21 नवंबर

धन्य कुवारी मरियम का मंदिर में समर्पण

पहला पाठ: ज़कारिया का ग्रन्थ 2:14-17

14) प्रभु कहता है, “सियोन की पुत्री! आनन्द का गीत गा, क्योंकि मैं तेरे यहाँ निवास करने आ रहा हूँ।

15) उस दिन बहुत-से राष्ट्र प्रभु के पास आयेंगे। वे उसकी प्रजा बनेंगे, किन्तु वह तेरे यहाँ निवास करेगा“ और तू जान जायेगी कि विश्वमण्डल के प्रभु ने मुझे तेरे पास भेजा है।

16) तब प्रभु पुण्य भूमि में यूदा को फिर अपनी प्रजा बनायेगा और येरूसालेम को फिर अपनायेगा।

17) समस्त मानवजाति प्रभु के सामने मौन रहे। वह जाग कर अपने पवत्रि निवास से आ रहा है।

सुसमाचार : सन्त मत्ती 12:46-50

46) ईसा लोगों को उपदेश दे रहे थे कि उनकी माता और भाई आये। वे घर के बाहर थे और उन से मिलना चाहते थे।

47) किसी ने ईसा से कहा, ’’देखिए, आपकी माता और आपके भाई बाहर हैं। वे आप से मिलना चाहते हैं।’’

48) ईसा ने उस से कहा, ’’कौन है मेरी माता? कौन है मेरे भाई?

49) और हाथ से अपने शिष्यों की ओर संकेत करते हुए उन्होंने कहा, ’’देखो, ये हैं मेरी माता और मेरे भाई!

50) क्योंकि जो मेरे स्वर्गिक पिता की इच्छा पूरी करता है, वही मेरा भाई है, मेरी बहन और मरी माता।’’


Copyright © www.jayesu.com
Praise the Lord!