देखें – सुनें – प्यार करें: सुसमाचार आदान–प्रदान

आज हम अपनी बैठक अपने दैनिक जीवन की कुछ घटनाओं पर विचार करते हुए प्रारंभ करे।
कृपया आप में से कोई प्रभु को प्रार्थना द्वारा आमंत्रित करें।

1. देखें – अपने जीवन में झॉंकें
मैं आपको आमंत्रित करता हूँ कि आप अपने जीवन की कुछ व्यक्तिगत घटनाओं को बॉंटें – कार्यालय, घर अथवा पल्ली की कोई ऐसी घटना का उल्लेख करें, जिसने आपको व्यक्तिगत रूप से प्रभावित किया हो।
(तत्पश्चात्)
इन सभी अनुभवों में से हमारे विचार–विमर्श के लिए कोई एक अनुभव चुनें।
(तत्पश्चात्)
हम अपने आप से पूछें कि वास्तव में क्या हुआ था ?
क्या इस संबध में हमें और जानकारी मिल सकती है ?
यह क्यों हुआ, इसके क्या कारण थे ?
आपको कैसा लगता है ?

2. सुनें – ईश्वर को सुनें
हम तीन मिनिट मौन रहें और अपने से पूछें कि ईश्वर इस घटना के विषय में क्या सोचते और महसूस करते हैं ?
कुछ समय के लिए अपनी व्यक्तिगत भावनाओं को अलग रखें। हम इस घटना को ईश्वर की दृष्टि से देखें। हम कल्पना करें, अगर ईश्वर अब हमसे इस घटना के बारे में बात करें तो वे क्या कहेंगे ? हम बाईबिल नही खोलेंगे, लेकिन बाईबिल से कुछ ऐसे वाक्य या घटना याद करें जिससे हम परिचित हैं।
(3 मिनिट के बाद)
हम आदान–प्रदान करें, ईश्वर इस के बारे में क्या सोचते हैं ? इस बारे में ईश्वर की क्या राय है ?
(इस समय बाईबिल से कुछ उचित वाक्य पढे या बोले जा सकते हैं – अगर कोई उचित वाक्य नही मिलता है तो अगले चरण में प्रवेश कर सकते हैं)

3. प्यार करें– प्यार से प्रेरित कार्य करें
(हम नैतिक सुझाव न दें, परंतु स्वयं से पूछें)
ईश्वर इस परिस्थिति में हमारे दल से किस कार्य की आशा रखते हैं ?
हम किस प्रकार इस परिस्थिति में हमारे दल के सदस्य की सहायता कर सकते हैं ?
कौन, क्या, कब और कैसे करें ?
(तत्पश्चात्)
जो स्वयंप्ररित प्रार्थना करना चाहे, करे।
(तत्पश्चात्)
हम एक प्रार्थना या गीत के द्वारा बैठक का अंत करें।


Copyright © www.jayesu.com
Praise the Lord!