पेत्रुस ने यहूदियों से कहा, "इब्राहीम, याकूब इसहाक के ईश्वर ने, हमारे पुरखों के ईश्वर ने अपने सेवक येसु को महिमान्वित किया है। आप लोगों ने उन्हें पिलातुस के हवाले कर दिया और जब पिलातुस उन्हें छोड़ देने का निर्णय कर चुका था, तो आप लोगों ने उन्हें अस्वीकार कर दिया। आप लोगों ने सन्त तथा धर्मात्मा को अस्वीकार कर हत्यारे की रिहाई की माँग की; जीवन के अधिपति को आप लोगों ने मार डाला। किन्तु ईश्वर ने उन्हें मृतकों में से जिलाया है। हम इस बात के साक्षी हैं।" "भाइयो! मैं जानता हूँ कि आप लोग, और आपके शासक भी, यह नहीं जानते कि हम क्या कर रहे हैं। ईश्वर ने इस प्रकार अपना वह कथन पूरा किया जिसके अनुसार उसके मसीह दुःख भोगने वाले थे और जिसे उसने सब नबियों के मुख से घोषित किया था। आप लोग पश्चात्ताप कीजिए और ईश्वर के पास लौट कर आइए, जिससे आपके पाप मिट जाय।"
प्रभु की वाणी।
अनुवाक्य : हे प्रभु! हम पर दयादृष्टि कर। (अथवा अल्लेलूया।)
1 हे ईश्वर! मेरे रक्षक! तू सदा मेरी प्रार्थना सुनता और मुझे संकट से छुड़ाता है। मुझ पर दया कर और मेरी प्रार्थना सुनने की कृपा कर।
2. यह समझ लो - प्रभु अपने भक्त के लिए चमत्कार दिखाता है। प्रभु सदा मेरी प्रार्थना सुनता है।
3. हे प्रभु! हम पर दयादृष्टि कर। तू ही मेरे हृदय को आनन्दित कर देता है।
4. हे प्रभु! मैं लेटते ही शान्ति से सो जाता हूँ, क्योंकि तू मुझे सुरक्षित रखता है।
बच्चो! मैं तुम लोगों को यह इसलिए लिख रहा हूँ कि तुम पाप न करो। किन्तु यदि कोई पाप करे, तो पिता के पास हमारे एक सहायक विद्यमान हैं, अर्थात् धर्मात्मा येसु मसीह। उन्होंने हमारे पापों के लिए प्रायश्चित्त किया है और न केवल हमारे पापों के लिए, बल्कि समस्त संसार के पापों के लिए भी। यदि हम उनकी आज्ञाओं का पालन करेंगे, तो उसी से हमें पता चलेगा कि हम उन्हें जानते हैं। जो कहता है कि मैं उन्हें जानता हूँ किन्तु उनकी आज्ञाओं का पालन नहीं करता, वह झूठा है और उस में सच्चाई नहीं है। परन्तु जो उनकी आज्ञाओं का पालन करता है, ईश्वर का प्रेम उस में परिपूर्णता तक पहुँच गया है।
प्रभु की वाणी।
अल्लेलूया, अल्लेलूया! हे प्रभु! हमारे लिए धर्मग्रंथ की व्याख्या कर। हम से बातचीत कर और हमारा हृदय उद्दीप्त कर दे। अल्लेलूया!
शिष्यों ने बताया कि रास्ते में क्या-क्या हुआ और कैसे उन्होंने येसु को रोटी तोड़ते समय पहचान लिया था। वे यह सब बता ही रहे थे कि येसु उनके बीच में आ कर खड़े हो गए। उन्होंने उन से कहा, "तुम्हें, शांति मिले!" परन्तु वे विस्मित और भयभीत हो कर यह समझ रहे थे कि वे कोई प्रेत देख रहे हैं। येसु ने उन से कहा, "तुम लोग क्यों घबराते हो? तुम्हारे मन में संदेह क्यों होता है?" "मेरे हाथ और मेरे पैर देखो मैं ही हूँ। मुझे स्पर्श कर देख लो - प्रेत के मेरे जैसा हाड़-मांस नहीं होता।" उन्होंने यह कह कर उन को अपने हाथ और पैर दिखाए। इस पर भी जब शिष्यों को आनन्द के मारे विश्वास नहीं हो रहा था और वे आश्चर्यचकित बने हुए थे, तो येसु ने कहा, "क्या यहाँ तुम्हारे पास खाने को कुछ है? " उन्होंने येसु को भूनी मछली का एक टुकड़ा दिया। उन्होंने उसे लिया और उनके सामने ही खाया। - येसु ने उन से कहा, "मैंने तुम्हारे साथ रहते समय तुम लोगों से कहा था कि जो कुछ मूसा की संहिता में और नबियों में तथा भजनों में मेरे विषय में लिखा है, सब का पूरा हो जाना आवश्यक है।" तब उन्होंने उनके मन का अंधकार दूर करते हुए उन्हें धर्मग्रंथ का मर्म समझाया और उन से कहा, "ऐसा ही लिखा है कि मसीह दुःख भोगेंगे, तीसरे दिन मृतकों में से जी उठेंगे और उनके नाम पर येरुसालेम से ले कर सभी राष्ट्रों को पापक्षमा के लिए पश्चात्ताप का उपदेश दिया जाएगा। तुम लोग इन सब बातों के साक्षी हो।"
प्रभु का सुसमाचार।