कुछ लोग यहूदिया से अंताखिया आये और भाइयों को यह शिक्षा देने लगे कि यदि मूसा से चली आयी हुई प्रथा के अनुसार आप लोगों का खतना नहीं होगा, तो आप को मुक्ति नहीं मिलेगी। इस विषय पर पौलुस तथा बरनाबस और उन लोगों के बीच तीव्र मतभेद और वाद-विवाद छिड़ गया, और यह निश्चय किया गया कि पौलुस तथा बरनाबस अंताखिया के कुछ लोगों के साथ येरुसालेम जायेंगे और इस समस्या पर प्रेरितों तथा पुरोहितों से परामर्श करेंगे। अंताखिया की कलीसिया ने उन्हें विदा किया। वे फेनिसिया तथा समारिया हो कर यात्रा करते हुए वहाँ के सब भाइयों को गैरयहूदियों के धर्मपरिवर्तन के विषय में बता कर बहुत आनन्दित कर देते थे। जब वे येरुसालेम पहुँचे, तो कलीसिया, प्रेरितों तथा पुरोहितों ने उनका स्वागत किया और उन्होंने बताया कि ईश्वर ने उनके द्वारा क्या-क्या कर दिखाया है। फरीसी सम्प्रदाय के कुछ सदस्य, जो विश्वासी हो गये थे, उठ कर कहने लगे कि ऐसे लोगों का खतना करना चाहिए और उन्हें आदेश देना चाहिए कि वे मूसा-संहिता का पालन करें। प्रेरित और पुरोहित इस समस्या पर विचार करने के लिए एकत्र हुए।
प्रभु की वाणी।
अनुवाक्य : मुझे यह सुन कर कितना आनन्द हुआ - आओ, हम ईश्वर के मंदिर चलें। (अथवा : अल्लेलूया!)
1. मुझे यह सुन कर कितना आनन्द हुआ - आओ, हम ईश्वर के मंदिर चलें। हे येरुसालेम! अब हम पहुँचे हैं, हमने तेरे फाटकों में प्रवेश किया है।
2. यहाँ इस्राएल के वंश, प्रभु के वंश आते हैं। वे ईश्वर का स्तुतिगान करने आते हैं, जैसा कि इस्राएल को आदेश मिला है। यहाँ न्याय के आसन संस्थापित हैं और दाऊद के वंश का सिंहासन भी।प>
अल्लेलूया! प्रभु कहते हैं, "तुम मुझ में रहो और मैं तुम में रहूँगा। जो मुझ में रहता है, वही बहुत फलता है।” अल्लेलूया!
येसु ने अपने शिष्यों से यह कहा, "मैं सच्ची दाखलता हूँ और मेरा पिता बागबान है। वह उस डाली को, जो मुझ में नहीं फलती, काट देता है और उस डाली को, जो फलती है, छाँटता है जिससे वह और भी अधिक फल उत्पन्न करे। मैंने तुम लोगों को जो शिक्षा दी है, उसके कारण तुम शुद्ध हो गये हो। तुम मुझ में रहो और मैं तुम में रहूँगा। जिस तरह दाखलता में रहे बिना डाली स्वयं नहीं फल सकती, उसी तरह मुझ में रहे बिना तुम भी नहीं फल सकते। "मैं दाखलता हूँ और तुम डालियाँ हो। जो मुझ में रहता है और मैं जिस में रहता हूँ, वही बहुत फलता है; क्योंकि मुझ से अलग रह कर तुम कुछ भी नहीं कर सकते। यदि कोई मुझ में नहीं रहता, तो वह सूखी डाली की तरह फेंक दिया जाता है। लोग ऐसी डालियाँ बटोर लेते हैं और आग में झोंक कर जला देते हैं। यदि तुम मुझ में रहो और तुम में मेरी शिक्षा बनी रहे, तो तुम जो चाहो माँगो, वह तुम्हें दिया जायेगा। मेरे पिता की महिमा इस से प्रकट होगी कि तुम लोग बहुत फल उत्पन्न करो और मेरे शिष्य बने रहो।”
प्रभु का सुसमाचार।