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32. पास्का का चैथा इतवार

प्रेरित चरित 4:8-12; 1 योहन 3:1-2; योहन 10:11-18

ब्रदर उमेश टोप्पो (झाबुआ)


‘‘भला गड़ेरिया मैं हूँ। जिस तरह पिता मुझे जानता है और मैं पिता को जानता हूँ उसी तरह मैं अपनी भेड़ों को जानता हूँ और मेरी भेडें मुझे जानती हैं। मैं भेड़ों के लिए अपना जीवन अर्पित करता हूँ’’।

ख्रीस्त में प्यारे भाईयो एवं बहनों, आज के तीनों पाठ हमें याद दिलातें है कि येसु ख्रीस्त ही हमारा सच्चा चरवाहा है। वह एक सच्चे चरवाहे की तरह हमारी देखभाल करता, हमें प्रेम करता ओैर एक मां की तरह हमें सम्भलता, हमारे घावों पर पट्टी बाँधता तथा प्रचुर मात्रा में हमें शाँति एवं सुरक्षा प्रदान करता है।

जिस प्रकार एक गड़ेरिया अपनी भटकी हुई भेड़ के लिए विलाप करता है उसके लिए शोक मनाता है उसे ढूढ़ता है। उसी प्रकार प्रभु भी अपनी भटकी हुई प्रजा इस्राएल के लिए शोक मनाता है, अपनी प्रजा के दुःखों में सहभागी होता है। क्योंकि प्रभु को भी अपनी प्रजा के दुःखों से दुःख होता है। पुराना विधान हमें याद दिलाता है कि जब-जब इस्राएली जनता के ऊपर घोर अत्याचार एवं मुसीबतें होती थी पिता ईश्वर उनकी देखभाल करने के लिए न्यायकर्ताओं, राजाओं एवं नबियों को चुनकर भेजता था इनके द्वारा प्रभु अपनी प्रजा की सुधि लेता था।

क्योंकि प्रभु अपनी प्रजा को प्रेम करता है। उसे अपनी नजरों के सामने रखता है। ताकि वे भटक न जाए उससे दूर न हो जाए और जो प्रभु से दूर चले गये हैं, प्रभु उन्हें ढूढ़ता है, खोजता है। क्योंकि प्रभु कहता है ”मैं अपनी भेडों को खोजने जाऊँगा। कुहरे और अंधेरे में जहाँ कही वे तितर-बितर हो गयी हैं मैं उन्हें वहाँ से छुड़ा लाऊँगा। (34:12)

प्रभु की दृष्टि में सब मुल्यवान है सब बराबर है। किसी प्रकार के छोटे-बड़े का कोई भेद भाव की भवना नहीं है। प्रभु येसु ने हम पापियों की मुक्ति के लिए ही अपना सम्पूर्ण जीवन कुर्बान कर दिया। एक भले गड़ेरियों की तरह उसने अपनी भेड़ों के लिए अपने प्राण निछावर कर दिये। क्योंकि ”प्रभु कहता है भला गड़ेरिया मैं हूँ, भला गड़ेरिया अपनी भेड़ों के लिए अपना प्राण दे देता है’’।

यदि सचमुच में प्रभु हमारा भला गड़ेरिया है तो हमारी यह जिम्मेदारी बनती है कि हमें एक भेड़ के गुणों को अपनाना होगा। जिस प्रकार गड़ेरिया अपनी भेड़ों के आगे-आगे चलता है और उसकी भेड़े उसके पीछे-पीछे; भेड़ अपने मालिक की आवाज पहचानती है; जब वह उसे आवाज़ देता है तुरन्त उसके पास आ जाती है। हमें भी प्रभु येसु के पीछे-पीछे चलना है। उसके साथ जुड़े रहना है हरेक परिस्थिति में चाहे सुख हो या दुःख हो प्रभु में बने रहना है। हमें अपने आप को पूर्ण रूप से प्रभु के लिए खाली करना है क्योंकि प्रभु हम प्रत्येक जन को अपनी प्रजा की देखभाल करने के लिए नियुक्त किया है। पेत्रुस के पहले पत्र अध्याय 5:2-3 में प्रभु कहता है। ‘‘आप लोगों को ईश्वर का जो झुण्ड सांैपा गया, उसका चरवाहा बने। इश्वर की इच्छ के अनुसार उनकी देखभाल करें, लाचारी से नहीं बल्कि खुशी से; घिनौने लाभ के लिए नहीं; बल्कि सेवाभाव से; अपने सौंपे हुए लोगों पर अधिकार जताकर नहीं बल्कि झुण्ड के लिए आदर्श बन कर। आज हमारे सामने हमारे लिए बहुत सारे आदर्श लोग हैं जैसे हमारे माता-पिता, भाई, बहन, शिक्षक-शिक्षकायें एवं अनेक संत जन। इनसे हमें सीखना है इनके गुणों को हमें अपनाना है जिस प्रकार एक पति अपनी पत्नी के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाता है और पत्नी अपने पति के प्रति; शिक्षक-शिक्षकायें विद्यार्थियों के उज्वल भविष्य को जिम्मेदारी पुर्वक सवारते हैं।

उसी प्रकार हम ख्रीस्तियों की भी यह जिम्मेदारी बनती है कि हमें भी कलीसिया के उत्थान के लिए काम करना है, कंधे से कंधा मिलाकर आगे बढ़ना है दूसरों के लिए सुसामाचार बनना है। कुछ दिन पहले ही हमने येसु ख्रीस्त के पुनरुत्थान का त्यौहार मनाया है। प्रभु का क्रूस बलिदान, इससे बढ़कर कोई बलिदान नहीं है। प्रभु येसु ने हमारे पापों के लिए सुली पर चढ़कर वो हमारा मुक्तिदाता बन गया। पवित्र वचन कहता है जो प्रभु येसु पर विश्वास करता है उसका उद्धार होता है और उसे अनन्त जीवन प्राप्त होता है।

ऐसे येसु की पूजा, आराधना, स्तुति एवं वंदना करना हमारे लिए कितना सौभाग्य की बात है। दूसरे पाठ में हम सुनते है कि पेत्रुस ने एक लंगड़े व्यक्ति का उपकार किया और वह भला चंगा हो गया। लेकिन जनता के शासकों और नेताओं को ये नहीं सुहाया। पेत्रुस और योहन से पूछताछ करते हुए कहते हैं कि यह किस प्रकार भला चंगा हो गया तब पेत्रुस पवित्र आत्मा से परिपूर्ण होकर कहता है कि जिसे आप लोगों ने कू्रस पर चढ़ा दिया, उसी ने उन्हें चंगा किया है।

‘‘यह वही पत्थर है जिसे आप करीगरों ने निकाल दिया था और जो कोने का पत्थर बन गया है’’। आज समाज में भी यही महोल है जो व्यक्ति गरीब, बेसहरा, कमज़ोर और बदसुरत है उसके ऊपर तरह तरह के इल्ज़ाम लगाये जाते हैं, उसे नीचा दिखाया जाता है उन पर ज़ुल्म ढाया जाता है। आज हम भी उन्हीं लोगों का स्वागत करते हैं जिनसे हमें कुछ पाने की आशा होती है । हम उन्हीं को प्यार करते हैं जिनको हम जानते हैं जिनसे प्यार पाने की आशा करते हैं।

प्रभु का प्रेम साँसारिक प्रेम से परे है। जो प्रभु की शरण में जाता है वह प्रभुमय हो जाता है। मेरा यह विश्वास है कि प्रभु येसु ही हम सबों का उद्धार कर सकता है। प्यारे भाईयों आज के इस परिवेश में हमें मसीह को ढूँढ़ना है, उसे जानना है। फिलिपियों के नाम संत पौलुस के पत्र अध्याय 3:8-9 में हम पढ़ते है ”मैं प्रभु ईसा मसीह को जानना सर्वश्रेष्ठ लाभ मानता हूँ और ज्ञान की तुलना में हर वस्तु को हानि मानता हूँ उन्हीं के लिए मैंने सब कुछ छोड़ दिया है और उसे कूड़ा समझता हूँ जिसे मैं मसीह को प्राप्त करूँ और उनके साथ पूर्ण रूप से एक हो जाऊँ।’’ आइए हम पवित्र आत्मा से प्रार्थना करे कि ईश्वर की आत्मा हम सबों का मार्ग दर्शन करे और एक अच्छा गड़ेरिया बनने के लिए हमें प्रेरित करे। ताकि हम प्रभु की प्रजा की देखभाल कर सकें तथा उस जीवित येसु को दूसरों को देने योग्य बन सकें।


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