परम प्रसाद ग्रहण करने के उपरांत प्रार्थना - 1

(संत थॉमस अक्वीनस द्वारा रचित)

हे सर्वशक्तिमान पिता, शाश्वत ईश्वर, मैं तुझे धन्यवाद देता हूँ कि तूने मुझ पापी, तेरे अयोग्य सेवक को मेरे किसी गुण-पुण्य के कारण नहीं, बल्कि अपनी असीम दया मात्र से अपने पुत्र हमारे प्रभु येसु ख्रीस्त के अमूल्य शरीर तथा रक्त से भोजन कराया। मैं प्रार्थना करता हूँ कि यह परम प्रसाद मेरे विचार और दण्ड का कारण न बने, बल्कि पापों की क्षमा तथा मोक्ष का कारण बनें। यह परमप्रसाद मेरे विश्वास का हथियार, सद्भाव का कवच, बुराईयों का दमन, सभी बुरी इच्छाओं की सफाई बने। यह मेरे प्रेम, धैर्य, विनम्रता, आज्ञापालन तथा अन्य सद्गुणों को बढ़ाये। ये सभी दृर्श्य तथा अदृश्य शत्रुओं की योजनाओं से मेरी रक्षा करे और शरीर और आत्मा के सभी इच्छाओं को पूर्ण रूप से शान्त करे। यह परम प्रसाद तेरे साथ जो एकमात्र सच्चा ईश्वर है, मेरी पूर्ण एकता संभव बनाये, और जब तू मुझे बुलायेगा, तब तेरे परम आनन्द में पहुँचने के योग्य बना। मेरी प्रार्थना है कि तु मुझ पापी को उस अवर्णनीय उत्सव में भाग लेने की कृपा प्रदान कर जहाँ तू अपने पुत्र तथा पवित्र आत्मा के साथ तेरे संतों की सच्ची ज्योति, परम सुख, अनन्त आनन्द तथा परिपूर्ण खुशी है। हमारे प्रभु ख्रीस्त के द्वारा। आमेन।


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