07 जनवरी, ख्रीस्त-जयन्ती काल



(जिन जगहों पर प्रभु-प्रकाश का त्योहार जनवरी 8 इतवार को मनाया जाता है)

पहला पाठ : योहन का पहला पत्र 5:14-21

14) हमें ईश्वर पर यह भरोसा है कि यदि हम उसकी इच्छानुसार उस से कुछ भी मांगते हैं, तो वह हमारी सुनता है।

15) यदि हम यह जानते हैं कि हम जो भी मांगे, वह हमारी सुनता है, तो हम यह भी जानते हैं कि हमने जो कुछ मांगा है, वह हमें मिल गया है।

16) यदि कोई अपने भाई को ऐसा पाप करते देखता है, जो प्राणघातक न हो, तो वह उसके लिए प्रार्थना करे और ईश्वर उसका जीवन सुरक्षित रखेगा। यह उन लोगों पर लागू है, जिनका पाप प्राणघातक नहीं है; क्योंकि एक पाप ऐसा भी होता है जो प्राणघातक है। उसके विषय में मैं नहीं कहता कि प्रार्थना करनी चाहिए।

17) हर अधर्म पाप है, किन्तु हर पाप प्राणघातक नहीं है।

18) हम जानते हैं कि ईश्वर की सन्तान पाप नहीं करती। ईश्वर का पुत्र उसकी रक्षा करता है और वह दुष्ट के वंश में नहीं आती।

19) हम जानते हैं कि हम ईश्वर के हैं, जबकि समस्त संसार दुष्ट के वश में है।

20) हम जानते हैं कि ईश्वर का पुत्र आया है और उसने हमें सच्चे ईश्वर को पहचानने का विवेक दिया है। हम सच्चे ईश्वर में निवास करते हैं; क्योंकि हम उसके पुत्र ईसा मसीह में निवास करते हैं। यही सच्चा ईश्वर और अनन्त जीवन है।

21) बच्चो! असत्य देवताओं से अपने को बचाये रखो।


सुसमाचार : सन्त योहन 2:1-11

1) तीसरे दिन गलीलिया के काना में एक विवाह था। ईसा की माता वहीं थी।

2) ईसा और उनके शिष्य भी विवाह में निमन्त्रित थे।

3) अंगूरी समाप्त हो जाने पर ईसा की माता ने उन से कहा, "उन लोगो के पास अंगूरी नहीं रह गयी है"।

4) ईसा ने उत्तर दिया, "भद्रे! इस से मुझ को और आप को क्या, अभी तक मेरा समय नहीं आया है।"

5) उनकी माता ने सेवकों से कहा, "वे तुम लोगों से जो कुछ कहें वही करना"।

6) वहाँ यहूदियों के शुद्धीकरण के लिए पत्थर के छः मटके रखे थे। उन में दो-दो तीन तीन मन समाता था।

7) ईसा ने सेवकों से कहा, “मटकों में पानी भर दो“। सेवकों ने उन्हें लबालब भर दिया।

8) फिर ईसा ने उन से कहा, "अब निकाल कर भोज के प्रबन्धक के पास ले जाओ"। उन्होंने ऐसा ही किया।

9) प्रबन्धक ने वह पानी चखा, जो अंगूरी बन गया था। उसे मालूम नहीं था कि यह अंगूरी कहाँ से आयी है। जिन सेवकों ने पानी निकाला था, वे जानते थे। इसलिए प्रबन्धक ने दुल्हे को बुला कर

10) कहा, "सब कोई पहले बढि़या अंगूरी परोसते हैं, और लोगों के नशे में आ जाने पर घटिया। आपने बढि़या अंगूरी अब तक रख छोड़ी है।"

11) ईसा ने अपना यह पहला चमत्कार गलीलिया के काना में दिखाया। उन्होंने अपनी महिमा प्रकट की और उनके शिष्यों ने उन में विश्वास किया।


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Praise the Lord!