एक ही शब्द कह दीजिए ...

जब प्रभु येसु कहते हैं कि मैं आकर आपके नौकर को चंगा करूँगा, तब शतपति कहते हैं, “प्रभु! मैं इस योग्य नहीं हूँ कि आप मेरे यहाँ आयें। आप एक ही शब्द कह दीजिए और मेरा नौकर चंगा हो जायेगा” (मत्ती 8:8)। शतपति विश्वास करते हैं कि प्रभु येसु का एक ही शब्द बहुत शक्तिशाली होता है। यह भी ध्यान देने योग्य बात है कि नौकर येसु के सामने नहीं है। शतपति का मानना है कि प्रभु येसु दूर से ही एक शब्द कह कर उनके नौकर को चंगा कर सकते हैं।

ईश्वर ने कहा, ''प्रकाश हो जाये'', और प्रकाश हो गया (उत्पत्ति 1:3)। ईश्वर ने कहा, ''आकाश के नीचे का पानी एक ही जगह इक्कट्ठा हो जाये और थल दिखाई पड़े'', और ऐसा ही हुआ (उत्पत्ति 1:9)। ईश्वर ने कहा ''पृथ्वी पर हरियाली लहलहाये, बीजदार पौधे और फलदार पेड़ उत्पन्न हो जायें, जो अपनीअपनी जाति के अनुसार बीजदार फल लाये'', और ऐसा ही हुआ। (उत्पत्ति 1:11) ईश्वर ने कहा, ''दिन और रात को अलग कर देने के लिए आकाश में नक्षत्र हों। उनके सहारे पर्व निर्धारित किये जायें और दिनों तथा वर्षों की गिनती हो। वे पृथ्वी को प्रकाश देने के लिए आकाश में जगमगाते रहें'' और ऐसा ही हुआ। (उत्पत्ति 1:14-15)

प्रभु येसु ने कोढ़ी से कहा, “शुद्ध हो जाओ’’। उसी क्षण उसका कोढ़ दूर हो गया। (मत्ती 8:3) प्रभु ने अर्ध्दांगरोगी से कहा, “उठो और अपनी खाट उठा कर घर जाओ’’। और वह उठ कर अपने घर चला गया। (मत्ती 9:6-7) प्रभु ने रक्तस्राव-पीडिता से कहा, “बेटी, ढारस रखो। तुम्हारे विश्वास ने तुम्हें चंगा कर दिया है।’’ और वह स्त्री उसी क्षण चंगी हो गई। (मत्ती 9:22) प्रभु ने दो अंधों से कहा,”जैसा तुमने विश्वास किया, वैसा ही हो जाये’’। उनकी आँखें अच्छी हो गयीं। (मत्ती 9:29-30) उन्होंने सूख हाथ वाले से कहा, “अपना हाथ बढ़ाओ’’। उसने अपना हाथ बढ़ाया और वह दूसरे हाथ की तरह अच्छा हो गया। (मत्ती 12:13) प्रभु ने कनानी स्त्री से कहा, “नारी! तुम्हारा विश्वास महान् है। तुम्हारी इच्छा पूरी हो।’’ और उसी क्षण उसकी बेटी अच्छी हो गयी। (मत्ती 15:28) आँधी के समय प्रभु ने वायु को डाँटा और समुद्र से कहा, ’’शान्त हो! थम जा!’’ वायु मन्द हो गयी और पूर्ण शान्ति छा गयी। (मारकुस 4:39)

येसु ने जैरुस की मृत बेटी से कहा, “तालिथा कुम’’। लड़की उसी क्षण उठ खड़ी हुई और चलने-फिरने लगी। (मारकुस 5:41-42) प्रभु ने बहरे-गूँगे से कहा, “एफ़ेता’’, अर्थात् ’’खुल जा’’। उसी क्षण उसके कान खुल गये और उसकी जीभ का बन्धन छूट गया, जिससे वह अच्छी तरह बोला। (मारकुस 7:34-35) बहरे-गूँगे अपदूत से प्रभु ने कहा, “बहरे-गूँगे आत्मा! मैं तुझे आदेश देता हूँ- इस से निकल जा और इस में फिर कभी नहीं घुसना’’। अपदूत चिल्ला कर और लड़के को मरोड़ कर उस से निकल गया। (मारकुस 9:25-26)

येरीखो के अन्धे भिखारी बरतिमेयुस से प्रभु ने कहा, “जाओ, तुम्हारे विश्वास ने तुम्हारा उद्धार किया है’’। उसी क्षण उसकी दृष्टि लौट आयी और वह मार्ग में ईसा के पीछे हो लिया। (मारकुस 10:52) नाईन की विधवा के मृत बेटे से उन्होंने कहा, “युवक! मैं तुम से कहता हूँ, उठो’’। मुर्दा उठ बैठा और बोलने लगा। ईसा ने उसको उसकी माँ को सौंप दिया। (लूकस 7:14-15)

दस कोढियों से प्रभु ने कहा, “जाओ और अपने को याजकों को दिखलाओ’’, और ऐसा हुआ कि वे रास्ते में ही नीरोग हो गये। (लूकस 17:14) उन्होंने चार दिनों से मृत लाज़रुस से कहा, “लाजरुस बाहर निकल आओ”। मृतक बाहर निकला। (योहन 11:43-44)

प्रभु कहते हैं. “जिस तरह आकश पृथ्वी के ऊपर बहुत ऊँचा है, उसी तरह मेरे मार्ग तुम्हारे मार्गों से और मेरे विचार तुम्हारे विचारों से ऊँचे हैं। जिस तरह पानी और बर्फ़ आकाश से उतर कर भूमि सींचे बिना, उसे उपजाऊ बनाये और हरियाली से ढके बिना वहाँ नहीं लौटते, जिससे भूमि बीज बोने वाले को बीज और खाने वाले को अनाज दे सके, उसी तरह मेरी वाणी मेरे मुख से निकल कर व्यर्थ ही मेरे पास नहीं लौटती। मैं जो चाहता था, वह उसे कर देती है और मेरा उद्देश्य पूरा करने के बाद ही वह मेरे पास लौट आती है।” प्रभु ईश्वर हमें उनके वचनों को सुनने, हृदय से ग्रहण करने तथा उन पर विश्वास करने के लिए आमंत्रित करते हैं। प्रभु येसु ने सदूकियों से कहा था, “तुम लोग न तो धर्मग्रन्थ जानते हो और न ईश्वर का सामर्थ्य, इसलिए भ्रम में पडे़ हुए हो” (मत्ती 22:29)। प्रभु के वचनों को हृदय में संचित रखनेसे हम धार्मिक बनते हैं। प्रभु का वचन सत्य है (योहन17:17) और सत्य हमें स्वतन्त्र बना देगा (योहन 8:32)। प्रभु आपको आशिष दें।

-फादर फ्रांसिस स्करिया

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