📖 - नहेम्या का ग्रन्थ

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अध्याय 06

1) जब सनबल्लट, टोबीयाह, अरबी गेशेम और हमारे अन्य विरोधियों को यह मालूम हुआ कि मैंने दीवार फिर से उठवा दी है और अब उस में दरार नहीं रह गयी है (यद्यपि मैंने अब तक फाटकों के किवाड़ नहीं लगाये थे) ,

2) तो सनबल्लट और गेशेम, दोनों ने मेरे पास यह कहला भेजा, "आइए, हम ओनो के मैदान के फ़िरीम गाँव में मिलें"। लेकिन वे मेरा बुरा करने के लिए षड़यन्त्र रच रहे थे;

3) इसलिए मैंने दूतों से उन्हें यह कहला भेजा, "मैं एक बड़ी योजना में व्यस्त हूँ। मैं नहीं आ सकता। यदि मैं काम छोड़ कर आपके पास आऊँ, तो वह बन्द हो जायेगा।"

4) उन्होंने इस तरह मुझ से चार बार कहलवाया। परन्तु मैंने हर बार एक ही उत्तर दिया।

5) अब सनबल्लट ने पाँचवीं बार उसी सन्देश के साथ मेरे पास अपना एक दूत भेजा। उसके हाथ में एक खुली चिट्ठी थी।

6) उस में लिखा थाः "लोगो में यह अफ़वाह है और गेशेम का भी कहना है कि आप और यहूदी लोग राजद्रोह करने की सोच रहे हैं और इसीलिए आप दीवार उठा रहे हैं। इस अफ़वाह के अनुसार आप उनके राजा भी होना चाहते हैं।

7) और यह भी कहा जाता है कि आप येरूसालेम में अपने को ही यूदा का राजा घोषित करवाने के लिए नबी नियुक्त कर चुके हैं। ये बातें राजा को निश्चय ही मालूम हो जायेंगी। इसलिए आप आइए, जिससे हम आपस में विचार कर लें।"

8) परन्तु मैंने उस से कहलवाया, "आप जो बातें कहते हैं, वे निराधार हैं। वे आपके ही दिमाग की उपज हैं।"

9) वे सब हमें डराना चाहते थे और कहते थे, "काम करते-करते उनके हाथ शिथिल पड़ जायेंगे और यह काम पूरा नहीं होगा।" परन्तु मैंने प्रार्थना की, "ईश्वर! तू मेरे हाथ सुदृढ़ कर"।

10) मैं किसी दिन महेटबएल के पौत्र, दलाया के पुत्र शमाया के घर गया। वह उस समय अपने घर में बन्द पड़ा था। उसने मुझ से कहा, "हम ईश्वर के मन्दिर के भीतरी भाग में मिलें और मन्दिर के दरवाजे़ भीतर से बन्दर कर लें, क्योंकि वे आपका वध करने आयेंगे। वे रात ही में आपका वध करने आयेंगे।"

11) लेकिन मैंने कहा, "क्या मुझ जैसे आदमी के लिए भागना उचित है और मुझ-जैसे आदमी को अपने प्राण बचाने के लिए मन्दिर के भीतर जाना चाहिए? मैं भीतर नहीं जाऊँगा।"

12) मुझे मालूम था कि उसे ईश्वर ने नहीं भेजा है। वह मुझ से ऐसा इसलिए कह रहा था कि टोबीयाह और सनबल्लट ने उसे ख़रीद लिया था।

13) वह इसलिए ख़रीदा गया था कि वह मुझे डराये और मन्दिर में प्रवेश कर पाप करूँ। इसके बाद वे इसकी चरचा करते हुए मुझे बदनाम करना चाहते थे।

14) मेरे ईश्वर! टोबीयाह और सनबल्लट को उनके कुकर्मों के कारण याद कर और नबिया नोअद्या और अन्य नबियों को भी, जो मुझे डराना चाहते थे।

15) एलूल मास के पच्चीसवें दिन, अर्थात् बावन दिन में, दीवार बन कर तैयार हो गयी।

16) जैसे ही हमारे सब विरोधियों ने यह सुना, हमारे आसपास के सभी लोग भयभीत हो उठे और अपने आप को छोटा समझने लगे। वे यह जान गये कि हमारे ईश्वर की सहायता से ही यह कार्य सम्पन्न हुआ है।

17) इन्हीं दिनों यूदा के कुलीन लोगों ने टोबीयाह के पास कई चिट्ठियाँ भेजीं और टोबीयाह के भी पत्र उन्हें मिले।

18) कारण यह था कि यूदा के बहुत-से लोगों ने शपथ खा कर टोबीयाह की सहायता करने की प्रतिज्ञा की थी; क्योंकि वह आरह के पुत्र शकन्या का दामाद था और उसके पुत्र योहानान ने बेरेक्या के पुत्र मशुल्लाम की पुत्री से विवाह किया था।

19) वे मेरे सामने उसके गुणों का उल्लेख करते और बाद में उस को बताते थे कि मैंने क्या-क्या कहा है। टोबीयाह मुझे डराने के लिए पत्र लिखता था।



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