थना


अगुआ :हे सर्वशक्तिमान ईश्वर, तेरे परम प्रिय पुत्र के हृदय का उत्सव मनाते हुए हम तेरे प्रेम के अदभुत कार्यों का स्मरण कर रहे हैं। येसु के पवित्रतम हृदय से हम प्रचुर कृपा प्राप्त करें क्योंकि वह स्वर्गिक वरदानों का अक्षय स्रोत है। हम यह प्रार्थना करते हैं, उन्हीं हमारे प्रभु येसु ख्रीस्त तेरे पुत्र के द्वारा जो परमेश्वर होकर तेरे तथा पवित्र आत्मा के साथ युगानुयुग जीते और राज्य करते हैं।

समूह : आमेन।

अगुआ : प्रभु हमको आशीर्वाद दे, हर बुराई से हमारी रक्षा करे और हमें अनन्त जीवन तक ले चले।

समूह : आमेन।


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Praise the Lord!